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इंडोनेशिया में नई आपदा... 'Cold Lava' का कहर, बह गया पूरा इलाका, 52 मौतें, 249 घर ध्वस्त, देखिए Photos

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST
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इंडोनेशिया के पश्चिमी सुमात्रा में ठंडे लावा (Cold Lava) का फ्लैश फ्लड आया. इसकी वजह से 52 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. 3000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. ये कोई साधारण बाढ़ नहीं थी. इसमें ठंडे लावा के साथ, कीचड़, बाढ़, पानी, बारिश सबकुछ मिला था. (फोटोः एपी)

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इंडोनेशिया के मौसम विभाग का कहना है कि अभी अगले हफ्ते तक इसी तरह से बारिश होती रहेगी. इसलिए आशंका है कि फ्लैश फ्लड, भूस्खलन, कोल्ड लावा का बहाव हो सकता है. इसमें पत्थरों के साथ पानी और ज्वालामुखीय राख भी बहकर साथ में आएगी. (फोटोः गेटी)

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कोल्ड लावा के फ्लैश फ्लड से पश्चिमी सुमात्रा के तीन जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. ये कोल्ड लावा का बहाव इंडोनेशिया में लहार (Lahar) के नाम से जाना जाता है. आमतौर पर यह सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी से बहकर नीचे आता है. पिछले साल दिसंबर में मेरापी के विस्फोट से 20 लोग मारे गए थे. (फोटोः रॉयटर्स)

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इसके बाद से मेरापी में लगातार विस्फोट हो रहे हैं. तब से अब तक 52 लोग मारे जा चुके हैं, 45 लोगों की पहचान हो पाई है. स्थानीय रेस्क्यूअर, पुलिस और मिलिट्री के लोग लगातार लोगों की खोज कर रहे हैं. अब भी कोल्ड लावा के फ्लैश फ्लड में 17 लोग लापता हैं. (फोटोः एपी)

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पश्चिमी सुमात्रा डिजास्टर एजेंसी के प्रवक्ता इलहाम वहाब ने कहा कि कोल्ड लावा के फ्लैश फ्लड से 249 घर बर्बाद हो गए हैं. 225 हेक्टेयर जमीन खराब हो गई है. इसमें चावल के खेत भी शामिल हैं. ज्यादातर सड़कें और ब्रिज डैमेज हुए हैं. बाढ़ तो थम गई है. लेकिन चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ है.  (फोटोः एपी)

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मंगलवार तक 3396 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. लोगों को तंबु, खाना, हाइजीनिक किट, पोर्टेबल टॉयलेट, वाटर प्यूरीफायर दिया गया है. राहत सामग्री पहुंचाने में देरी हो रही है, क्योंकि सड़कों पर कई फीट ऊंचा कीचड़ जमा है. कचरा जमा है. जो ऊपरी हिस्से बहकर निचले इलाकों में आया है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इंडोनेशिया के मौसम विभाग के प्रमुख द्विकोरिता कर्नावती ने कहा कि पश्चिमी सुमात्रा में इस हफ्ते अभी और बारिश की आशंका है. इसका मतलब ये है कि लोगों को 17 से 22 मई के बीच तेज बारिश के बाद फ्लैश फ्लड, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक घटनाओं के लिए तैयार रहना होगा. (फोटोः एपी)

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लोगों को पहाड़ों से दूर रहने के लिए कहा गया है, क्योंकि लैंडस्लाइड का खतरा ज्यादा है. 23 वर्षीय स्थानीय निवासी रोजा योलांडा ने कहा बारिश हो रही थी. अचानक लाइट चली गई. पानी घर में घुस आया. इसके बाद बाढ़ और कीचड़ ने मुझे मेरे घर से 200 मीटर दूर फेंक दिया. मेरी गर्दन लकड़ियों के बीच फंस गई थी. (फोटोः रॉयटर्स)

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रोजा ने बताया कि वह दीवारों और खिड़कियों से टकराती हुईं आखिरकार एक जगह जाकर बहती हुई लकड़ियों के ढेर में फंस गईं. उनके पूरे शरीर पर खरोंच और कटे-पिटे के निशान हैं. उनके पिता अब भी लापता हैं. बचावकर्मी ट्रैक्टर, जेसीबी आदि की मदद से कीचड़ हटा रहे हैं. लेकिन इसमें काफी समय लगेगा. (फोटोः रॉयटर्स)

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इंडोनेशिया में कुल मिलाकर 17 हजार से ज्यादा आइलैंड्स हैं. लाखों लोग पहाड़ों के नीचे मौजूद मैदानी इलाकों में रहते हैं. इस घटना से दो महीने पहले भी पश्चिमी सुमात्रा में फ्लैश फ्लड आया था. जिसमें 26 लोग मारे गए थे. 11 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे.  माउंट मेरापी ज्वालामुखी के विस्फोट का कोई अंदाजा नहीं रहता. (फोटोः रॉयटर्स)

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माउंट मेरापी कभी भी फट सकता है. वह इस समय बहुत ज्यादा सक्रिय चल रहा है. पिछले साल दिसंबर में उसने कई धमाके किए. फिर कुछ दिन शात रहा. लेकिन इस साल जनवरी से वह फिर से एक्टिव हो गया है. यह इंडोनेशिया के 120 एक्टिव ज्वालामुखियों में से एक है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इंडोनेशिया रिंग ऑफ फायर इलाके में हैं. जहां पर कई टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में मिलती हैं. इसलिए इस इलाके में बहुत ज्यादा भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं. यहीं पर दुनिया के सबसे ज्यादा ज्वालामुखी भी मौजूद हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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