भारत के चंद्रयान-3 मिशन के बाद रूस ने लूना-25 भेजा. अब जापान अपना स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) और एक्स-रे इमेजिंग एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) भेजने वाला है. जापानी मून मिशन की लॉन्चिंग 26 अगस्त 2023 को सुबह करीब 6 बजे के आसपास होगी. (सभी फोटोः JAXA/Getty)
जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के तानेगाशिमा स्पेस सेंटर के योशीनोबू लॉन्च कॉम्प्लेक्स से लॉन्चिंग की जाएगी. लॉन्चिंग के लिए 27 अगस्त से लेकर 15 सितंबर तक रिजर्व लॉन्च पीरियड संभाल कर रखा है. यानी पहले दिन किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर इन 18 दिनों के बीच किसी भी समय रॉकेट को लॉन्च किया जा सके.
लॉन्चिंग जापानी स्पेस एजेंसी के H-2A रॉकेट से की जाएगी. स्लिम मिशन में जापान चांद पर लैंडिंग की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करना चाहता है. वह भी बेहद सटीकता के साथ. यह एक हल्का रोबोटिक लैंडर है. जिसे तय स्थान पर ही उतारा जाएगा. उसकी जगह में कोई बदलाव नहीं होगा. ताकि सटीक सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन किया जा सके.
SLIM लैंडर को बनाने के पीछे का मकसद यही है कि इंसानों की काबिलियत दिखे. सटीक जगह पर लैंड करने की क्षमता विकसित कर सके. इसे विकसित करने के बाद अगर सफलता मिलती है लैंडिंग में तो भविष्य में अन्य ग्रहों पर तय जगहों पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए सटीक जगह खोजना और वहां उतरना आसान हो जाएगा.
इस साल चंद्रमा पर दो और मिशन जाने वाले हैं. दोनों अमेरिका भेजेगा. इसमें से एक तो सिर्फ इसलिए है कि वो चांद पर डिलीवरी कर सके. नासा के इस मिशन का नाम है कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेस (Commercial Lunar Payload Services - CLPS). इसके अलावा नासा लूनर ट्रेलब्लेजर (Lunar Trailblazer) मिशन भेजेगा.
लूनर ट्रेल ब्लेजर एक ऑर्बिटर है जो चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए सतह पर पानी, उसके स्वरूप और कहां मौजूद है, इसकी जांच करेगा. 2024 में बेरेशीट 2 (Beresheet 2) लॉन्च हो रहा है. इसे इजरायल भेज रहा है. इसमें दो लैंडर और एक ऑर्बिटर होगा. ऑर्बिटर मदरशिप होगा. लैंडर चांद के दो अलग-अलग हिस्सों में उतारे जाएंगे.
अमेरिका 2024 में ही VIPER यानी वोलाटाइल्स इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर भेजा जाएगा. यह चांद के अंधेरे वाले हिस्से में और दक्षिणी ध्रुव पर संसाधनों की खोज करेगा. 2025 में नासा Artemis 2 लैंडर को चांद पर उतारेगा. इंसान को 50 साल बाद पहली बार चांद की सतह पर उतारा जाएगा. अर्टेमिस-1 मिशन सफल हो चुका है.
चीन 2024 से 2027 के बीच अपना चांगई-6, 7 और 8 मिशन भेजेगा. ये चांद की सतह पर रिसर्च करने वाले रोबोटिक रिसर्च स्टेशन होंगे. इसके बाद चीन इस साल चंद्रमा पर अपने स्टेशन और सैटेलाइट्स के बीच संपर्क साधने के लिए लूनर कम्यूनिकेशन एंड नेविगेशन सैटेलाइट कॉन्स्टीलेशन भेजने वाला है. जापान 2024 में हाकुतो-2 (Hakuto-2) और 2025 में हाकुतो-3 (Hakuto-3) मिशन भेजेगा. यह भी एक लैंडर और ऑर्बिटर मिशन होगा.