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साइंस न्यूज़

गर्म होती जलवायु की वजह से वफादार पक्षियों में भी हो रहा Divorce, ज्यादा केस लंबी दूरी वाले रिश्तों में

aajtak.in
  • लंदन,
  • 10 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST
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इंसान अपने रिश्ते तो संभाल नहीं पा रहा है. दूसरे जीवों का भी बिगाड़ रहा है. एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि पक्षियों में तलाक हो रहा है. सबसे ज्यादा उन पक्षियों में जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं. यानी एक सीजन से दूसरे सीजन के बीच हजारों किलोमीटर की दूरी. स्पष्ट तौर पर इनकी वजह इंसान हैं. (फोटोः गेटी)

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हम इंसानों की वजह से कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ रहा है. जंगल कट रहे हैं. नए शहर बस रहे हैं. ऐसे में इन पक्षियों के ब्रीडिंग और खाने की जगह खराब हो रही है. पक्षियों की 90 फीसदी प्रजाति जीवनभर एक साथी के साथ काटते हैं. लेकिन एक स्टडी में पता चला है कि 232 प्रजातियों के पक्षी अब अपने साथी से तलाक ले रहे हैं. तलाक की दर तेजी से बढ़ रही है. (फोटोः गेटी)

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नर और मादा पक्षी पुराने पार्टनर को छोड़कर नए साथियों की तलाश कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह है जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग. ये दोनों ही वजहें इंसानों द्वारा पैदा की गई हैं. (फोटोः पिक्साबे)

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चीन में मौजूद सुन याट सेन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर लियु यांग और उनके साथियों ने मिलकर 232 प्रजातियों के पक्षियों का अध्ययन किया. लियु की स्टडी में सामने आया कि उन पक्षियों में ब्रेक-अप और तलाक की दर ज्यादा है, जो साल में दो बार एक जगह से दूसरी जगह खाने और ब्रीडिंग के लिए जाते हैं. (फोटोः गेटी)

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ऑस्ट्रेलिया के आर्मीडेल स्थित न्यू इंग्लैंड यूनिवर्सिटी की पक्षी विज्ञानी जिसेला कापलान ने कहा कि ज्यादा दूरी तय करते समय पक्षियों को अलग-अलग जलवायु से गुजरना होता है. इससे उन पर मानसिक दबाव बनता है. साथ ही तबियत बिगड़ती है. ऐसे में साथी पक्षी का साथ लौट पाना मुश्किल होता है. कई बार एक पक्षी द्वारा खाना और ब्रीडिंग से मना करने की वजह से भी साथी पक्षी उन्हें छोड़ देता है. (फोटोः अन्स्प्लैश)

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जिसेला ने कहा कि इंसानों द्वारा फैलाए गए प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग के अलावा इसके पीछे खराब मौसम, तूफान और अन्य प्रकार के एक्सट्रीम वेदर यानी अत्यधिक खराब मौसम हो सकता है. ऐसे मामले ज्यादातर ब्लैक ब्रोड अल्बाट्रोस पक्षियों के साथ देखने को मिला है. (फोटोः पिक्साबे)

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सिर्फ उड़ने वाले ही नहीं बल्कि एंपरर पेंग्विंस में तलाक की दर 85 फीसदी बढ़ी है. इशके अलावा पिपिंग प्लोवर में तलाक और ब्रेक-अप की दर दो तिहाई बढ़ गई है. मलार्ड्स नाम के माइग्रेटरी पक्षियों बेहद वफादार होते हैं. इनमें ब्रेक-अप और तलाक की दर सिर्फ 9 फीसदी है. (फोटोः पेक्सेल)

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इन पक्षियों की उड़ान क्षमता, प्रजनन क्षमता और मानसिक संतुलन गर्म होते वातावरण की वजह से बिगड़ रहा है. समुद्री सतह का तापमान भी लगातार बढ़ रहा है. कई बार ये जिस स्थान पर जाकर ब्रीडिंग करते हैं, वहां पर मौसम आगे-पीछे हो जाता है. यानी भारत में अगर सर्दियां लेट आईं तो रूस से आने वाले पक्षियों को ये बात तो पता नहीं है. उन्हें दिक्कत होती है. (फोटोः पिक्साबे)

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यूनिवर्सिटी ऑफ लिस्बन के बर्ड बायोलॉजिस्ट फ्रांसेस्को वेंचुरा ने कहा कि यहां भी इंसानों की तरह एकदूसरे पर आरोप लगाने का काम चलता है. अगर लंबी दूरी तक करके आने वाले थके हुए नर पक्षी का प्रजनन के समय परफॉर्मेंस खराब होता है तो मादा पक्षी ये सोच सकती है कि उसके नर में अब दम नहीं बचा. वो दूसरा खोजने लगती है. (फोटोः पिक्साबे)

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प्रजनन के समय नर पक्षी की परफॉर्मेंस कई वजहों से खराब हो सकती है. खाना न मिलना, थकान, खराब मौसम, जलवायु परिवर्तन, ज्यादा गर्मी. ये सिर्फ नर के साथ ही नहीं है. मादा पक्षियों के साथ भी है. ऐसे में ये पक्षी नए साथी की तलाश में निकल देते हैं. यानी सिर्फ इंसानों की हरकतों की वजह से पक्षियों में बढ़ रहे हैं ब्रेक-अप और तलाक के मामले. (फोटोः पिक्साबे)

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