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साइंस न्यूज़

भारतीय रॉकेट फोर्स में शामिल होंगी 250 से ज्यादा Pralay मिसाइलें, जानिए इसकी ताकत

ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 9:02 AM IST
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भारत सरकार अपनी सेनाओं के लिए बेहद ताकतवर रॉकेट फोर्स (Rocket Force) बनाने जा रही है. इसमें शामिल होने वाली सबसे नई और घातक मिसाइल है प्रलय (Pralay). इस फोर्स के लिए 250 से ज्यादा प्रलय मिसाइलों की खरीद की अनुमति दे दी गई है. इसमें 7500 करोड़ रुपये लगेंगे. (फोटोः ट्विटर/डिफेंस डिकोड)

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पिछली साल दिसंबर में ही रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए प्रलय मिसाइल की एक यूनिट को क्लियरेंस दी थी. प्रलय मिसाइल कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. यानी Short Range Surface to Air Missile (SR-SAM). इसकी रेंज 150 से 500 किलोमीटर है. (फोटोः ट्विटर/डिफेंस डिकोड)

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प्रलय मिसाइल की टर्मिनल फेज में स्पीड 1200 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. लेकिन यह बढ़कर 2000 किलोमीटर प्रतिघंटा तक जा सकती है. यानी हवा से टारगेट पर गिरते समय इसकी गति ज्यादा हो जाती है. क्योंकि उस समय गुरुत्वाकर्षण काम करने लगता है. अगर पड़ोसी देशों की बात करें तो चीन के पास इस लेवल की डोंगफेंग-12 मिसाइल है. जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 (चीन से मिली) और शाहीन मिसाइल है. (फोटोः DRDO)

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कम रेंज का फायदा ये है कि यह सीमा के पास मौजूद दुश्मन के अड्डों को चुटकियों में खत्म कर देगी. साल 2021 के दिसंबर महीने में 24 घंटे के अंदर इस मिसाइल का दो बार परीक्षण किया गया था. चीन और पाकिस्तान की सीमा पर इस मिसाइल की तैनाती से दोनों देश अपनी हद में रहेंगे. अगर सीमा के पास से इसे दागे तो चीन या PAK के बंकरों, तोपों, मिलिट्री बेस या उनके हथियार डिपो को खत्म करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. (फोटोः DRDO)

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प्रलय मिसाइल की एक्यूरेसी और गति ही इसे सबसे ज्यादा घातक बनाती है. 5 टन वजनी यह मिसाइल अपनी नाक पर 500 से 1000 किलोग्राम वजन का पारंपरिक हथियार ले जा सकती है. इस मिसाइल को बनाने में तीन मिसाइलों की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. ये मिसाइलें हैं- प्रहार, पृथ्वी-2 और पृथ्वी-3.  

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प्रलय मिसाइल रात में भी हमला करने की क्षमता रखती है. यानी चीन के ठिकानों पर रात में भी हमला संभव है. यानी इसमें इंफ्रारेड या थर्मल स्कैनर लगा होगा जो रात में हमला करने में मदद करता है. प्रलय मिसाइल इनर्शियल गाइंडेंस सिस्टम पर चलती है. सॉलिड प्रोपेलेंट फ्यूल है. यानी इस मिसाइल के वॉरहेड में हाई एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक और केमिकल वेपन लगा सकते हैं. 

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लॉन्चिंग के लिए 8X8 टाटा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर इस्तेमाल होता है. प्रलय की टारगेट ध्वस्त करने की सटीकता 10 मीटर यानी 33 फीट है. यानी टारगेट से 33 फीट के दायरे में यह मिसाइल गिरती है, तो भी उतना ही नुकसान करेगी, जितना सटीक निशाने पर गिरती तो करती. यानी जितना इलाका नष्ट करना है, उतना ही बर्बाद होगा. (फोटोः ट्विटर/डिफेंस डिकोड)

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