Advertisement

साइंस न्यूज़

ये हैं देसी टेस्ला, बनाया ऐसा कॉयल जो बिना तार के ही जला देता है बल्ब

आदित्य बिड़वई
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 21 मई 2021,
  • अपडेटेड 5:34 PM IST
VS Sabu Indian Tesla
  • 1/6

केरल में एक देसी निकोला टेस्ला है. इनका नाम है वीएस साबू. इन्होंने एक ऐसा आयन आधारित टेस्ला कॉयल बनाया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. साबू के साइंटिफिक वीडियो की काफी तारीफ भी हो रही है. साबू के टेस्ला कॉयल ने 40 लाख से ज्यादा व्यूज हासिल किए हैं. (फोटोःवीएस साबू/इंस्टाग्राम)
 

VS Sabu Indian Tesla
  • 2/6

वीएस साबू के तिरुवनंतपुरम में अपनी छोटी सी लैब बना रखी है. यहां पर ढेर सारे स्टूडेंट्स साइंटिफिक एक्सपेरीमेंट सीखने आते हैं. साथ ही साइंटिफिक मॉडल्स भी बनाते हैं. साबू उन बच्चों को सिखाने में मदद करते हैं. इंडिया टुडे से बात करते हुए साबू ने कहा कि उन्होंने एक नया टेस्ला कॉयल बनाया है. ये उन्होंने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान बनाया था. (फोटोःवीएस साबू/इंस्टाग्राम)

  • 3/6

ये एक सॉलिड-स्टेट टेस्ला कॉयल है. ये 2 किलोवॉट के इनपुट वोल्टेज 230 वोल्ट और आउटपुट को 300 किलोवोल्ट में बदलता है. इसे एक IGBT सेमीकंडक्टर से नियंत्रित किया जाता है. IGBT को इंसुलेटेड-गेट बाइपोलर  ट्रांसिस्टर कहते हैं. एक वायरल वीडियो में साबू दिखा रहे हैं कि कॉयल के ऊपर एक ब्लेड तेजी से घूमते हुए आयन मॉलिक्यूल्स जेनरेट करती है. इन मॉलिक्यूल्स से हाई वोल्टेज निकलता है. जिससे बगल में रखा एक LED बल्ब जल जाता है. (फोटोःवीएस साबू/इंस्टाग्राम)

Advertisement
  • 4/6

हैरानी की बात ये है कि इस वीडियो में कहीं भी ये नहीं दिख रहा है कि LED बल्ब तार से जुड़ा हो. बल्ब अपने आप टेस्ला कॉयल से निकलने वाली ऊर्जा से जल उठता है. आपको बता दें कि टेस्ला कॉयल बिना तार के बिजली पैदा करने की क्षमता रखता है. लेकिन इसका उपयोग कॉमर्शियल तौर पर अभी नहीं किया जा रहा है. अगर टेस्ला कॉयल से निकलने वाली आयन ऊर्जा का उपयोग किया जाए तो यह काफी किफायती हो सकती है. (फोटोःवीएस साबू/इंस्टाग्राम)

  • 5/6

टेस्ला कॉयल में हाई वोल्टेज का सोर्स चाहिए. इसमें एक प्राइमरी कॉयल लगती है. दूसरी सेकेंडरी कॉयल होती है. इनके अलग-अलग कैपेसिटर होते हैं. वीएस साबू का टेस्ला कॉयल 3 लाख वोल्ट का सेकेंडरी वोल्टेज जेनरेट करती है. इसमें से 2 किलोवॉट ऊर्जा निकलती है. इसके तेजी से घूमने वाले ब्लेड आयन प्रोपेलर का काम करते हैं. (फोटोःवीएस साबू/इंस्टाग्राम) 

  • 6/6

टेस्ला कॉयल का कई उपयोग किया जा सकता है. ये स्टूडेंट्स को सिखाने के काम आता है. प्रयोग किए जाते हैं. ओजोन जेनरेट किया जा सकता है. या फिर हाई-वोल्टेज इंसुलेशन ब्रेकडाउन टेस्ट किया जा सकता है. वीएस साबू ने कहा कि यह निकोला टेस्ला को समर्पित है. टेस्ला ने 19वीं सदी में स्पार्क गैप टेक्नोलॉजी पर काम किया था. (फोटोःवीएस साबू/इंस्टाग्राम)

Advertisement
Advertisement
Advertisement