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दुश्मन की मिसाइलें और रॉकेट आसमान में ही मार गिराएंगे... भारत बना रहा इजरायल जैसा अपना Iron Dome

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST
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Hamas के रॉकेटों से बचाव के लिए इजरायल ने आयरन डोम बना रखा है. यह ऐसी मिसाइल प्रणाली है जो आसमान से आते हुए रॉकेटों को हवा में ही खत्म कर देता है. इसी तरह भारत भी अपना आयरन डोम बना रहा है. भारत 400 km रेंज का स्वदेशी लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LRSAM) बना रहा है. (फाइल फोटोः PTI)

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यह मिसाइल सिस्टम सतह से हवा में मार करने में सक्षम होगा. यह तीन लेयर का होगा. यानी तीन स्टेज वाला. यह दुश्मन के हवाई जहाज, फाइटर जेट, रॉकेट, हेलिकॉप्टर या मिसाइल को 400 किलोमीटर रेंज में मार गिराने में सक्षम होगा. (फाइल फोटोः PTI)

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रक्षा मंत्रालय के पास तीन लेयर वाली लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बनाने का प्रस्ताव मिला है. जल्द ही इसका क्लियरेंस भी मिल जाएगा. 20 हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास खुद की हवाई सुरक्षा प्रणाली है. जैसे- रूस का S-400 सिस्टम. (फाइल फोटोः PTI)

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जिस मिसाइल को भारत बना रहा है, वह तीन लेयर्स की है. यानी अलग-अलग रेंज पर हमला करने में सक्षम होगी. अधिकतम रेंज 350 से 400 km होगी. इससे पहले भारत इजरायल के साथ मीडियम रेंज का SAM मिसाइल बना चुका है. जिसकी रेंज 70 km है. यानी दुश्मन का फाइटर जेट हवा में इतनी दूर है तो उसे मार गिराने की क्षमता भारत के पास पहले से मौजूद है.  (फाइल फोटोः PTI)

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बताया जा रहा है कि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ठीक उसी तरह का होगा, जैसे रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम या इजरायल का आयरन डोम. S-400 सिस्टम की तीन स्क्वॉड्रन भारत के पास हैं. जो चीन और पाकिस्तान सीमाओं पर तैनात किए गए हैं. दो और स्क्वॉड्रन भारत आएंगे लेकिन फिलहाल उनकी तारीख तय नहीं है. (फाइल फोटोः PTI)

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भारत में DRDO ने जमीन से छोड़ी जाने वाली और युद्धपोत से छोड़ी जाने वाली हवाई सुरक्षा मिसाइलों को विकसित किया है. इसमें काफी आगे बढ़ चुका है. भारत की तीनों सेनाओं के पास इस समय मध्यम दूरी की सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें (MRSAM) मौजूद हैं. (फाइल फोटोः PTI)

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चीन के पास रूस के एस-400 की तरह ही उनका अपना एयर डिफेंस सिस्टम है, लेकिन वह रूस के S-400 एयकर डिफेंस सिस्टम से कम क्षमतावान हैं. भारत में बनने वाले एयर डिफेंस सिस्टम (LRSAM) प्रोजेक्ट का नेतृत्व भारतीय वायुसेना कर रही है. जो लगातार स्वदेशी रक्षा उपकरणों और प्रणालियों के विकास में लगी हुई है. (फाइल फोटोः PTI)

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