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Israeli Hermes 900 Male Drone: अब भारत में बनेगा इजरायल का खतरनाक ड्रोन, Adani की कंपनी बनाएगी

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST
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Israel के खतरनाक हमलावर और जासूसी करने वाले ड्रोन का इस्तेमाल अब भारत भी करेगा. भारत में ही बनेगा Hermes 900 MALE UAV. भारत में इसे अडानी डिफेंस (Adani Defense) कंपनी बना रही है. उम्मीद है कि अगले 4-5 साल में इसकी फुल डिलिवरी भारत में ही होने लगेगी. (फोटोः एलबिट सिस्टम)

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देश में इतने शानदार ड्रोन के बनने से रोजगार तो बढ़ेगा ही. भारतीय सेनाओं को ये हथियार पहले मिलेगा. हर्मेस 900 ड्रोन्स को अभी तक इजरायल की एलबिट कंपनी बना रही थी. खासतौर से इस ड्रोन का काम निगरानी और जासूसी है. लेकिन जरूरत पड़ने पर इसके जरिए हमला भी किया जा सकता है. (फोटोः एएफपी)

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यह ड्रोन लगातार 30 से 36 घंटे तक उड़ान भर सकता है. यह मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस अनमैन्ड एरियल व्हीकल (MALE UAV) है. यह अधिकतम 30 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसका विंगस्पैन 49 फीट है. वजन करीब 970 किलोग्राम है. यह 450 किलोग्राम वजन के पेलोड लेकर उड़ान भर सकता है. (फोटोः एएफपी)

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इसे चलाने के लिए सिर्फ दो लोगों की जरुरत पड़ती है. जो कंप्यूटर के जरिए इस पर नियंत्रण रखते हैं. इसकी लंबाई करीब 27.3 फीट है. यह अधिकतम 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. हालांकि आमतौर पर 112 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ान भरता रहता है. यानी ज्यादा तेज गति से उड़ान समय कम होता है. (फोटोः एएफपी)

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इसें स्पाइक मिसाइल (Spike Missile) लगती हैं. इस मिसाइल के 9 वैरिएंट्स दुनिया में मौजूद हैं. जरूरत के हिसाब से ड्रोन में इसका इस्तेमाल हो सकता है. यह मिसाइल दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों और टैंकों को ध्वस्त कर सकता है. इस मिसाइल की तकनीक इतनी अच्छी है कि टारगेट न भाग सकता है न छिप सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इस मिसाइल का इस्तेमाल फिलहाल दुनिया के 35 देश कर रहे हैं. Spike की लंबाई 3 फीट 11 इंच होती है. वैरिएंट्स के अनुसार थोड़ा-बहुत कम ज्यादा हो सकती है.  अलग-अलग वैरिएंट की रेंज अलग है. 50 मीटर से 10 हजार मीटर तक इसकी रेंज है. हेलिकॉप्टर में 600 से 25 हजार मीटर रेंज वाली Spike-NLOS मिसाइल लगेगी. (फोटोः रॉयटर्स)

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इजरायल ने इस ड्रोन का इस्तेमाल सबसे पहले जुलाई 2014 में ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज में किया था. जबकि इसे अपनी सेना में 2015 के अंत में तैनात किया. इस ड्रोन का मुख्य काम निगरानी, जासूसी, भागते टारगेट को खोजना, कम्यूनिकेशन एंड इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और किसी भी तरह के मौसम में दुश्मन पर नजर रखना है. (फोटोः रॉयटर्स)

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यह ड्रोन सिग्नल इंटरसेप्ट करके भी जासूसी करने में सक्षम है. यह कम्यूनिकेशन इंटेलिजेंस में भी काम आएगा. यानी विदेशी संदेशों के सिग्नल को ट्रैस करके उसे डिकोड करने में मदद करेगा. ऐसा कहा जा रहा है कि भविष्य में अडानी डिफेंस हर्मेस 900 के साथ-साथ 450 भी बना सकता है. इससे भारत में बने ड्रोन्स दुनिया को मिलने लगेंगे. (फोटोः रॉयटर्स)

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