टैवोर TAR 21 असॉल्ट राइफल... इजरायल में बनी इस असॉल्ट राइफल की रेंज 550 मीटर है. एक मिनट में 750 से 950 गोलियां दागने की क्षमता. 30 राउंड की बॉक्स मैगजीन लगती है. भारतीय सेना, पैरा स्पेशल फोर्सेज इसका इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा उत्तर में तैनात स्पेशल फ्रंटियर फोर्स भी इसका इस्तेमाल करती हैं. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के सफाए में इस राइफल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. मरीन कमांडो मार्कोस के पास भी ये बदूंक है.
माइक्रो-ऊजी (Micro-Uzi)... इजरायल में बनी छोटी सब-मशीन गन. बैरल 10 इंच की होती है. यह एक मिनट में 600 गोलियां दागती है. 9 mm की गोलियां 1230 फीट प्रति सेकेंड की गति से चलती हैं. रेंज 100 मीटर होती है. इसके नए वर्जन एक मिनट में 950 गोलियां दाग सकते हैं. इस बंदूक का वजन 2.7 kg है. वीवीआईपी की सुरक्षा में लगे SPG के पास आमतौर पर दिखती है. पैरा स्पेशल फोर्सेज आज भी इसका इस्तेमाल करते हैं.
IMI गलिल 7.62 स्नाइपर... भारतीय सेना के स्पेशल फोर्सेस इस खतरनाक स्नाइपर राइफल का उपयोग करते हैं. 1972 से अब तक लगातार उपयोग में है. 51 देश इसका उपयोग कर रहे हैं. 15 से ज्यादा युद्धों में इसे इस्तेमाल किया जा चुका है. इसके सात वैरिएंट्स है, जिनका वजन 3.75 से 6.4 kg तक है. तीन तरह की गोलियां लगती हैं- 5.56x45 mm NATO, 7.62x51mm NATO और .30 कार्बाइन (मजल वैरिएंट). इसकी फायरिंग रेट 650 से 750 राउंड्स प्रति मिनट है. गोलियां 815 मीटर प्रति सेकेंड से लेकर 950 मीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती हैं. इसकी फायरिंग रेंज 300 से 500 मीटर है. इसके अलग-अलग वैरिएंट्स में 15 से लेकर 65 राउंड तक की मैगजीन लगती हैं.
IMI नेगेव एनजी 5... दुनिया की खतरनाक मशीन गन में से एक. इसका वजन 7.65 kg है. इसमें 5.56x45mm नाटो मैगजीन लगती है. यह गैस ऑपरेटेड रोटेटिंग बोल्ट तकनीक पर काम करती है. यह एक बार में 850 से 1050 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर करती है. गोलियां 915 मीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की धज्जियां उड़ा सकती है. इस मशीन गन की फायरिंग रेंज 300 से 1000 मीटर होती है. अधिकतम 1200 मीटर तक फायर कर सकती है. इसमें 150 से 200 राउंड की बेल्ट या 35 राउंड की मैगजीन लगाई जा सकती है.
B-300 एंटी टैंक रॉकेट लॉन्चर... इसे कंधे पर रखकर दागा जाता है. इससे आप टैंक, हेलिकॉप्टर और नीचे उड़ रहे विमानों को उड़ा सकते हैं. इसकी रेंज 400 मीटर होती है. इससे निकलने वाला गोला 920 फीट प्रति सेकेंड की दर से हमला करता है. यह 3.65 kg का होता है. लेकिन गोला भरने के बाद 8 किलो का हो जाता है. एक मिनट में तीन राउंड दाग सकता है.
Barak-8 मिसाइल... बराक-8 मिसाइल के बेसिकली दो वैरिएंट हैं. पहला लॉन्ग रेंज. दूसरा मीडियम रेंज. INS Mormugao पर मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल लगी है. यानी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल. यह मिसाइल आधा से 100 KM तक हमला कर सकती है. बराक-8 का वजन 275 KG है. लंबाई 4.5 मीटर है. इसपर 60 KG का वॉरहेड लगा सकते हैं. डेटोनेशन सिस्टम हार्ड टू किल है. यानी गिरा तो दुश्मन पूरी तरह से बर्बाद. यह मिसाइल बिना धुएं के उड़ती है. इसलिए आकाश में दिखती नहीं. यह 3578 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. इसे आमतौर पर वर्टिकल लॉन्च सिस्टम से दागते हैं.
M-46 हॉवित्जर... यह एक फील्ड गन है. इसके दो वैरिएंट्स है- 133 मिलीमीटर और 155 मिलीमीटर. भारत के पास ऐसे 1100 फील्ड गन्स है. यह तीन रेट में फायर करता है. आमतौर पर एक मिनट में 6 राउंड. बर्स्ट मोड पर 8 और सस्टेंड मोड पर 5 राउंड. इसका गोला करीब एक किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दुश्मन की ओर बढ़ता है. इसके गोले की रेंज 27.5 किलोमीटर से लेकर 38 किलोमीटर तक है.
Spike एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल... स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की तकनीक इतनी अच्छी है कि टारगेट न भाग सकता है न छिप सकता है. यह उसे नष्ट करने तक पीछा करती रहती है. इसका इस्तेमाल दुनिया के 35 देश कर रहे हैं. सेना इसका उपयोग दुश्मनों के टैंक्स आदि उड़ाने के लिए कर सकती है. सिर्फ टैंक ही नहीं, ये कम ऊंचाई पर उड़ रहे हेलिकॉप्टर और विमानों को भी मार गिरा सकती है. Spike ATGMs के कुल मिलाकर 9 वैरिएंट्स हैं. 50 मीटर से 10 हजार मीटर तक इसकी रेंज है. इसमें इंफ्रारेड होमिंग- इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सीकर लगा होता है, जो दुश्मन को किसी भी मौसम और अंधेरे में भी खोज सकता है. यानी यह टारगेट से निकल रही गर्मी को पकड़कर उसका पीछा करता है.
Spyder एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल... अन्य एयर डिफेंस सिस्टम की तुलना में ये हल्का लेकिन घातक और सटीक है. इस मिसाइल से आप एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, ड्रोन्स या प्रेसिशन गाइडेस हथियारों को निशाना बना सकते हैं. इसके दो वैरिएंट्स हैं. शॉर्ट और मीडियम रेंज. ये दोनों हर मौसम में काम कर सकते हैं. मल्टीपल लॉन्चर्स हैं. सेल्फ-प्रोपेल्ड है. इसकी गति इतनी ज्यादा है कि इससे बचना किस्मत की बात ही होगी. यह 4900 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टारगेट की तरफ बढ़ती हैं. यानी दुश्मन के पास बचने के लिए कुछ सेकेंड्स का ही समय होता है. टारगेट को लॉक कर लेती है. पीछा तब तक नहीं छोड़तीं, जब तक उसका खात्मा न कर दें. (फोटोः इंडियन एयरफोर्स)
हेरोन ड्रोन... हेरोन ड्रोन मार्क-2 को हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है. आने वाले दिनों में इसे तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा ताकि जरुरत पड़ने पर दुश्मन के खिलाफ आक्रामक हमला किया जा सके. हेरोन ड्रोन मार्क-2 सैटेलाइट से नियंत्रित होने वाला ड्रोन है जो 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है. हेरोन ड्रोन्स को लेज़र गाइडेड बम, हवा से जमीन, हवा से हवा और हवा से एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस किया जाना है. हेरोन ड्रोन एक बार हवा में उठा तो 36 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है और यह जमीन से 35 हजार फीट यानी साढ़े दस किलोमीटर की ऊंचाई पर बेहद शांति से उड़ता रहता है. (फोटोः AFP)
Spice 2000 बम... बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को खत्म करने के लिए भारतीय वायुसेना ने इन्हीं इजरायली बमों का इस्तेमाल किया था. यदि इन बमों को लड़ाकू विमान द्वारा किसी इमारत पर गिराया जाता है तो यह इमारत की छत में छेद कर अंदर घुसता है तथा एक घातक विस्फोट करता है. स्पाइस बमों की मारक क्षमता सटीक होने साथ ही यह लक्ष्य को 60 km/घंटा की गति से भेद सकता है.