दुनिया जिसे पुरुष पुजारी की ममी मान रही थी, वह एक गर्भवती महिला की ममी निकली. ये दुनिया का पहला ऐसा मामला होगा जिसमें गर्भवती महिला की प्राचनी ममी इतनी सुरक्षित हालत में रखी हुई है. अब साइंटिफिक जांच के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि ये पुरुष नहीं गर्भवती महिला की ममी है. (फोटोः AFP)
पोलैंड के शोधकर्ता मारजेना ओजारेक जिल्के ने बताया ये दुनिया का पहला ऐसा केस है जिसमें किसी गर्भवती महिला की ममी इतनी सुरक्षित हालत में है. ये ममी वॉरसॉ में 1826 में आई थी. इसकी ताबूत पर पुरुष पुजारी का नाम लिखा था. (फोटोः AFP)
तब से लेकर अभी तक इसकी कोई जांच नहीं की गई थी. इसलिए ये माना जा रहा था कि इसके अंदर पुरुष पुजारी की ममी है. मारजेना ने बताया कि जब हमने एक्स-रे और कंप्यूटर टेस्ट करके पता किया तो हम हैरान रह गए. इस ममी के शरीर पर पुरुषों वाले जननांग नहीं थे. (फोटोः AFP)
इस ममी के लंबे बाल थे और महिलाओं की छाती थी. इसके अलावा इसके पेट में बच्चा भी था. हमने भ्रूण के अंदर छोटे हाथ और पैर देखे. ये खोज हमारे लिए हैरानी और खुशी से भरा हुआ था. मारजेना ने बताया कि हमारा मानना है कि यह गर्भवती महिला 20 से 30 साल के बीच की रही होगी. (फोटोः AFP)
ममी के पेट में बच्चे के सिर के आकार से पता लगता है कि वह करीब 26 से 28 हफ्ते का होगा. वॉरसॉ नेशनल म्यूजियम स्थित ममी प्रोजेक्ट में इस ममी की जांच की गई है. इसकी रिपोर्ट जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित हुई है. (फोटोः AFP)
पोलिस एकेडमी ऑफ साइंसेस के साइंटिस्ट वोजिसयेक एसमंड ने कहा कि ये हमारे लिए बेहद हैरानी वाली खोज थी. लेकिन बेहद खुशी वाली भी. इससे हम प्राचीन समय की गर्भवस्था, ट्रीटमेंट और महिलाओं की हालत समझ सकते हैं. ये खोज आर्कियोलॉजी और मेडिकल साइंस समेत कई विधाओं से संबंधित जानकारियां देगी. (फोटोः AFP)
मारजेना ने कहा कि इसकी सही उम्र का अंदाजा लगाने में तो समय लगेगा लेकिन इसे देखकर लगता है कि इस ममी को ईसा पूर्व किसी सदी में बनाया गया होगा. हम प्रयास कर रहे हैं इसकी और जांच करने की, वह भी इसे बिना छेड़े. ताकि ज्यादा से ज्यादा खुलासे हो सके. (फोटोः AFP)