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साइंस न्यूज़

48 घंटे में दो बार फटा ज्वालामुखी, 5 द्वीपों पर राख की मोटी परत

aajtak.in
  • किंग्सटाउन,
  • 12 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST
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पूर्वी कैरिबियन आईलैंड सेंट विंसेंट पर स्थित लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी रविवार यानी 11 अप्रैल को एक बार फिर फट पड़ा. इससे पहले वह 42 साल बाद शुक्रवार को फटा था. इसकी वजह से सेंट विंसेंट आईलैंड के अलावा आसपास के कई द्वीपों पर अब राख का गुबार फैल गया है. रविवार को हुए विस्फोट से धुएं और राख का गुबार 10 किलोमीटर ऊपर तक उठा. उसके बाद ज्वालामुखी के आसपास के 30 किलोमीटर के इलाके में राख ही राख फैल गई. इसकी वजह से कई घर बर्बाद हो गए. फसलें खराब हो गईं. जानवर मारे गए और करीब 16 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. (फोटोःरॉयटर्स)

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लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) इससे पहले साल 1979 में फटा था. सेंट विंसेंट और ग्रेनाडाइंस के प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस के आदेश पर ज्वालामुखी के रेड जोना इलाके में रहने वाले 16 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. लेकिन राख की वजह से सैकड़ों मवेशियों की मौत हो गई हैं. कई एकड़ में फैली फसलें खराब हो गई हैं. (फोटोः एपी)

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सेंट विंसेंट (St. Vincent) के नेशनल इमरजेंसी मैनेजमेंट ऑर्गेनाइजेशन (Nemo) ने कहा है कि ज्वालामुखी की राख उससे 20 किलोमीटर दूर मौजूद आर्गाइल इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंच रही है. यह ज्वालामुखी पिछले साल दिसंबर से गड़गड़ा रहा था. इसकी वजह से अक्सर जमीन में कंपन हो रही थी. बीच-बीच में थोड़ा बहुत भाप और धुआं निकाल रहा था. लेकिन 10 अप्रैल को यह फट पड़ा. (फोटोः एपी)

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8 अप्रैल को जैसे ही लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) के ऊपरी हिस्से में लावा डोम (Lava Dome) दिखाई दिया. प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस ने तत्काल इमरजेंसी बचाव कार्य को करने का निर्देश दे दिया था. 9 अप्रैल को यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंडीज के भूकंप विज्ञानियों ने चेतावनी दे दी थी कि लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) किसी भी समय फट सकता है. (फोटोःरॉयटर्स)

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लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) ज्वालामुखी से लोगों को बचाने के लिए खाली क्रूज शिप्स की मदद ली गई. ताकि उन्हें सेंट विंसेंट आईलैंड के दूसरे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जा सके. जो लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं, उन्हें भी ज्वालामुखी के फटने के बाद से अब तक कई बार धरती के कांपने और गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दे रही है. (फोटोः एपी)

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लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) के आसपास रेड जोन में इस देश की 10 फीसदी आबादी रहती है. लेकिन लोगों को बचाने का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि इसमें विस्फोट हो गया. भारी मात्रा में राख गिरने की वजह से लोगों के बचाव कार्य में बाधा पड़ रही है. घरों, सड़कों, गलियों, पेड़-पौधों और गाड़ियों समेत हर चीज पर राख की मोटी परत जम गई है. (फोटोः रॉयटर्स)

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स्थानीय मीडिया ने बताया है कि लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी के विस्फोट की वजह से माउंट पेली (Mount Pelee) में विस्फोट की आशंका बढ़ गई है. क्योंकि वहां से भी गड़गड़ाहट की आवाज आ रही है. 4003 फीट ऊंचे लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) से लगातार धुआं और राख अब भी निकल रहा है. जो कि इस देश के लिए चेतावनी का विषय है. (फोटोः रॉयटर्स)

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यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंडीज के भूकंप केंद्र की निदेशक इरोसिला जोसेफ ने कहा कि अभी यह ज्वालामुखी और विस्फोट कर सकता है. साथ ही इसकी सक्रिय गतिविधि से आसपास के अन्य ज्वालामुखी भी फट सकते हैं. हालांकि अभी तक इस ज्वालामुखी की वजह से किसी इंसान की मौत नहीं हुई है.  (फोटोः रॉयटर्स)

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लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) में विस्फोट होने की वजह से सेंट विंसेंट आईलैंड के लोगों को पास के द्वीपों पर भी भेजा गया है. ये द्वीप हैं सेंट लूसिया, ग्रेनाडा, बारबाडोस और एंटीगुआ. लोगों को 2 रॉयल कैरिबियन क्रूज शिप और 2 कार्नीवाल क्रूज शिप की मदद से इन स्थानों पर पहुंचाया गया है. (फोटोः रॉयटर्स)

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13 अप्रैल, 1979 में लॉ सॉफरियर ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) में जब विस्फोट हुआ था, तब इसने 747 करोड़ रुपये का नुकसान किया था. इसके पहले यह 1902 में फटा था. तब इसने 1600 लोगों की जान ले ली थी. (फोटोः रॉयटर्स)

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