दुनिया में अंतिम बार जमीन पर चलने वाले आखिरी डायनासोरों के पांव के निशान मिले हैं. ये निशान इंग्लैंड के केंट इलाके में फोल्कस्टोन में देखे गए हैं. इनमें करीब छह प्रजातियों के डायनासोरों के पैरों के निशान हैं. पुरातत्वविदों के अनुसार ये करीब 11 करोड़ साल पुराने हैं. इनका दावा है कि ब्रिटेन के आसपास घूमने वाले ये आखिरी डायनासोर रहे होंगे. इस स्टडी को हैंस्टिंग्स म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी और यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है. (फोटोःगेटी)
डायनासोरों के पैरों के निशान केंट इलाके के फोल्कस्टोन (Folkestone) में मिले हैं. जहां का तूफानी मौसम लगातार पत्थरों पर तेज हवाओं के साथ समुद्री लहरों की टक्कर देता है. जिसकी वजह से अब उन ऊंचे पत्थरों पर डायनासोरों के पैरों के निशान दिखने लगे हैं. जीवाश्म पत्थरों से बाहर निकल रहे हैं. कई निशानों में तो समुद्री पानी और काई जमा रहती है. (फोटोःगेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ में पैलियोबायोलॉजी के प्रोफेसर डेविड मार्टिल कहते हैं कि यह पहली बार है जब फोल्कस्टोन फॉर्मेशन पर हमें डायनासोर के पावों के निशान मिले हैं. यह एक अद्भुत खोज है. क्योंकि ये उन डायनासोरों के पैरों के निशान हैं, जो इस इलाके में आखिरी बार घूमे थे. उसके बाद डायनासोरों की प्रजाति ही खत्म हो गई थी. यहां हमें छह प्रजातियों के डायनासोरों के पांव के निशान मिले हैं. (फोटोःगेटी)
डेविड मार्टिल ने बताया कि इन छह प्रजातियों के डायनासोर इस इलाके में लंबे समय तक रहे हैं. ये व्हाइट क्लिफ ऑफ डोवर और उसके आसपास के इलाके में घूमते थे. अगली बार यहां आने के लिए लोगों को बोट से किराया देकर आना होगा. क्योंकि इस खोज के बाद यह इलाका अब बड़ा पर्यटन स्थल बनने जा रहा है, जहां पर लोग डायनासोर के पैर के निशान देखने आएंगे. (फोटोःगेटी)
डायनासोर के पैरों के निशान जब बने तब यहां पर मिट्टी नरम थी. लेकिन बाद में यह सख्त होकर पत्थर बन गई. हालांकि, इससे निशान नहीं गए. अब ये बेहद सख्त हैं. अलग-अलग डायनासोरों के पैरों के निशान दिखने का मतलब है कि इस इलाके में डायनासोर की विभिन्न प्रजातियां रहती थीं. यानी 11 करोड़ साल पहले क्रेटासियस काल में दक्षिण इंग्लैंड इनका गढ़ हुआ करता था. (फोटोःगेटी)
पैरों के निशान की जांच करने पर पता चला कि यहां पर एंकिलोसॉरस (Ankylosaurs) रहते थे, जो चलते-फिरते टैंक थे. क्योंकि इनकी खाल किसी कवच से कम नहीं थी. थेरोपॉड्स (Theropods) थे, जिनके पैरों में तीन उंगलियां होती थी. ये मांसाहारी होते थे, जैसे टाइरैनोसॉरस रेक्स (Tyrannosaurus rex) हुआ करते थे. इसके अलावा यहां ऑर्निथोपॉड्स (Ornithopods) डायनासोर के पैरों के निशान मिले हैं. ये पौधे खाने वाले पक्षियों की तरह दिखने वाले डायनासोर थे. (फोटोःगेटी)
हैंस्टिंग्स म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी के क्यूरेटर फिलिप हैडलैंड ने कहा कि साल 2011 में मुझे फोल्कस्टोन के पत्थरों का आकार और बनावट कुछ अलग लग रहा था. मुझे लगता था कि यहां पर जो निशान दिख रहे हैं, वो सिर्फ रिपीट हो रहे हैं. लेकिन इससे ज्यादा मैं ध्यान नहीं दे पाया. मैं इंतजार कर रहा था कि लहरों के टकराने से ये पत्थर कटेंगे तो और निशान ऊपर आएंगे. (फोटोःगेटी)
फिलिप ने कहा कि आखिरकार हुआ भी वही. इसके लिए मैंने करीब 10 साल इंतजार किया. जब मुझे लगा कि अब सही समय तो मैंने जाकर पत्थरों पर पड़े निशानों की जांच शुरू की. इसके बाद वैज्ञानिकों की मदद ली ताकि मेरी खोज को प्रमाणिकता मिल सके. इसलिए यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के साइंटिस्ट से मदद मांगी. ज्यादातर पैरों के निशान तो दूर-दूर हैं. लेकिन एक जगह पर छह फुटप्रिंट्स हैं जो एक ट्रैक बनाते हुए दिख रहे हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब एक ही जानवर के पैरों के इतने निशान क्रमबद्ध तरीके से मिले हों. (फोटोःगेटी)
फिलिप ने बताया कि इस जगह पर सबसे बड़ा निशान जो मिला है वह 80 सेंटीमीटर चौड़ा और 65 सेंटीमीटर लंबा है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि ये इगुआनोडोन (Iguanodon) डायनासोर के हो सकते हैं. ये डायनासोर शाकाहारी थे. ये करीब 10 मीटर लंबे होते थे. ये या तो दो पैरों से चलते थे, ताकि दूर तक देख सकें, खाना खोज सके. या फिर भागते समय चारों पैरों का उपयोग करते थे. (फोटोःगेटी)