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साइंस न्यूज़

Largest Megacomet: प्रचंड गति से सौर मंडल में आया सबसे बड़ा धूमकेतु, 137 KM है इसका व्यास

aajtak.in
  • पेरिस,
  • 10 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST
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सौर मंडल में तेज गति से यात्रा कर रहे एक घुसपैठिये धूमकेतु को लेकर वैज्ञानिकों ने कहा कि ये अब तक खोजा गया सबसे बड़ा धूमकेतु है. इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. इस धूमकेतु का नाम है  Comet C/2014 UN271 है. लेकिन इसे खोजा था पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के ग्रैजुएट स्टुडेंट पेड्रो बर्नैडिनेली और एस्ट्रोनॉमर गैरी बर्न्स्टीन ने. इसलिए इस धूमकेतु को नाम दिया गया बर्नैडिनेली-बर्न्स्टीन धूमकेतु (Bernardinelli-Bernstein Comet). (फोटोः NOIRLab/NSF/AURA/J. da Silva/Spaceengine)

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पेरिस ऑब्जरवेटरी के साइंटिस्ट डॉ. इमैनुएनल लेलॉउच ने कहा कि हमारी गणना सटीक है. पहले अंदाजा था इसकी चौड़ाई 100 किलोमीटर होगी. लेकिन जांच में पता चला कि यह 137 किलोमीटर व्यास का है. वैसे तो इसकी खोज 2014 में हो गई थी. लेकिन सौर मंडल में यह पिछली साल आया. क्योंकि इसके पहले इसे सौर मंडल में इतनी नजदीक नहीं देखा गया था. न ही ये सौर मंडल में आया था. यह धूमकेतु (Comet) उर्ट क्लाउड (Oort Cloud) से निकल कर हमारे सौर मंडल की तरफ आया है. (फोटोः NASA/JPL)

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इसे चिली स्थित सेरो-टोलोलो इंटर-अमेरिकन ऑब्जरवेटरी के डार्क एनर्जी कैमरा से खोजा गया था. ताकतवर टेलिस्कोप से अध्ययन करने के बाद पता चला कि बर्नैडिनेली-बर्न्स्टीन धूमकेतु (Bernardinelli-Bernstein Comet) करीब 137 किलोमीटर चौड़ा है. यह धरती से सूरज की दूरी से 20 गुना ज्यादा दूरी से निकलेगा. टेलिस्कोप से देखने पर यह नीले रंग का एक बिंदु दिखता है. यह 23 जनवरी 2031 को हमारे सूरज के सबसे नजदीक पहुंचेगा. यह उस समय शनि ग्रह के नजदीक होगा. और उस समय इसकी धरती से सूरज की दूरी की 11 गुना ज्यादा होगी. (फोटोः Deep Impact HRI)

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हार्वर्ड एंड स्मिथसोनियन के सेंटर ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के एस्ट्रोनॉमर पीटर वर्स ने कहा कि हमारे पास इसका अध्ययन करने के लिए करीब 20 साल का समय है. यह एक बेहद रोमांचक मौका है. क्योंकि यह धूमकेतु उर्ट क्लाउड से निकला है. जहां पर बर्फ के मैदान हैं. बर्फीले पत्थरों का कचरा भरा पड़ा है. इसने हमारे सौर मंडल को चारों तरफ से घेर रखा है. (फोटोःगेटी)

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बर्नैडिनेली-बर्न्स्टीन धूमकेतु (Bernardinelli-Bernstein Comet) को सबसे पहले साल 2014 में खोजा गया था. दोनों वैज्ञानिकों ने इसे साल 2015, 2016, 2017 और 2018 में लगातार देखा. लेकिन यह सिर्फ एक नीले बिंदु की तरह ही दिखता रहा. हालांकि यह लगातार नजदीक आता जा रहा था. इसके बाद दोनों ने अपनी रिपोर्ट को माइनर प्लैनेट सेंटर को भेजा ताकि इसकी डिटेल स्टडी की जा सके. यह पता किया जा सके कि ये एस्टेरॉयड या कोई छोटा ग्रह तो नहीं है जो धरती की तरफ आ रहा हो. (फोटोःगेटी)

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माइनर प्लैनेट सेंटर से जुड़े पीटर वर्स ने बताया कि हमने स्टडी की तो पता चला कि यह रासायनिक तौर पर निष्क्रिय है. हालांकि, इसके पीछे एक धुंधली पूंछ बनी हुई है, जो या तो धूल की है या फिर किसी तरह का भाप या गैस है. यही बात वैज्ञानिकों को हैरान करती रही कि जब यह रासायनिक तौर पर निष्क्रिय है तो इसके पीछे पूंछ कैसे बन रही है? इसका जवाब ये निकला कि रासायनिक तौर पर निष्क्रिय धूमकेतु जब अंतरिक्ष में यात्रा करते हैं तो सूरज की गर्मी और सौर हवाओं के घर्षण से इनकी पूंछ बनती है. (फोटोःगेटी)
 

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पीटर ने बताया कि जैसे-जैसे यह सूरज के नजदीक आता जा रहा है, यह प्रचंड और सक्रिय होता जा रहा है. इसे सूरज का एक चक्कर लगाने में करीब 55 लाख साल लगेंगे. यह सूरज से सबसे दूर करीब एक प्रकाश वर्ष की दूरी पर जाएगा. ऊर्ट क्लाउड का इलाका ठंडा है. यह वहां से निकला है इसलिए हो सकता है कि यह भी बेहद ठंडा हो. ये भी हो सकता है कि बर्नैडिनेली-बर्न्स्टीन धूमकेतु (Bernardinelli-Bernstein Comet) जैसे धूमकेतु कभी हमारे सौर मंडल का हिस्सा रहे हों. लेकिन शनि और नेपच्यून ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्तियों के संघर्ष में ये बाहर निकल गए हों. (फोटोःगेटी)

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पीटर ने कहा कि फिलहाल इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन हो सकता है कि सूरज के पीछे जाने से पहले हम अगले 20 सालों में इसका पूरा अध्ययन कर पाएं. क्योंकि हो सकता है कि सूरज के नजदीक जाने पर यह खत्म हो जाए. इसका भविष्य में कोई चक्कर ही न लगे. क्योंकि आमतौर पर बर्नैडिनेली-बर्न्स्टीन धूमकेतु (Bernardinelli-Bernstein Comet) जैसे धूमकेतु अक्सर सौर मंडल के बाहर ही चक्कर लगाते हैं. यह पहला ऐसा धूमकेतु है जो हमारे सौर मंडल में आया है. (फोटोःगेटी)

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बर्नैडिनेली-बर्न्स्टीन धूमकेतु (Bernardinelli-Bernstein Comet) एक प्रकार का टाइम कैप्सूल है, जो एक बार हाथ से निकल गया तो इसका अध्ययन करना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि इसके बाद ये लौटेगा या नहीं यह बता पाना बेहद मुश्किल होगा. पीटर और उनकी टीम इस धूमकेतु पर लगातार नजर रख रही है. हर दिन इसकी गति और सक्रियता की जांच कर रही हैं. क्योंकि सौर मंडल में आने के बाद किसी भी वस्तु की गति और दिशा में परिवर्तन हो सकता है. (फोटोःगेटी)

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हालांकि, डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि बड़े टेलिस्कोप बर्नैडिनेली-बर्न्स्टीन धूमकेतु (Bernardinelli-Bernstein Comet) की गति और दिशा पर बेहद संवेदनशील तरीके से नजर रख रहे हैं. जैसे ही इसमें कोई बदलाव होता है हमें इसका पता चल जाएगा. इस दौरान हम इसकी पूंछ आदि का अध्ययन करते रहेंगे. यह रिपोर्ट हाल ही में IFLScience में प्रकाशित हुई है. (फोटोः NASA)

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