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साइंस न्यूज़

किसी बड़ी चुंबकीय सुरंग में फंसी है हमारी धरती! वैज्ञानिकों का नया खुलासा

aajtak.in
  • टोरंटो,
  • 25 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST
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हमारी धरती सूरज के चक्कर तो लगा रही है, लेकिन वह एक बहुत बड़ी सुरंग में फंसी हुई है. इस सुरंग में ही हमारा सौर मंडल और आसपास के तारे भी फंसे हैं. यह एक अत्यधिक विशालकाय चुंबकीय सुरंग है, जिसके बारे में वैज्ञानिकों को ज्यादा जानकारी नहीं है. न ही वैज्ञानिकों को यह पता है कि आखिर ऐसा क्यों है? (फोटोः गेटी)

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वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती समेत हमारा सौर मंडल और आसपास के तारे एक चुंबकीय सुरंग में घूम रहे हैं. जो करीब 1000 प्रकाश वर्ष लंबी है. यह खुली आंखों से देखी भी नहीं जा सकती. यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के डनलप इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स की वैज्ञानिक जेनिफर वेस्ट ने यह खुलासा किया है.  (फोटोः गेटी)

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जेनिफर कहती हैं कि उन्होंने नॉर्थ पोल स्पर (North Pole Spur) और फैन रीजन (Fan Region) का अध्ययन किया. ये दोनों ही हमारी आकाशगंगा के पड़ोसी हैं और ये सबसे ज्यादा रेडियो किरणें छोड़ने वाले गैसीय ढांचे हैं. ये दोनों ढांचें किसी तरह से आपस में जुड़े हैं, जबकि दोनों ही आसमान के अलग-अलग कोनों में मौजूद हैं. यह स्टडी हाल ही में प्रीप्रिंट सर्वर arXiv में प्रकाशित हुई थी. (फोटोः ESA/Jennifer West)

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जेनिफर ने एक बयान में कहा कि अगर हम आसमान की तरफ देखते हैं तो हमें एक सुरंगनुमा आकृति दिखाई देती हैं. यह आकृति आपको हर उस जगह दिखाई देगी, जहां भी आसमान में नजर डालोगे. लेकिन खुली आंखों से नहीं. इसके लिए आपको रेडियो किरणें पकड़ने वाले उपकरणों या दूरबीनों की जरूरत पड़ेगी.  (फोटोः गेटी)

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ये सुरंगें आवेषित कणों (Charged Particles) और चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) से मिलकर बनी हैं. ये सुरंगे काफी लंबी हैं साथ ही उनके अंदर चुंबकीय रस्सियां हैं, जो उसके अंदर मौजूद चीजों को घेर कर रखती हैं. जैसे-धरती के चारों तरफ चुंबकीय रस्सियां घेरा बनाकर मौजूद हैं. यही हाल अन्य ग्रहों और तारों का भी है. इन रस्सियों के सहारे ही धरती समेत सौर मंडल के अन्य ग्रह और तारे इस सुरंग में चक्कर लगा रहे हैं. (फोटोः NASA)

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हमारा सौर मंडल मिल्की वे आकाशगंगा का एक बेहद छोटा हिस्सा है. जो एक बहुत बड़े चुंबकीय सुरंग में फंसा हुआ है.  नॉर्थ पोल स्पर (North Pole Spur) हमारी आकाशगंगा के ऊपर पीले रंग का बादल है, जो किसी पिज्जा के क्रस्ट की तरह फैला हुआ है. यह लगातार एक्स-रे और रेडियो किरणें रिलीज करता रहता है. फैन रीजन (Fan Region) के बारे में वैज्ञानिकों को कम जानकारी है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि यहां पर पोलराइज्ड रेडियो किरणें मौजूद हैं.  (फोटोः गेटी)

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फैन रीजन (Fan Region) और नॉर्थ पोल स्पर (North Pole Spur) को 1960 में खोजा गया था. लेकिन इनके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं हो पाई है. क्योंकि यहां तक कोई यान या विज्ञान पहुंच ही नहीं पाया है. लेकिन रेडियो किरणों को ध्यान से देखने पर जेनिफर वेस्ट ने यह नतीजा एक कंप्यूटर मॉडल के जरिए निकाला.  (फोटोः गेटी)

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जेनिफर वेस्ट और उनके साथियों ने चुंबकीय सुरंग की लंबाई 1000 प्रकाश वर्ष निकाली है. इस सुरंग का एक किनारा हमारे सौर मंडल से करीब 350 प्रकाश वर्ष दूर है. जेनिफर कहती हैं कि फैन रीजन (Fan Region) और नॉर्थ पोल स्पर (North Pole Spur) से जो पोलराइज्ड रेडियो किरणें आती हैं, उनका नक्शा देखने पर स्पष्ट होता है कि हम सच में किसी बहुत बड़े चुंबकीय सुरंग में यात्रा कर रहे हैं.  (फोटोः गेटी)

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ये चुंबकीय सुरंग हमारे ब्रह्मांड के रेशे हो सकते हैं. या फिर कह लें कि हम खून का कोई कतरा हैं, जो शरीर रूपी ब्रह्मांड में चुंबकीय नसों में दौड़ रहे हैं. जेनिफर बताती हैं कि हमारा ब्रह्मांड बहुत जटिल है, इसमें इतने प्रकार की रेडियो तरंगें निकलती हैं, इतने प्रकार की रोशनी निकलती है, जिनका अध्ययन बारीकी से करें तो हम इन चुंबकीय शक्ति को समझ सकते हैं. क्योंकि ब्रह्मांड में चुबंकीय शक्तियां और रेडियो तरंगें भरपूर मात्रा में फैली हुई हैं.  (फोटोः गेटी)

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जेनिफर बताती हैं कि ब्रह्मांड में मौजूद सुपरनोवा, ब्लैक होल्स और मॉलीक्यूलर बादल आकाशीय चिमनियां हैं, जो ऊर्जा को बाहर निकालने का काम करती हैं. ये ऊर्जा वो गर्म गैस हैं, जो आकाशगंगाओं के ऊपर और अंदर निकलती रहती हैं. आकाशगंगाओं के अंदर मौजूद रेडियो तरंगें और चुंबकीय शक्तियां आकाशगंगा की हड्डियां और कंकाल हैं. जिनके ऊपर ये अंतरिक्षीय वस्तु टिकी हुई है.  (फोटोः गेटी)

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