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साइंस न्यूज़

Poseidon 8i Aircraft: गुफा या गहराई...कहीं भी छिपा जाए दुश्मन, भारतीय नेवी के इस विमान से नहीं बचेगा

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST
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भारतीय नौसेना (Indian Navy) की निगरानी क्षमता में और इजाफा हो गया है. नौसेना को बोइंग पोसाइडन-8I पेट्रोल और रीकॉन्ससेंस एयरक्राफ्ट की दूसरी स्क्वाड्रन गोवा स्थित INS हंसा पर तैनात हुई है. इसमें दो नए पोसाइडन विमान शामिल हुए हैं. चार एयरक्राफ्ट पहले से गोवा में तैनात है. दो अभी और आने वाले हैं. इसके बाद भारतीय नौसेना हिंद महासागर और अरब सागर के ऊपर उड़ान भरते हुए दुश्मन की हर हरकत पर नजर पर रख पाएगी. (फोटोः इंडियन नेवी)

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लद्दाख में चीन के साथ हुए संघर्ष के समय पोसाइडन विमान को चीनी गतिविधियों की स्पष्ट तस्वीर लेने के लिए तैनात किया गया था. इसक विमान का पहला बैच साल 2013 में आया था. जो आराकोनम स्थित INS रजाली में तैनात है. इसमें आठ विमान है. भारतीय नौसेना को कम से कम 6 और ऐसे एयरक्राफ्ट की आवश्यकता है ताकि अपने आसपास की समुद्री और जमीनी सीमाओं पर नजर रख सके. (फोटोः इंडियन नेवी)

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हिंद महासागर पर रणनीतिक तौर पर निगरानी रखने के लिए यह विमान बेहद महत्वपूर्ण है. इस विमान से साल 2013 से अब तक 29 हजार उड़ान घंटे पूरे किए हैं. इन उड़ान घंटों में उसने देश की सुरक्षा से संबंधित कई जरूरी जानकारियां देश के रक्षा मंत्रालय, सेना, एजेंसियों को दिए हैं. (फोटोः इंडियन नेवी)

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बोइंग पोसाइडन के चार वैरिएंट दुनियाभर में उपयोग किए जा रहे हैं. ये वैरिएंट हैं- P-8A Poseidon इसका सबसे ज्यादा उपयोग अमेरिकी नौसेना करती है. P-8I Neptune- इसका उपयोग भारतीय नौसेना कर रही है.  Poseidon MRA1 का उपयोग रॉयल एयरफोर्स कर रही है. P-8 AGS का उपयोग अमेरिकी एयरफोर्स कर रही है. अब जानते हैं इस विमान की खासियतों के बारे में...(फोटोः इंडियन नेवी)

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इस विमान में कुल मिलाकर 9 लोग बैठ सकते हैं. दो उड़ान क्रू होते हैं. बाकि मिशन के लिए काम करते हैं. यह विमान 9000 किलोग्राम वजन उठा सकता है. इसकी लंबाई 129.5 फीट है. विंगस्पैन 123.6 फीट है. ऊंचाई 42.1 फीट है. अगर विमान खाली है, तब इसका वजन 62,730 किलोग्राम होता है. टेकऑफ के समय अधिकतम वजन 85,820 किलोग्राम हो जाता है. (फोटोः यूएस नेवी)

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इसमें 2 CFM56-7B27A टर्बोफैन इंजन लगे हैं. हर इंजन 121 किलोन्यूटन की ताकत प्रदान करता है. इस विमान की अधिकतम गति 907 किलोमीटर प्रतिघंटा है. आमतौर पर यह 815 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरता है. इसकी कॉम्बैट रेंज 2222 किलोमीटर है. अगर इसे एंटी-सबमरीन वारफेयर में शामिल किया जाता है तो यह 4 घंटे तक कॉम्बैट जोन में उड़ान भर सकता है. (फोटोः इंडियन नेवी)

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यह विमान अधिकतम 8300 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है. इसकी अधिकतम उड़ान ऊंचाई साढ़े बारह किलोमीटर है. यानी करीब 41 हजार फीट. इसमें 11 हार्डप्वाइंट हथियार लगाए जा सकते हैं. इंटरनल बे पर 5 हार्डप्वाइंट और 6 बाहरी हार्डप्वाइट. इसमें कई तरह के पारंपरिक हथियारों का उपयोग किया जा सकता है. जैसे-  AGM-84H/K SLAM-ER, AGM-84 Harpoon, Mark 54 torpedo, mines, depth charges. इसके अलावा हाई एल्टीट्यूड एंटी-सबमरीन वॉरफेयर वेपन सिस्टम लगाया जा सकता है. (फोटोः इंडियन नेवी)

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इसमें लगाए जाने वाले हथियारों में AGM-84H/K SLAM-ER एंडवांस्ड स्टैंड ऑफ प्रिसिजन गाइडेड क्रूज मिसाइल है. यह जमीन और पानी दोनों पर हमला करके दुश्मन को बर्बाद कर सकती है. AGM-84 हार्पून किसी भी मौसम में दागी जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल है. Mark 54 टॉरपीडो के जरिए पनडुब्बियों और जहाजों पर हमला किया जा सकता है. इसके अलावा इसके जरिए समुद्र में बारूदी सुरंग बिछाया जा सकता है. साथ गहराई में विस्फोट करने के लिए बम भी दागे जा सकते हैं. (फोटोः यूएस नेवी)

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इस विमान में CAE कंपनी का AN/ASQ-508A मैग्नेटिक एनोमली डिटेक्टर (MAD) लगाया गया है. साथ ही ग्रिफॉन कॉर्पोरेशन का टेलिफोनिक्स एपीएस-143सी(वी)3 मल्टीमोड आफ्ट राडार जोड़ा गया है. इसके अलावा आमतौर पर इसमें रेथियॉन एपीवाई-10 मल्टी मिशन सरफेस सर्च राडार होता है. साथ ही एएन/एएलक्यू-240 इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर सूइट और एन/एपीएस-154 एडवांस्ड एयरबोर्न सेंसर लगे हैं. (फोटोः यूएस नेवी)

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