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रूस का जासूसी सैटेलाइट फेल, डेढ़ महीने बाद धरती पर गिरा...अमेरिका के ऊपर दिखा

aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 21 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST
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रूस ने 9 सितंबर 2021 को जासूसी सैटेलाइट कॉसमॉस-2551 (Kosmos-2551) अंतरिक्ष में भेजा था. लेकिन लॉन्च के थोड़ी देर बाद ही वह फेल हो गया. करीब डेढ़ महीने अंतरिक्ष में चक्कर लगाने के बाद 20 अक्टूबर 2021 को वह धरती पर गिरा. जिसे अमेरिका के मध्य-पश्चिम इलाके के लोगों ने देखा. उसका वीडियो भी बनाया. इसका सबसे बेहतरीन नजारा देखने को मिला अमेरिका के मिशिगन में. (फोटोः गेटी)

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अमेरिकन मेटियोर सोसाइटी (AMS) ने कहा कि उन्हें 80 से ज्यादा रिपोर्ट मिली हैं कि अमेरिकी लोगों ने इस सैटेलाइट को आसमान से धरती की ओर गिरते देखा. टेनेसी के दक्षिण से लेकर मिशिगन के उत्तर तक लोगों ने इस नजारे को देखा और रिकॉर्ड किया. AMS ने इस गिरते हुए सैटेलाइट का 27 सेकेंड का वीडियो यूट्यूब पर शेयर किया. इस वीडियो को क्रिस जॉन्सन ने मिशिगन के फोर्ट ग्रैटियट कस्बे से बनाया था. (फोटोः गेटी)

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रूस का जासूसी सैटेलाइट कॉसमॉस-2551 (Kosmos-2551) बुधवार यानी 20 अक्टूबर 2021 को 12.43 EDT पर देखा गया था. यानी आज सुबह जब हम काम के लिए भारतीय समयानुसार करीब सवा दस बजे निकल रहे होंगे, उस समय यह नजारा अमेरिका में दिखाई दे रहा होगा. (फोटोः गेटी)

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हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के एस्ट्रोनॉमर और सैटेलाइट ट्रैकर जोनाथन मैक्डॉवेल ने ट्वीट करके कहा कि जिस समय कॉसमॉस-2551 (Kosmos-2551) के गिरने की गणना की गई थी, वह उसे पार कर गया था. अमेरिकी स्पेस फोर्स ने जो समय दिया उसमें काफी अंतर दिख रहा है. लेकिन इतना अंतर जायज भी लगता है. जोनाथन ने बताया कि यह रूसी जासूसी सैटेलाइट ही था. (फोटोः गेटी)

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कॉसमॉस-2551 (Kosmos-2551) एक रूसी सैटेलाइट था, जो 9 सितंबर को लॉन्च किया गया था. लेकिन थोड़ी देर बाद ही यह विफल हो गया. जोनाथन ने बताया कि इस सैटेलाइट ने अपनी कक्षा पकड़ी ही नहीं थी. यह बात उन्होंने इसे ट्रैक करते समय 18 अक्टूबर को नोटिस की. उन्होंने तभी देखा कि इसकी दिशा बदल चुकी है. यह धरती की ओर आ रहा है. (फोटोः गेटी)

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जोनाथन ने ट्वीट करके बताया था कि कॉसमॉस-2551 (Kosmos-2551) सैटेलाइट धरती की और आ रहा है. यह अगले 24 घंटे में धरती के वायुमंडल में प्रवेश कर जाएगा. जोनाथन ने बताया कि इस सैटेलाइट से जमीन पर किसी तरह का खतरा नहीं था. जबकि इसका वजन 500 किलोग्राम था. जमीन तक इसके कचरे के पहुंचने की कोई आशंका नहीं थी. (फोटोः गेटी)

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अंतरिक्ष से धरती की ओर गिरने वाले कचरे अक्सर काफी खूबसूरत आतिशबाजी दिखाते हैं लेकिन ये आमतौर पर दुर्लभ ही होते हैं. पिछले साल रूस के सोयुज रॉकेट का तीसरा स्टेज ऑस्ट्रेलिया के ऊपर आतिशबाजी करते हुए गिरा था. जिसने एक रूसी मिलिट्री सैटेलाइट को लॉन्च किया था. (फोटोः गेटी)
 

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि जितने ज्यादा सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में लॉन्च किए जाएंगे, उतने ही ज्यादा ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे. छोटे सैटेलाइट्स तो धरती तक आते-आते जलकर खत्म हो जाते हैं. ज्यादातर समुद्र में गिर जाते हैं. लेकिन बड़े आकार का सैटेलाइट अगर जमीन पर गिरे तो बड़ी तबाही मचा सकता है. जिसकी वजह से दुनियाभर के साइंटिस्ट धरती का चक्कर लगा रहे सैटेलाइट्स पर नजर रखते हैं. (फोटोः गेटी)
 

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