इजरायली एयर फोर्स लगातार हमास के आतंकी अड्डों पर हमला कर रहा है. इसके लिए वह अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर (Apache Attack Helicopter) का इस्तेमाल कर रहा है. गाजा में जब इजरायली सेना ने ग्राउंड अटैक किया, तब ये हेलिकॉप्टर सैनिकों को एरियल सपोर्ट दे रहा था. (सभी फोटोः X/इजरायली एयरफोर्स)
एरियल सपोर्ट यानी आगे कहां-कहां आतंकी है, उनका पता लगाना. उनके अड्डों को नष्ट करना. ये कोई आम हेलिकॉप्टर नहीं है. इस हेलिकॉप्टर का इंजन बहुत ज्यादा ताकतवर है. AH-64Es अपाचे हेलिकॉप्टर को पहले एएच-64डी ब्लॉक 3 बुलाया जाता था.
इस हेलिकॉप्टर में अत्याधुनिक डिजिटल कनेक्टिविटी है. ज्वाइंट टैक्टिकल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम है. फेस गियर ट्रांसमिशन से लैस किया गया है. इसकी गति को, क्लाइंब रेट और पेलोड क्षमता को भी बढ़ाया गया है. इसमें संचार के लिए सी, डी, एल और केयू फ्रिक्वेंसी बैंड की सुविधा है.
AH-64Es हेलिकॉप्टर को उड़ाकर उसके साथ ड्रोन्स भी उड़ाए जा सकते हैं. यानी एक हेलिकॉप्टर से कई ड्रोन्स को नियंत्रित करके उनसे दुश्मन के इलाके को तबाह किया जा सकता है. इसे उड़ाने के लिए 2 पायलटों की जरूरत होती है.
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की लंबाई 58.2 फीट और ऊंचाई 12.8 फीट है. बिना किसी हथियार या ईंधन के इसका वजन 5165 किलोग्राम होता है. उड़ान के समय यह 10,433 KG वजन उठा कर ले जा सकता है.
इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के 2 टी700-जीई-701 टर्बोशिफ्ट इंजन लगे हैं. जो इसे 1409 किलोवॉट की ताकत देते हैं. चार ब्लेड वाले इसके मुख्य पंखे का व्यास 48 फीट है. यह अधिकतम 293 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है.
आमतौर पर इसे 265 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ाया जाता है. पायलट इसे कभी भी 365 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति तक नहीं ले जाते. लॉन्गबो रडार मास्ट के साथ यह 476 किलोमीटर कॉम्बैट रेंज तक उड़ान भर सकता है.
सामान्य तौर पर फेरी रेंज 1896 किलोमीटर है. यह अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें एक 30 मिमी की एम230 चेन गन लगी है. जो एक मिनट में 1200 राउंड फायर करती है. चार पाइलॉन हार्डप्वाइंट्स हैं. विंगटिप पर AIM-92 स्टिंगर ट्विन मिसाइल पैक लगाया जा सकता है.
AH-64Es अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर में 70 मिमी के Hydra-70, CRV, APKWS या हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा इसमें AGM-114 हेलफायर मिसाइल के वैरिएंट्स लगाए जा सकते हैं.
हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर, एजीएम-65 मैवरिक और स्पाइक मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. AH-64Es हेलिकॉप्टरों का उपयोग पनामा, फारस की खाड़ी, कोसोवो, अफगानिस्तान, इराक, लेबनान, गाजा पट्टी समेत कई युद्धों में हो चुका है.
अब तक दुनिया में 2400 अपाचे हेलिकॉप्टर बनाए जा चुके हैं. दुनिया के एक दर्जन से ज्यादा देश इस हेलिकॉप्टर का उपयोग कर रहे हैं. भारतीय वायुसेना भी इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है.