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साइंस न्यूज़

Akash Prime: दुश्मन की पलक झपकी और मौत उसके सामने... एक सेकेंड में सवा KM उड़ती है ये मिसाइल

ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:35 AM IST
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भारतीय सेना (Indian Army) के लिए रक्षा मंत्रालय नया मिसाइल सिस्टम और रडार्स खरीदने जा रहा है. आकाश प्राइम मिसाइल सिस्टम और स्वाति वेपन लोकेटिंग रडार्स के लिए 9100 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं. स्वाति वेपन लोकेटिंग रडार्स सीमा पार दुश्मन के हथियारों का पता करते हैं. जबकि आकाश मिसाइल भारत के घातक हथियारों में से एक है. (फोटोः BEL)

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आकाश प्राइम मिसाइल की गति ही उसे सबसे घातक बनाती है. यह एक सेकेंड में सवा किलोमीटर की उड़ान भरने वाली मिसाइल है. यानी इसकी गति 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा है. दुश्मन के किसी भी तरह के हवाई टारगेट को आकाश मिसाइल ट्रैक करके उसे आसमान में ही ध्वस्त कर सकती है. 

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आकाश प्राइम मिसाइल में स्वदेशी एक्टिव RF सीकर लगा है. यह टारगेट पहचानने की ताकत को बढ़ाता है. यानी पाकिस्तान और चीन की सीमा पर इसे तैनात करने से सीमाओं की सुरक्षा बढ़ जाएगी. इस मिसाइल की खासियत ये है कि अधिक ऊंचाई पर जाने पर इसके तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं. 

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आकाश प्राइम के ग्राउंड सिस्टम, रडार, EOTS और टेलिमेट्री स्टेशन, ट्रैजेक्टरी और फ्लाइट पैरामीटर्स को सुधारा गया है.  यह जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. साल 2011 से अब तक इसके पुराने वर्जन के 3500 मिसाइल बनाए जा चुके हैं.

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आकाश प्राइम मिसाइल 720 किलोग्राम वजन की है. इसकी लंबाई 19 फीट है. व्यास 1.16 फीट है. इसके आगे के हिस्से में 60 किलोग्राम वजन का वॉरहेड लगाया जाता है. यह विस्फोटक हाई-एक्सप्लोसिव और फ्रैगमेंटेशन इस्तेमाल होता है. फिलहाल इसके तीन वैरिएंट्स मौजूद हैं.

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पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके.2 - इसकी रेंज 40KM है. तीसरा आकाश-एनजी - इसकी रेंज 80KM है. आकाश मिसाइल 20 KM की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन टारगेट को बर्बाद कर सकती है. सबसे ज्यादा खतरनाक इसकी गति है. ये दुश्मन को बचने की तैयारी का मौका नहीं देता. इसकी गति 4321 किलोमीटर प्रतिघंटा है.  

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आकाश मिसाइल को T-72 या BMP चेसिस या टाटा मोटर्स के हैवी मोबिलिटी ट्रक्स पर बनाए गए मोबाइल लॉन्च सिस्टम से दागा जा सकता है. इस मिसाइल के मोबाइल लॉन्च सिस्टम के लिए गाड़िया टाटा मोटर्स और BEML-Tatra कंपनियां बनाती हैं.  

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आकाश मिसाइल के पुराने संस्करण को चीन से हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख में भी तैनात किया गया था. इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है.  

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स्वदेशी आकाश मिसाइल रूस के 2K12 Kub जैसी ताकतवर मिसाइल है. इसमें रैमजेट-रॉकेट प्रोपल्शन सिस्टम है, जो इसे शानदार गति दिलाता है. इसके आकाश-एनजी वर्जन को भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया जा रहा है. फिलहाल वायुसेना के पास इस मिसाइल के 8 स्क्वाड्रन्स होने की जानकारी है. जबकि, थल सेना के पास 2 रेजिमेंट की बात कही जा रही है. दो और रेजिमेंट खरीदने की तैयारी है. 

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