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भारतीय सेना को हर साल मिलेगी 75 ATAGS तोप, जानिए इसकी ताकत

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST
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इंडियन आर्मी को हर साल 75 स्वदेशी हॉवित्जर तोप ATAGS मिलेगी. एटीएजीएस का मतलब होता है एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (Advanced Towed Artillery Gun System). सेना को ऐसे 307 तोपों की जरुरत है. जिसके लिए डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी को अप्रूव कर दिया है. (फोटोः डीआरडीओ)

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ATAGS को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (ARDE), टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम और भारत फोर्ज लिमिटेड ने मिलकर बनाया है. यह तोप 155 mm/52 कैलिबर की है. पिछले साल राजस्थान के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया था. 

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इस तोप को किसी भी स्थान पर ले जा सकते हैं. चाहे पाकिस्तान की सीमा हो या फिर चीन की सीमा. फिलहाल इंडियन आर्मी के पास ऐसी करीब 7-8 तोपें हैं. पहले 40 तोपों का ऑर्डर हुआ था. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 307 कर दिया गया है. इस तोप को चलाने में 6 से 8 लोगों की जरुरत पड़ती है. 

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ATAGS तोप बर्स्ट मोड में 15 सेकेंड में 3 राउंड, इंटेस में 3 मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में 60 राउंड फायर करती है. इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है. लेकिन इसे बढ़ाकर 52 करने का प्रयास किया जा रहा है. 

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इस गन का वजन 18 टन है. इसकी नली की लंबाई 8060 मिलिमीटर है. यह माइनस 3 डिग्री से लेकर प्लस 75 डिग्री तक एलिवेशन ले सकता है. अगर इसमें HE-BB या हाई एक्सप्लोसिव बेस ब्लीड एम्यूनिशन लगाया जाए तो इसकी रेंज बढ़कर 52 किलोमीटर हो जाती है. (फोटोः पवन कुमार/इंडिया टुडे)

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इसमें थर्मल साइट और गनर्स डिस्प्ले लगा हुआ है. ATAGS को विकसित करने में करीब चार साल लगे हैं. इसके ऑर्डिनेंस सिस्टम और रीकॉयल सिस्टम की वजह से इसमें थोड़ी देरी हुई. इसे सबसे पहले 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस परेड पर लोगों के सामने प्रदर्शित किया गया था. 

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अब तक इसके छह से सात परीक्षण हो चुके हैं. भारत के पास इस तरह के अन्य और भी तोप है. ये हैं 155 मिलिमीटर की धनुष, एम777 और हॉबिट्स एफएच77 बोफोर्स. बोफोर्स तोप की मदद से ही करगिल युद्ध जीता गया था. लेकिन अब भारत के पास इससे बेहतर तोप हैं. (फोटोः पवन कुमार/इंडिया टुडे) 

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