जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) में हाल ही में एक रोबोट ने बिना किसी इंसानी सर्जन की मदद के एक ऑपरेशन खुद से किया. इस रोबोट को इस सर्जरी के दौरान सर्जन, डॉक्टर या किसी तकनीशियन ने किसी तरह का कोई दिशानिर्देश नहीं दिया. वो सिर्फ सर्जरी की प्रक्रिया को देख रहे थे और सर्जरी कराने वाले सूअर की तबियत पर नजर रख रहे थे. (फोटोः जियावी जे/जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी)
खुद से पूरी सर्जरी करने वाले रोबोट का नाम है स्मार्ट टिशु ऑटोनॉमस रोबोट (STAR). इसने जो सर्जरी की उसका नाम है इंटेस्टाइनल एनस्टोमोसिस (Intestinal Anastomosis). यानी इसने सूअर की आंतों के दो हिस्सों को आपस में सिल दिया. इसके पहले उसने आंतों के उन दो हिस्सों में लगे घावों को भी ठीक किया. (फोटोः गेटी)
इस रोबोट से सर्जरी कराने वाली टीम के मैकेनिकल इंजीनियर और प्रोफेसर एक्सेल क्रिगर ने बताया कि अमेरिका में हर साल हजारों-लाखों रोबोटिक सर्जरी होती हैं. लेकिन उन्हें इंसानों यानी डॉक्टरों, तकनीशियनों और सर्जनों के गाइडेंस में किया जाता है. क्योंकि अगर जरा सी भी चूक हुई तो मरीज को भारी नुकसान हो सकता है. अंग खराब हो सकते हैं. जान जा सकती है. लेकिन यह सर्जरी एक बड़ी उपलब्धि थी. (फोटोः गेटी)
STAR ने जो सर्जरी पूरी की है, उसे लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कहते हैं. सर्जरी एक सूअर पर की गई थी. इस रोबोट को जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ही शोधकर्ताओं ने डिजाइन किया है. एलेक्स ने बताया कि इस रोबोट ने चार अलग-अलग जानवरों पर सर्जरी की. उसके परिणाम किसी इंसान द्वारा की गई सर्जरी से ज्यादा सटीक थी. भविष्य में इंसानों की पूरी सर्जरी रोबोट खुद कर देगा, वह भी बिना किसी मदद के. (फोटोः गेटी)
एलेक्स क्रिगर ने बताया कि इंटेस्टाइनल एनस्टोमोसिस (Intestinal Anastomosis) में एक ही काम को कई बार करना होता है. लेकिन STAR ने यह प्रक्रिया बेहद सटीकता और बारीकी से पूरी की. आखिरकार उसने आंतों के दो हिस्सों को शानदार तरीके जोड़ दिया. इसने ऐसी सिलाई की जो एक सर्जन भी नहीं कर सकता. इसकी सिलाई में निशान पड़ने का चांस बेहद कम हो गया है. (फोटोः गेटी)
STAR ने बिना किसी गलती के आंतों के दो हिस्सों को जोड़ दिया था. अगर यहां पर इंसान सर्जरी करता तो उसे बहुत ज्यादा ध्यान देना होता. जरा सी गलती होती तो टांकें कहीं और लग जाते, जिसका मतलब होता आंतों में बहने वाले पदार्थों के लीक होकर बाहर आ जाते. इससे शरीर में संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा हो जाती है. (फोटोः गेटी)
स्मार्ट टिशु ऑटोनॉमस रोबोट (STAR) को बनाने वाली टीम के सदस्य हैं- जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर एलेक्स क्रिगर, उनके साथी जिन कांग और वॉशिंगटन डीसी स्थित चिल्ड्रेन नेशनल हॉस्पिटल. इस रोबोट में विजन गाइडेड सिस्टम लगा हुआ है, जो किसी भी तरह के नरम ऊतक यानी टिशु को सिल सकता है. वह भी बेहद बारीकी से. (फोटोः गेटी)
STAR रोबोट साल 2016 से काम कर रहा है. लेकिन इस टीम ने इसे और अत्याधुनिक बना दिया. इसमें कुछ नए फीचर्स जोड़े गए. यानी रोबोट को अपग्रेड किया गया है. ताकि रोबोट बेहतर ऑटोनॉमी के साथ सर्जरी कर सके. रोबोट के हाथों में सर्जरी के नए टूल्स लगाए गए हैं. स्टेट-ऑफ-द-आर्ट इमेजिंग सिस्टम लगे हैं. जो शरीर के अंदरूनी हिस्सों की बेहतरीन तस्वीर दिखाते हैं. साथ सर्जरी कहां करते हैं, उस जगह पर ही फोकस करते हैं. (फोटोः गेटी)
एलेक्स ने बताया कि STAR के पास खुद को नियंत्रित करने का अद्भुत सिस्टम है. वह सर्जरी के दौरान अपने प्लान खुद बनाता है. उसके मुताबिक लगातार बदलाव करता रहता है. यानी सर्जरी टेबल पर लेटे सूअर के शरीर में अगर किसी तरह का बदलाव आता है, तो रोबोट उस हिसाब से सर्जरी को रोकता, धीमा करता या फिर चलाने की प्लान बना लेता है. अगर सूअर का ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है, तो रोबोट उसे नियंत्रित करने के लिए पहले इंजेक्शन के जरिए दवा देता है. इसके बाद सर्जरी करता है. (फोटोः गेटी)
STAR को गाइड करने करने में जिन कांग ने बहुत मेहनत की है. जिन कांग और उनके स्टूडेंट्स ने रोशनी आधारित थ्री-डायमेंशनल एंडोस्कोप और मशीन लर्निंग आधारित ट्रैकिंग एल्गोरिदम विकसित किया. जिसे इस रोबोट में फिट किया गया है. ये दोनों ही मिलकर रोबोट को खुद से सर्जरी करने की क्षमता प्रदान करते हैं. (फोटोः गेटी)