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क्या ये ज्वालामुखी Iceland को दो हिस्सों में बांट देगा... तीन साल में 10वीं बार फटा

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST
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लैंड ऑफ फायर एंड आइस के नाम से मशहूर आइसलैंड में तीन साल में दसवीं बार फटा है ग्रिंडाविक कस्बे का ज्वालामुखी. पहला विस्फोट साल 2021 में हुआ था. उसके पहले वहां की जमीन धंसने लगी थी. दरारें पड़ गई थीं. (फोटोः एपी)
 

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भूकंप आते थे. सड़कें ऊपर-नीचे हो गई थीं. अंदर से गर्म और गंदी गैसें निकल रही थीं. फिर एक दिन अंदर से गर्म लावा निकलने लगा. शहर के सभी नागरिकों को दूसरी जगह पहुंचा दिया गया. फिर कभी वो वापस नहीं आ सके. कुछ आए सिर्फ कस्बे की हालत बताने के लिए. (फोटोः रॉयटर्स)

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पूरी दुनिया इस ज्वालामुखी विस्फोट से हैरान है. तीन साल से भूगर्भ विज्ञानी इस हैरतअंगेज विस्फोट की स्टडी कर रहे हैं. क्योंकि आइसलैंड मिड-अटलांटिक रिज पर मौजूद है. जो उत्तरी अमेरिकन और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट के बीच स्थित है. (फोटोः एपी)

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ये दोनों ही टेक्टोनिक प्लेट्स हर साल 2.5 सेंटीमीटर की गति से दूर जा रही हैं. जिनकी वजह से इनके गैप में धरती के दूसरे लेयर से लावा आ रहा है. उस गैप को भरने की कोशिश कर रहा है. इसी वजह से धरती पर आइसलैंड को ज्वालामुखी के मामले में सबसे ज्यादा सक्रिय माना जाता है. (फोटोः एपी)

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800 सालों से शांत पड़े रहने के बाद पहला छोटा विस्फोट 2019 में हुआ था. इसके बाद शांत हो गया. धीरे-धीरे ग्रिंडाविक की जमीन हिलने लगी. आएदिन भूकंप के झटके महसूस होने लगे. कभी तेज तो कभी कम तीव्रता के. (फोटोः रॉयटर्स)

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पिछले साल नवंबर में तो यहां पर जब विस्फोट हुआ था तब 24 घंटे पहले 800 भूकंप के झटके आए थे. लावा की  दरारें पहुंच गई हैं. जिनके अंदर लावा बहता दिख रहा है. आइसलैंड की राजधानी रेकजाविक से यह इलाका मात्र 40 km दूर है. (फोटोः एपी)

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आइसलैंड के मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि लगातार पीले और नारंगी रंग का लावा निकल रहा है. साथ ही लगातार भूकंप के झटके भी महसूस हो रहे हैं. इन दरारों से लगातार 3530 से 7060 क्यूबिक फीट लावा प्रति सेकेंड की दर से निकल रहा है. (फोटोः एपी)

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ग्रिंडाविक में ज्यादातर मछुआरे रहते हैं. ग्रिंडाविक की जमीन के नीचे 10 km की लंबाई में लावा बह रहा था. यह सतह से करीब 800 मीटर नीचे था. इस लावा बहाव से पैदा हुए भूकंपों की वजह से आइसलैंड के प्रमुख पर्यटन स्थल ब्लू लगून जियोथर्मल स्पा को बंद कर दिया गया था. (फोटोः रॉयटर्स)

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ये सारे विस्फोट फैगराडाल्सजाल ज्वालामुखी से निकली लावा की नहरों की जाल की वजह से हो रहे हैं. ज्वालामुखी की जमीनी सुरंगें 6 km चौड़ी और 19 km लंबी है. वैज्ञानिक लगातार स्टडी कर रहे हैं. वो अभी ये नहीं बता सकते कि ये विस्फोट कितने दिन तक होता रहेगा. कितने दिनों तक जमीन के नीचे से लावा निकलता रहेगा. (फोटोः एपी)

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