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सरकार की चेतावनीः भारत में कोरोना का कहर अभी बाकी, फिर उभर सकती है महामारी

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST
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भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हो रही है. इसका उच्चतम स्तर आना अभी बाकी है. भारत में वायरस फिर से रौद्र रूप ले सकता है. ये चेतावनी नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने दी है. डॉ. पॉल ने कहा है इसके लिए राज्यों की मदद से राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी ढांचों को और मजबूत करना होगा. ताकि लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें. (फोटोःपीटीआई)

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डॉ. वीके पॉल ने कहा कि ये आरोप गलत है कि सरकार को कोरोना की दूसरी लहर की जानकारी नहीं थी. हम लगातार लोगों को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स से चेतावनी दे रहे थे. हम ये भी बता रहे थे कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर आएगी. देश में अभी सीरो पॉजिटिविटी 20 फीसदी है. 80 फीसदी आबादी अब भी संक्रमण का शिकार हो सकती है. (फोटोःपीटीआई)

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डॉ. पॉल ने बताया कि कोरोना वायरस कहीं नहीं गया है. यही स्थिति अन्य देशों की भी है. 13 मई को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मार्च को साफ तौर पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ चुकी है. इसमें लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. बल्कि उससे संघर्ष करने की जरूरत है. सुरक्षित रहने की जरूरत है. (फोटोःपीटीआई)

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फाइनेंशियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार डॉ. वीके पॉल से पूछा गया कि क्या वायरस अपने उच्चतम स्तर यानी पीक पर पहुंच गया है. तब उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मॉडलिंग सिस्टम नहीं है, जिससे ये अंदाजा लगाया जा सके कि वह कब उच्चतम स्तर पर होगा. कोरोना वायरस के अबूझ व्यवहार की वजह से ये बहुत मुश्किल है. ये बात पूरी दुनिया जानती है. (फोटोःपीटीआई)

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डॉ. पॉल ने बताया कि कोरोना वायरस का उच्चतम स्तर आना बाकी है. क्योंकि ये वायरस कभी भी अपना रौद्र रूप ले सकता है. बस इतनी सी बात हमें पता है. इसलिए देश भर में तैयारियां चल रही हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है. कंटेंनमेंट मेजर्स लिए जा रहे हैं. इसके लिए लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा, ताकि वो ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित रह सकें. (फोटोःपीटीआई)

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डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत में अन्य देशों की तरह पैनिक नहीं हुआ. जबकि, बाकी देशों में कोरोना वायरस कई बार उच्चतम स्तर पर पहुंचा है. आखिरकार ये एक महामारी है. कोई छोटी-मोटी बीमारी नहीं है. इस बीमारी की खास बात ये है कि ये अब पूरे देश में फैल चुका है. अब ये ग्रामीण इलाकों को भी नहीं छोड़ रहा है. सुदूर पहाड़ी राज्यों तक पहुंच गया है. (फोटोःपीटीआई)

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लोगों को इस समय ज्यादा से ज्यादा ध्यान वैक्सीनेशन और कोरोना प्रोटोकॉल को मानने में लगाना चाहिए. इस मौके पर मौजूद स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के मामले अब कम हो रहे हैं. लोगों के पॉजिटिविटी रेट में थोड़ी लेकिन कमी आ रही है. पिछले तीन दिनों में कोरोना केस कम हुए हैं. लेकिन 10 राज्य ऐसे हैं जहां पर पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी से ज्यादा है. यह चिंताजनक है. (फोटोःपीटीआई)

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12 राज्यों में 1 लाख से ज्यादा कोरोना केस हैं. जबकि 24 राज्यों में 15 फीसदी पॉजिटिविटी रेट है. जिन दस राज्यों की हालत खराब है वो हैं- गोवा, पुड्डुचेरी, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और ओडिशा. यहां पर पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी से ज्यादा है. दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल में पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी से ज्यादा है. (फोटोःपीटीआई)

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लव अग्रवाल ने कहा कि जिले वार आंकड़ें देखें तो हर हफ्ते के अनुसार कोरोना टेस्ट बढ़े हैं. पॉजिटिविटी रेट कम हुई है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गोवा और तेलंगाना उन 20 राज्यों में हैं जहां पर कोरोना के मामलों में अब प्रतिदिन कमी आ रही है. (फोटोःपीटीआई)

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केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पुड्डुचेरी और मणिपुर समेत 16 राज्य ऐसे हैं जहां पर प्रतिदिन आने वाले कोरोना मामलों में बढ़त देखी गई है. ये राज्य अब भी चिंता का विषय बने हुए हैं. देश में 316 जिले ऐसे हैं जिनमें पिछले दो हफ्ते से लगातार कोरोना केस बढ़ रहे हैं. जबकि 187 जिले ऐसे हैं जहां पर कोरोना के मामले कम हुए हैं. (फोटोःपीटीआई)

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