इस साल गर्मी ने अपना नया ही रूप दुनिया को दिखाया है. गर्मी अपने समय से पहले आ गई. वह भी भीषण रूप में. 2022 में पृथ्वी पर सबसे ज़्यादा गर्मी की शुरुआत मार्च के महीने में ही हो गई. 143 सालों में इस साल मार्च का महीना, पांचवा सबसे गर्म मार्च रहा है. (फोटोः पिक्साबे)
NOAA के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन के वैज्ञानिकों के मुताबिक, 1880 के बाद से अब तक यह साल दुनिया का पांचवां सबसे गर्म साल रहा है. NOAA की मासिक वैश्विक जलवायु रिपोर्ट (Global Climate Report) से जुड़ी कुछ खास बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है. (फोटोः पिक्साबे)
मार्च 2022 में औसत वैश्विक भूमि और समुद्री सतह का तापमान -16.82 डिग्री सेल्सियस था. यह 20वीं सदी के औसत 12.7 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा था. ग्लोबल क्लाइमेट रिकॉर्ड में इस साल का मार्च महीना पांचवां सबसे गर्म मार्च था. इस साल मार्च का महीना, लगातार 46वां मार्च और लगातार 447वां महीना रहा है जो 20वीं सदी के औसत तापमान से ज़्यादा था. (फोटोः पिक्साबे)
अगर क्षेत्रीय तौर पर देखें, तो यह ओशिएनिया (Oceania) का चौथा सबसे गर्म मार्च था, जबकि एशिया का 9वां सबसे गर्म मार्च था. उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका सभी जगह का मार्च का तापमान, औसत तापमान से ऊपर था. 2022 में अब तक, वैश्विक भूमि और समुद्र की सतह का तापमान औसतन -16.9 डिग्री सेल्सियस रहा है. इस हिसाब से यह साल रिकॉर्ड किए गए अब तक के सालों में 5वां सबसे गर्म साल है. (फोटोः पिक्साबे)
एशिया में भी यह साल अब तक का पांचवां सबसे गर्म साल रिकॉर्ड किया गया. जबकि दक्षिण अमेरिका, यूरोप, कैरिबियन क्षेत्र और ओशिएनिया में, जनवरी से मार्च तक का तापमान 9वां सबसे गर्म समय रिकॉर्ड किया गया. अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका भी औसत से ज़्यादा गर्म थे, लेकिन 2012 और 2014 के बाद यह उनका अब तक का सबसे ठंडा साल था. (फोटोः पिक्साबे)
मार्च 2022 के दौरान दुनिया में हुईं कुछ सबसे अहम जलवायु घटनाओं का एक नक्शा तैयार किया गया है. इन घटनाओं में पाया गया कि ध्रुवों पर समुद्री बर्फ कम थी. अंटार्कटिक समुद्र का आइस कवरेज सिर्फ 1.09 मिलियन वर्ग मील था, जो मार्च के 44 साल के रिकॉर्ड में दूसरी बार सबसे कम था. इससे पहले केवल 2017 के मार्च में समुद्री बर्फ कम देखी गई थी. आर्कटिक महासागर पर समुद्री बर्फ की सीमा औसतन 5.63 मिलियन वर्ग मील थी, जो 1979 से अब तक के रिकॉर्ड में मार्च के लिए 9वां सबसे कम कवरेज था. (फोटोः पिक्साबे)
मार्च में विश्व स्तर पर नौ उष्णकटिबंधीय तूफान (Tropical Storms) आए, जो मार्च में आए अब तक के ट्रॉपिकल तूफानों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या थी. इससे पहले मार्च 1994 में 10 तूफान देखे गए थे. इन 9 ट्रॉपिकल तूफानों में से केवल 3 चक्रवात या साइक्लोन (Cyclone) तक पहुंचे थे. (फोटोः पिक्साबे)