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साइंस न्यूज़

Japan Earthquake: अब तक 62 मौतें, टूटे आशियानें, फटी हुई सड़कें... 33 हजार लोगों के घरों में अंधेरा

आजतक साइंस डेस्क
  • टोक्यो,
  • 03 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST
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जापान के लिए हर साल मुसीबत भरी ही होती है. साल 2011, 2016 और 2024 में आए भयानक भूकंपों ने जापान की हालत खराब की है. जापान ऐसी जगह पर है, जहां भूकंप और सुनामी किसी भी समय आ जाते हैं. नए साल की शुरूआत में जापान नोटो प्रायद्वीप पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया. (फोटोः एपी)

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इस भूकंप की वजह से अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है. इस समय समस्या ये है कि मौसम बेहद ठंडा है. लोगों 33 हजार लोगो के घरों में बिजली नहीं है. हजारों लोगों के घर गिर चुके हैं. उनके पास न तो छत है. न खाने के खाना, न ही ठंड से बचने के लिए उपयुक्त कपड़े. सरकार राहत कार्य कर रही है, लेकिन इसमें समय लग रहा है. (फोटोः एपी)

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राहत एवं बचावकर्मी घरों और इमारतों के मलबों में दबे लोगों को खोज रहे हैं. भूकंप वाले इलाकों में यह डर भी है कि कहीं भूस्खलन न हो जाए. कई जगहों पर सड़कों की हालत तो ऐसी है कि जैसे उन्हें पकड़ कर किसी ने चीर दिया हो. (फोटोः एपी)

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भूकंप का केंद्र शुजू कस्बे में था. यहां पर 5 हजार से ज्यादा घर टूट चुके हैं. या फिर जलकर खाक हो चुके हैं. जापान के पीएम फूमियो किशिदा ने कहा कि भूकंप के बाद के 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. हमारी सरकार एक नए जंग का सामना कर रही है. हम लोगों को बचाने और उन्हें राहत देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. (फोटो- एपी)

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सरकार ने नोटो प्रायद्वीप तक मदद पहुंचाने के लिए समुद्री रास्ता खोल दिया है. ताकि ज्यादा से ज्यादा मदद समुद्री रास्ते के जरिए पहुंच सके. क्योंकि सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है. 74 साल के मितसुरू किदा कहते हैं कि अब नहीं लगता की जीवन फिर से जल्द पटरी पर आएगा. सबकुछ ठीक होने में बहुत साल लग जाएंगे. (फोटोः एपी)

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जापान के लोगों ने कभी यहां की सड़कों को इस तरह टूटते-बिखरते नहीं देखा. नोटो प्रायद्वीप में सड़कों के निर्माण और बिजली सप्लाई लाने में काफी ज्यादा समय लगने की आशंका जताई जा रही है. इसके बाद भी वहां लगातार छोटे भूकंप आ रहे हैं. हर हल्के भूकंप पर लोग भाग-भाग कर सुरक्षित स्थानों की तरफ जाते हैं. (फोटोः एएफपी)

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सरकार ने लोगों से यह भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर भूकंप को लेकर कई तरह की अफवाहे फैलाई जा रही हैं. उनसे दूर रहें. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ये प्राकृतिक भूकंप नहीं था. यह एक आर्टिफिशियल भूकंप (Artificial Earthquake) था. जिसके लिए 'भूकंप हथियार' (Earthquake Weapon) का इस्तेमाल हुआ है. (फोटोः एपी)

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हालांकि कुछ जापानी लोग इसे सिरे से नकार रहे हैं. क्योंकि उनका मानना है कि उनका घर सोशल मीडिया की पहुंच से बाहर है. ऐसे में ये बकवास बात है कि भूकंप किसी हथियार की टेस्टिंग की वजह से आया है. यह एक झूठी खबर है. (फोटो- एपी)

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कुछ लोग सोशल मीडिया पर 2011 में आई सुनामी की तस्वीरें और वीडियो डाल कर उसे इस साल के भूकंप का बता रहे हैं. इसके लिए भी विरोध हो रहा है. जापानी सरकार ने कहा है कि इस तरह की अफवाहों से राहत एवं बचाव कार्यों में बाधा आ सकती है. इसलिए लोग ऐसी बातों पर भरोसा न करें. (फोटोः एपी)

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