पृथ्वी पर पानी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से जमीन कम है. 70 फीसदी इलाका पानी से ढंका हुआ है. इस पानी का 96.5 फीसदी हिस्सा समुद्र है. लेकिन साइंटिस्ट इस बात पर सहमत नहीं हैं कि पृथ्वी पर कितने सागर हैं या कितने महासागर हैं.
वैज्ञानिकों का मानना है कि सिर्फ एक महासागर है. नेशनल ओशिएनिक और एटमॉसफियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के मुताबिक सभी समुद्री जगह किसी न किसी तरह से जुड़ी हुई हैं. यानी सागर एक हैं. एक ही महासागर है.
महासागर पानी का एक विशाल भंडार है. जो कि बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है. यह पृथ्वी का 71% भाग अपने आप से ढंके रहता है. इस इलाके का क्षेत्रफल लगभग 36.1 करोड वर्ग किलोमीटर है. जिसका आधा भाग 3000 मीटर या उससे गहरा है.
वैसे दुनिया में पांच महासागर गिने जाते हैं. ये हैं- प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर, हिन्द महासागर और अंटार्कटिक महासागर. भौगोलिक रूप से अटलांटिक, प्रशांत, हिंद और आर्कटिक को ही महासागर माना जाता है.
2021 में, नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी ने अंटार्कटिका के आसपास के ठंडे पानी में पांचवें महासागर यानी दक्षिणी महासागर (Southern Ocean) की घोषणा करके इस बहस को और भी बढ़ावा दे दिया. तो क्या हमारे ग्रह में कई महासागर हैं.
महासागर पानी को स्टोर करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा साधन है. हालांकि उनकी कोई खास परिभाषा नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोग्राफिक संगठन, जो 98 सदस्य राज्यों से बना है. उनका कहना है कि अभी तक दक्षिणी महासागर को मान्यता नहीं दी है क्योंकि इसे अपने सदस्यों से पूर्ण बहुमत नहीं मिली हैं.
समुद्र हमारे जीवन में एक अहम भूमिका निभाते हैं जो बारिश लाने और जलवायु का आपसी ताल मेल ठीक रखते हैं, जबकि अन्य महासागरों को उन महाद्वीपों द्वारा जाना जाता है. जिनके साथ वे सीमा लगाते हैं दक्षिणी महासागर की एक खास पहचान यह हैं कि इसकी धारा पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है. इसे अंटार्कटिक सर्कमपोलर करंट (ACC) कहते हैं. यह धारा 34 लाख साल पहले स्थापित हुई थी.
ड्रेक पैसेज और स्कोटिया सागर को छोड़कर, अंटार्कटिका को लगभग 60 डिग्री दक्षिण तक घेरने वाले पानी को सर्कुलेट करता है. एसीसी दुनिया भर में अटलांटिक, प्रशांत और हिंद महासागरों से पानी खींचता है. यह जगह महासागरों के ऊपर उठने वाली हवाओं को ठंडा करती हैं.
एक बार सतह पर, पानी वापस आने से पहले वायुमंडल से कार्बन को सोख लेता है. एनओएए की इस खोज में महासागर शोधकर्ता रेनेलिस पेरेज़ ने कहा कि इस नए महासागर की खोज से लोगों को अपने इलाकों में समुद्री मुद्दों को समझने में मदद कर सकता हैं.