देश में लगातार वैक्सीन की कमी की खबरें आ रही हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन COVAXIN के उत्पादन का जिम्मा एक और कंपनी को दिया है. अब भारत बायोटेक के साथ मुंबई स्थित दवा कंपनी हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) भी यह वैक्सीन बनाएगी. इस कंपनी ने दावा किया है कि इसके पास साल में 2.2 करोड़ डोज के उत्पादन की क्षमता है. (फोटोः भारत बायोटेक)
द हिंदू अखबार के अनुसार केंद्र सरकार ने गुरुवार को हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) को इस बात की अनुमति दी कि वह भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन का उत्पादन कर सकता है. इसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से रिक्वेस्ट की थी. उन्होंने अपने रिक्वेस्ट में कहा था कि अगर भारत बायोटेक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करे तो हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) वैक्सीन उत्पादन में मदद कर सकती है. (फोटोः गेटी)
हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) दवा कंपनी को महाराष्ट्र की सरकार चलाती है. पिछले हफ्ते ही महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र को यह प्रस्ताव भेजा था. इसमें कहा गया था कि हैफकाइन कंपनी का उपयोग वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने के लिए किया जा सकता है. इससे देश के हर नागरिक को फायदा होगा. गुरुवार यानी 15 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा थी. तब उद्धव ठाकरे ने उन्हें ट्वीट करके धन्यवाद कहा. (फोटोः पीटीआई)
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केंद्र सरकार की विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी सचिव रेनू स्वरूप ने कहा कि हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) को सिर्फ एक साल तक कोवैक्सीन (Covaxin) के उत्पादन की अनुमति दी गई है. इस बात की जानकारी महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को दे दी गई है. केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार को जो पत्र भेजा है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) जितनी जल्दी हो सके, कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू करे. (फोटोः भारत बायोटेक)
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सचिव प्रदीप व्यास ने बताया कि हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) के पास साल भर में 2.20 करोड़ डोज के उत्पादन की क्षमता है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि हैफकाइन द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन (Covaxin) का 25 फीसदी हिस्सा महाराष्ट्र के उपयोग में लाया जाएगा. बाकी का केंद्र सरकार को दे दिया जाएगा. (फोटोः गेटी)
देश के कई राज्यों से पिछले हफ्ते वैक्सीन के डोज में कमी की शिकायत आई थी. पिछले हफ्ते महाराष्ट्र को 40 लाख वैक्सीन हर हफ्ते के हिसाब से चाहिए थे. ताकि वो 6 स 7 लाख लोगों का वैक्सीनेशन कर सकें. लेकिन वो सिर्फ 2 से 3 लाख लोगों को टीका लगा पा रहे थे. महाराष्ट्र के अलावा कई और दवा कंपनियों ने केंद्र सरकार ने मांग की है कि वो भी वैक्सीन उत्पादन करना चाहते हैं. (फोटोः गेटी)
अभी तक दस राज्य ऐसे हैं जहां पर वैक्सीन की कमी की रिपोर्ट आई है. केरल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, पंजाब और दिल्ली. कोरोनावायरस की दूसरी लहर आने के बाद देश के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी हो गई है. लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि कोई कमी नहीं है. कोरोना की दूसरी लहर से डर कर लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. दूसरी दिक्कत ये है कि डबल म्यूटेंट कोरोनावायरस पर इन वैक्सीन का असर भी नहीं हो रहा है. (फोटोः गेटी)
पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य सरकार वैक्सीन की कमी की गलत जानकारी दे रही हैं. हमारे पास स्टॉक में 4.3 करोड़ डोज रखे हैं. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, वो लोग गलत बातें कर रहे हैं. उन राज्यों ने वैक्सीन का उपयोग सही से नहीं किया. भारत इस समय अपने वैक्सीनेशन ड्राइव के तीसरे चरण में है. इनमें 45 साल के ऊपर वालों को वैक्सीन दी जा रही है. (फोटोः गेटी)
इस बीच, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाना चाहता है लेकिन उसके पास फंड्स की कमी है. उसने केंद्र सरकार से मदद मांगी है. अगर मदद नहीं मिली तो कंपनी लोन लेगी. इस बीच, लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-V के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी है. (फोटोः पीटीआई)
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने हैफकाइन बायोफार्मा (Haffkine Biopharma) और स्वास्थ्य मंत्रालय को बोला है कि वो जल्द से जल्द कोवैकसीन (Covaxin) का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनुभवी और प्रशिक्षित टेक्नीशियनों की भर्ती करें. अगर कहीं ऐसे लोग हैं तो उन्हें हैफकाइन में बुलाएं. जल्द से जल्द वैक्सीन का उत्पादन शुरू करें ताकि लोगों को कोरोना से राहत मिले. (फोटोः पीटीआई)