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साइंस न्यूज़

भारतीय वायुसेना के राफेल पर लगेगी स्वदेशी अस्त्र मिसाइल, इसकी स्पीड बन जाएगी दुश्मन का काल

ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST
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इंडियन एयरफोर्स अपने 36 राफेल फाइटर जेट्स में लगे MICA RF और MICA IR मिसाइलों को हटाने का फैसला किया है. इन मिसाइलों की रेंज 80 किलोमीटर है, जो आज के हिसाब से ठीक नहीं है. अब राफेल में अस्त्र एमके-1 और अस्त्र एमके-2 मिसाइलें लगाई जाएंगी. (फोटोः AFP)

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बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय दो मिराज-2000 फाइटर जेट्स ने आठ पाकिस्तानी जेएफ-17 फाइटर जेट्स के साथ डॉग फाइट की थी. उस दौरान MICA मिसाइल की सीमित रेंज की वजह से उनपर हमला करने में दिक्कत आई थी. इसलिए इन फाइटर जेट्स में अस्त्र मिसाइलों के इस्तेमाल की बात की जा रही है. 

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अस्त्र मिसाइल बेयॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है. यानी जहां पायलट की नजर नहीं जाती वहां पर भी यह मिसाइल दुश्मन धराशाई कर देगी. भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) इसे बनाती है. राफेल में अस्त्र एमके-1 मिसाइल लगाई जाएगी. जबकि मिराज-2000 को हटाकर जब तेजस एमके-2 फाइटर जेट्स आएंगे, उनमें अस्त्र-एमके-2 मिसाइलें लगेंगी. (फोटोः idrw/twitter)

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आइए जानते हैं कि Astra Missile की ताकत क्या है. अभी तक इस कैटेगरी की स्वदेशी मिसाइल मौजूद नहीं थी. यह कई वैरिएंट्स में मौजूद है. किसी भी तरह के रेंज में हमला करने में सक्षम है. फिलहाल तो वैरिएंट्स मौजूद हैं वो 10 किलोमीटर से लेकर 110 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. फिलहाल सुखोई-30 MKi फाइटर जेट में लगाया गया है. 

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अस्त्र एमके-I BVRAAM को DRDO ने डिजाइन किया है. बेयॉन्ड विजुअल रेंज यानी जो टारगेट नजरों से नहीं दिखते, उन्हें मार गिराने में यह मिसाइल काम आएगी. ऐसी मिसाइलें अपने फाइटर जेट को स्टैंड ऑफ रेंज प्रदान करते हैं. स्टैंड ऑफ रेंज का मतलब होता है कि दुश्मन की तरफ मिसाइल फायर करके खुद उसके हमले से बचने की सही समय मिल जाए.  

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अस्त्र मिसाइल 154 किलोग्राम वजनी है. करीब 12.6 फीट लंबी है. इसका व्यास 7 इंच है. एक मिसाइल की कीमत करीब 7 से 8 करोड़ रुपये आती है. साल 2017 से लगातार बनाई जा रही है. इसका पहला वैरिएंट है- अस्त्र एमकेआई (ASTRA MkI). इसकी रेंज 110 किलोमीटर है. 

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अस्त्र एमके-I मिसाइल में 15 किलोग्राम वजनी हाई-एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड हथियार लगा सकते हैं. 20 KM की ऊंचाई तक जा सकती है. यानी फाइटर जेट से लॉन्च करने के बाद भी यह इतनी ऊपर और जा सकेगी. सबसे खतरनाक बात है इसकी गति. यह मैक 4.5 की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. यानी 5556.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से. यानी दुश्मन को बचने का मौका नहीं मिलेगा. 

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इसके अलावा तीन और वैरिएंट्स बनाए जा रहे हैं. पहला अस्त्र आईआर (ASTRA IR). यह 80 किलोमीटर रेंज की होगी. दूसरा अस्त्र एमके 2 (ASTRA Mk2). इसकी रेंज 160 किलोमीटर होगी. तीसरी अस्त्र एमके 3 (Astra Mk 3). इसकी रेंज 350 किलोमीटर होगी.  यानी इतने अलग-अलग रेंज और वैरिएंट्स के साथ जब भारतीय फाइटर जेट सीमा या युद्ध क्षेत्र पर जाएंगे तो उनकी गर्जना सुनकर ही दुश्मन की हालत खराब हो जाएगी. 

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अस्त्र की गति इसे किसी भी रडार में आने से बचाती है. इसे भविष्य में एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) और HAL ट्विवन इंजन डेक बेस्ड फाइटर जेट (TEDBF) में भी लगाने की योजना है. इन लड़ाकू विमानों को भारत में ही बनाया जाएगा. ये छठीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की खासियतों से लैस होंगे. 

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अस्त्र एमकेआई की एक खास बात और है कि इसे टारगेट की तरफ छोड़ने के बाद बीच हवा में इसकी दिशा को बदला जा सकता है. क्योंकि यह फाइबर ऑप्टिक गाइरो बेस्ट इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम पर चलती है. यानी इसमें हम डेटा लिंक के जरिए निर्देश देकर मिड-कोर्स अपडेट कर सकते हैं. 

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