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साइंस न्यूज़

पहली बार वैज्ञानिकों ने रीयल टाइम में तारे को फटते देखा, इतना बड़ा विस्फोट देख चकित

aajtak.in
  • सैक्रामेंटो,
  • 11 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST
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पहली बार वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में किसी तारे को रीयल टाइम में फटते हुए देखा और उसे रिकॉर्ड किया. शोधकर्ताओं को उम्मीद थी कि ये विस्फोट कुछ हल्का या कमजोर होगा. लेकिन यह उनकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा भयानक था. इसके बाद यह सुपरनोवा में बदल गया, जिसकी रोशनी और चमक दोनों ही बहुत ज्यादा खतरनाक थी. (फोटोः WM Keck Observatory)

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रीयल टाइम में खुद के फटने का नजारा दिखाने वाले रेड सुपरजायंट तारे (Red Supergiant Star) का नाम है SN2020tlf. यह धरती से करीब 12 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. इसके विस्फोट से करीब 100 दिन पहले से वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर रख रहे थे. क्योंकि इसकी गतिविधियां बता रही थीं कि ये किसी भी समय फट सकता है. इस तारे के विस्फोट के बारे में हाल ही में एक स्टडी एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है. (फोटोः गेटी)

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वैज्ञानिकों ने देखा कि तारे की चमक धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी. फिर एक दिन इसके उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ एक भयानक विस्फोट हुआ. हमारे सूरज में होने वाले विस्फोट से कई गुना ज्यादा भयावह. इसके बाद यह तारा गैस के चमकीले गुबार वाले सुपरनोवा में बदल गया. (फोटोः गेटी)

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तारे के फटने से पहले होने वाली गतिविधियों को वैज्ञानिक प्री-सुपरनोवा पाइरोटेक्नीक (Pre-Supernova Pyrotechnics) कहते हैं. इस प्रक्रिया में तारे में कई तरह के विस्फोट शुरु हो जाते हैं. अलग-अलग जगहों से लपटें और चमक निकलने लगती है. लेकिन जब इसके ऊपरी हिस्से में विस्फोट हुआ तब यह रेड सुपरजायंट अचानक ही गैस के गुबार में तब्दील हो गया. इसके बाद कोई विस्फोट नहीं. (फोटोः गेटी)

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बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ता विन जैकबसन गालन ने कहा कि यह हमारे लिए बड़ी बात थी कि हमने किसी तारे के विस्फोट को रीयल टाइम में देखा. हमें यह पता चला कि मरने से पहले कोई तारा किस तरह की गतिविधियां करता है. हमने उसके स्टडी की जो कि भविष्य में बाकी वैज्ञानिकों के काम आएगी. (फोटोः गेटी)

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विन जैकबसन गालन ने बताया कि जब कोई रेड सुपरजायंट फटता है यानी खत्म होता है तब अंतरिक्ष में एक बड़ी रोशनी छोड़ता है. इन सुपरजायंट का आकार हमारे सूरज की तुलना में कई गुना ज्यादा होता है. ये सूरज से ज्यादा चमकते हैं. ज्यादा गर्म होते हैं. कई बार ये इतना ज्यादा गैस, ऊर्जा और रोशनी निकालते है कि वो आसपास के कई तारा मंडलों को प्रभावित करता है. (फोटोः गेटी)

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हमारे सूरज की तरह ये रेड सुपरजायंट भी न्यूक्लियर फ्यूजन से अपनी ऊर्जा पैदा करते हैं. इनके केंद्र में यह परमाणु प्रक्रिया चलती रहती है. ये इतने बड़े होते हैं कि ये हाइड्रोजन, हीलियम के अलावा कई अन्य तत्वों को भी पिघलाते हैं. उनका गैस बनाते हैं, फिर इसी गैस से दोबारा विस्फोट करते हैं. इसकी वजह से इनके केंद्र में ज्यादा गर्मी और दबाव बना रहता है. इसलिए इनका विस्फोट भी बेहद खतरनाक होता है. (फोटोः गेटी)

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SN2020tlf को वैज्ञानिकों ने पिछले साल गर्मियों से देखना शुरु किया था. जब इस तारे ने सूरज की तरह ऊर्जा और रोशनी की लपटें फेंकना शुरु किया था. इसके अलावा इसका रेडिएशन स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा था. क्योंकि इसकी सतह पर गैसों का विस्फोट काफी ज्यादा बढ़ गया था. इस तारे पर नजर रखने के लिए वैज्ञानिकों ने यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के Pan-STARRS1 टेलिस्कोप और मॉना किया स्थित WM केक ऑब्जरवेटरी के टेलिस्कोप को तैनात किया था. (फोटोः गेटी)

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वैज्ञानिकों ने इन दोनों टेलिस्कोप से 130 दिनों तक इस तारे की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया. आखिरकार यह तारा फटा और वैज्ञानिकों ने यह रीयल टाइम में होते हुए देखा. विस्फोट के समय तारे के चारों तरफ गैस का घना गुबार बना हुआ था. यह वही गैस था जो तारे ने 130 दिन पहले फेंकना शुरु किया था. विस्फोट से पहले चमक का बढ़ना, गैस निकलना, रेडिएशन बढ़ जाना, फटना और उसके बाद भांप बन जाना. यह पूरी प्रक्रिया वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड की है. (फोटोः गेटी)

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