आमतौर पर इंसान शादी के बाद बच्चा सोचता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में इस सोच में बदलाव आया है. एक स्टडी के मुताबिक शिक्षित महिलाएं अब शादी से पहले अपना पहला बच्चा चाहती हैं. इस चाहत को रखने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है. यह स्टडी की है जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के समाज विज्ञानी ने. इनका दावा है कि शिक्षित महिलाओं में यह एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहा है. जो कि 90 के दशक में इतना नहीं था. (फोटोःगेटी)
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के सोशियोलॉजिस्ट एंड्र्यू शेर्लिन ने कहा कि डिग्री हासिल करने वाली महिलाएं अब अपने दूसरे बच्चे के जन्म से पहले या उसके ठीक बाद शादी करना चाहती है. जबकि पहला बच्चा वो शादी से पहले कर लेती हैं. एंड्र्यू ने कहा कि अब शादी के बाद बच्चों की ख्वाहिश कम हो रही है, शिक्षित महिलाएं पहले बच्चा कर रही है, फिर परिवार शुरु करने के लिए शादी. (फोटोःगेटी)
एंड्र्यू शेर्लिन ने कहा कि कॉलेज में पढ़ी महिलाएं जो अभी 30 की उम्र वाले दशक में चल रही हैं, उनमें से 18 से 27 फीसदी अपने पहले बच्चे के जन्म के समय शादीशुदा नहीं थीं. अब जीवन के सिक्वेंस में शादी करना एक ऐसी घटना है, जो शिफ्ट हो रही है. अब कॉलेज ग्रैजुएट पहले बच्चा सोचते हैं, फिर परिवार बनाने के लिए शादी करते हैं. यह स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित हुई है. (फोटोःगेटी)
एंड्र्यू शेर्लिन ने अपनी स्टडी के लिए तीन प्रमुख सर्वे- नेशनल लॉन्गिट्यूडिनल सर्वे ऑफ यूथ, नेशनल लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी ऑफ एडोलसेंट टू एडल्ट हेल्थ और नेशनल सर्वे ऑफ फैमिली ग्रोथ में मौजूद डेमोग्राफिक डेटा का उपयोग किया है. जिसमें ये बात सामने आई है कि हर तरह के एजुकेशन लेवल पर महिलाओं ने विकास किया है. साथ ही उनमें पहला बच्चा पैदा करने की ख्वाहिश शादी से पहले बढ़ती जा रही है. (फोटोःगेटी)
शादी से पहला बच्चा पैदा करने वाली ज्यादातर महिलाएं या तो बिना हाईस्कूल डिग्री या इसके बराबर के किसी डिप्लोमा की हैं. हाईस्कूल डिग्री वाली महिलाएं बिना डिग्री वाली महिलाओं की तुलना में शादीशुदा कम है. लेकिन हाईस्कूल की डिग्री हासिल करने वाली आधी महिलाएं अपने पहले बच्चे के जन्म के समय विवाहित नहीं थीं. (फोटोःगेटी)
साल 1996 में कॉलेज में पढ़ी 30 की उम्र वाली 4 फीसदी महिलाएं ही अपने पहले बच्चे के जन्म के समय विवाहित नहीं थीं. 20 साल बाद ऐसी महिलाओं की संख्या में 6 गुना इजाफा हुआ है. अब ये 24.5 फीसदी हैं. जितनी भी महिलाएं 30 की उम्र में हैं और कॉलेज से पढ़ी हैं, जिन्होंने पहले बच्चे को जन्म दे दिया है, वो शादी अपने दूसरे बच्चे के जन्म से पहले या ठीक उसके बाद कर रही हैं. (फोटोःगेटी)
अपने दोनों बच्चों के लिए चाहे वह पहला हो या दूसरा कॉलेज से पास आउट महिलाएं बिना बैचलर डिग्री वाली महिलाओं में एक समानता देखने को मिली है. वो ये कि दोनों बच्चों के लिए महिलाएं एक ही पार्टनर को चुन रही है. क्योंकि शादी से पहले हुए पैदा हुए बच्चे के समय और उससे पहले से वो अपने किसी पार्टनर के साथ रहती आई हैं. इसे आप लिव-इन संबंध कह सकते हैं. लेकिन एंड्र्यू शेर्लिन इसे सहचर्य (Cohabiting) कहते हैं. (फोटोःगेटी)
एंड्र्यू शेर्लिन ने कहा कि अमेरिका में कॉलेज से शिक्षित युवा वयस्कों के जीवन का स्टेज शादी पर खत्म होता है लेकिन शादियां अब पहले बच्चे के बाद हो रही हैं. यह एक बड़ा बदलाव है. इसके पीछे की वजह सही तरीके से नहीं पता लेकिन इन वयस्कों ने शादी के नियमों को बदल दिया है. कॉलेज एजुकेटेड वयस्क शादी के महत्व और उसके परंपरागत नियमों को लगातार बदलते जा रहे हैं. हो सकता है कि यह समाज में आने वाला नया परिवर्तन हो. (फोटोःगेटी)
एंड्र्यू शेर्लिन कहते हैं इसके पीछे बड़ी वजह हो सकती है आर्थिक समस्या, क्योंकि शादी के लिए या परिवार बनाने के लिए काफी पैसे की जरूरत होती है. लेकिन कॉलेज का कर्जा और कमाई का जरिया सीमित होने की वजह से उन्हें परिवार बसाने में काफी समय लगता है, जिसके लिए वो इंतजार करते हैं. इसलिए अमेरिका में तेजी से सिंगल पैरेंट का कल्चर तेजी से बढ़ रहा है. बिना शादी किए वयस्क एक साथ रहने की संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं. (फोटोःगेटी)
नई युवा पीढ़ी शादी को अब उस समय तक टालने का प्रयास करते हैं, जब तक वो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो जाते. यानी अपना घर नहीं ले लेते. या फिर ढंग के पैसे नहीं कमाने लगते. एंड्र्यू शेर्लिन कहते हैं कि कम पढ़ी-लिखी महिलाओं के मामले में जब शादी को लेकर सोचा गया सपना टूटने लगता है, तब वो भी अपनी शादी को आगे बढ़ा देती हैं. लेकिन पहला बच्चा शादी से पहले हो चुका होता है. लेकिन यह प्रक्रिया ज्यादा पढ़ी-लिखी महिलाओं में तेजी से उभर रहा है. (फोटोःगेटी)