Advertisement

साइंस न्यूज़

US के टॉप इंस्टीट्यूट ने कहा- डेल्टा वैरिएंट सबसे खतरनाक, अमेरिका समेत पूरी दुनिया इससे बचे

aajtak.in
  • न्यूयॉर्क,
  • 11 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST
Dominant Delta Variant CDC
  • 1/8

अमेरिका के सर्वोच्च मेडिकल संस्थान सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा है कि अब कोरोना वायरस का सबसे प्रमुख और खतरनाक वैरिएंट Delta है. यह लगातार अमेरिका और दुनियाभर के लोगों को संक्रमित कर रहा है. पिछले दो हफ्तों में अमेरिका में आए कोरोना मामलों में से आधे डेल्टा वैरिएंट के हैं. अमेरिका के कुछ इलाकों में लोग अब भी वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे हैं, जिसके चलते अमेरिकी सरकार चिंता में है. वैक्सीन न लगवाने वालों में बच्चे भी शामिल हैं. (फोटोः गेटी)

Dominant Delta Variant CDC
  • 2/8

डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) सबसे पहले पिछले साल अक्टूबर में भारत में दर्ज किया गया था. इसे B.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है. इस समय अमेरिका में जितने भी कोरोना के केस हैं, उनमें से 51.7 फीसदी केस डेल्टा वैरिएंट के हैं. ये डेटा 20 जून से लेकर 3 जुलाई के बीच का है. वहीं, अल्फा (Alpha) वैरिएंट या B.1.1.7, जिसे पहली बार यूके में दर्ज किया गया था. यह भी अमेरिका में 28.7 फीसदी कोरोना मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है. (फोटोः गेटी)

  • 3/8

सीडीसी (CDC) का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) बहुत तेजी से अमेरिका में फैला. अब यह देश और दुनिया के सबसे प्रमुख कोरोना वैरिएंट है. मई में इसके मामले सिर्फ 10 फीसदी थे, जो 6 जून से 19 जून के बीच तेजी से बढ़कर 30 फीसदी हो गए. सीडीसी ने बताया कि आयोवा, कन्सास, मिसौरी में डेल्टा वैरिएंट 80.7 फीसदी फैला हुआ है. वहीं, नेब्रास्का, कोलोराडो, मोंटाना, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, उटाह, व्योमिंग में 74.3 फीसदी संक्रमण फैला है. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 4/8

अमेरिका जैसे देश जहां पर सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन किया गया है, वहां पर डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) ने उन लोगों को अपना शिकार बनाया, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी. या फिर वो इससे चूक गए थे. खासतौर से युवा और बच्चों को संक्रमण हुआ. सीडीसी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को फिलहाल मानने से मना कर दिया है. जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन लगवा चुके लोग भी मास्क लगाकर रहेंगे. (फोटोः गेटी)

  • 5/8

वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ भी प्रभावी हैं. लोगों को गंभीर रूप से बीमार पड़ने से रोक रही हैं. साथ ही लोगों को अस्पताल जाने से भी बचा रही हैं. लेकिन अमेरिका के पांच राज्यों मिसिसिप्पी, लुसियाना, इडाहो, व्योमिंग और अलाबामा में अब भी 40 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोनावायरस वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई है. इसे देखते हुए पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट काफी चिंतित हैं. (फोटोः गेटी)

  • 6/8

डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) की वजह से पूरी दुनिया परेशान है. क्योंकि कोरोना वायरस का यह वैरिएंट वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है. इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया, यूके, इजरायल और कई यूरोपीय देशों में वापस से लॉकडाउन लगाना पड़ा. इसलिए अमेरिका में भी इसे लेकर काफी डर का माहौल है. यह अल्फा वैरिएंट से 40 से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक है. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 7/8

डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) वुहान से निकले वैरिएंट से भी 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक है. इसकी वजह से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. यूके में डेल्टा वैरिएंट का असर कम है, लेकिन वहां हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि अगर तेजी से वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जाए. लोग खुद जाकर वैक्सीन लगवाएं तो डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के प्रभाव में आने से बच सकते हैं. या फिर उसकी गंभीरता को कम कर सकते हैं. (फोटोः गेटी)

  • 8/8

सिर्फ वैक्सीनेशन से पूरी सुरक्षा नहीं मिलेगी. लोगों को वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क लगाना होगा, ताकि वो डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) या किसी अन्य वैरिएंट के संक्रमण और गंभीरता से बच सकें. बच्चे इस वैरिएंट से इम्यून नहीं हैं. न ही युवा. इसलिए इन्हें बचाना बेहद जरूरी है. अभी अमेरिका में सिर्फ 47 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज लगी है. (फोटोः गेटी)

Advertisement
Advertisement