इस साल येलोस्टोन नेशनल पार्क (Yellowstone National Park ) बर्फ के भारी कंबल के नीचे ढक गया. जानवरों के लिए खाने-पीने की किल्लत हो गई, तो यहां के जंगली भैंसों (बाइसन) का झुंड भोजन की तलाश में, पार्क के बाहर निकलने को मजबूर हो गया. लेकिन सरकार इन भैंसों को पार्क से बाहर जाने से रोक रही है. इतना ही नहीं, पिछले चार महीनों से राज्य और संघीय अधिकारियों ने इन इन झबरीले भैसों के शिकार को मंजूरी दे रखी है. ये जानवर लाखों पर्यटकों की पसंद हैं और अमेरिकी संस्कृति और इतिहास का केंद्र रहे हैं. (Photo: Reuters)
इस साल यहां जंगली भैसों की आबादी 6000 तक पहुंच गई है. अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इन भैसों के शिकार के अलावा और कोई चारा नहीं बचा था. क्योंकि जानवर यहां से निकलकर मोंटाना की पैराडाइज़ वैली में उत्तर और पश्चिम के रिहायशी इलाकों का तरफ जा सकते हैं. भैंसों का शिकार, उन्हें बाकी पशुओं के पास जाने से रोकने की रणनीति का हिस्सा है, क्योंकि जंगली भैंसों के झुंड के करीब 60 प्रतिशत हिस्सा ब्रुसेलोसिस नामक बीमारी से पीड़ित है. यह बीमारी मवेशियों को संक्रमित कर सकती है और इससे गायों का गर्भपात हो सकता है. (Photo: Getty)
लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में, भैसों के शिकार पर काफी आलोचनाएं की जा रही हैं. यहां भैसों का लगातार शिकार किया जा रहा है, साथ ही येलोस्टोन से हटाए गए बाइसन की संख्या 1,530 से ज़्यादा हो गई है. इसमें सैकड़ों गर्भवती मादाएं भी शामिल हैं, जो जल्द ही बच्चे को जन्म देने वाली हैं. पार्क से सैकड़ों भैसों को बूचड़खानों में भेजा गया है और करीब 285 को एक क्वारेंटाइन साइट पर भेजा गया है, जहां यह देखा जाएगा कि ये भैसें इनफेक्टेड हैं या नहीं. स्वस्थ भैसों को मूल अमेरिका में ही रखा जाएगा. करीब 800 भैसों को पकड़ा गया है, जिन्हें शिकार होने से बचाया गया है. (Photo: AFP)
सरकारी अधिकारियों और संरक्षण समूहों के लिए ये चुनौती भरा समय है. पार्क सुप्रीटेंडेंट कैम शोली का कहना है कि येलोस्टोन में वन्यजीवों से जुड़ा ये सबसे चुनौतीपूर्ण मामला है. बाइसन एकमात्र ऐसी प्रजाति है जिसे हम एक सीमा तक सीमित रखते हैं. एक बार अगर बाइसन नेशनल पार्क की सीमा के बाहर चला गया और मोंटाना में भटक गया, तो वे राज्य की जिम्मेदारी बन जाते हैं. भैंस पर अधिकार देने वाली ऐतिहासिक संधियों के मुताबिक, नेज़ पर्से, ब्लैकफीट, उमाटिला आरक्षण की संघीय जनजातियों के सदस्य, उत्तरी अरापाहो, संघीय सलीश और कूटेनाई जनजाति, कौवा और शोसोन-बैनॉक जनजातियों के लोग इस इलाके पर पहुंचे और करीब 1,100 जंगली भैंसों का शिकार किया. (Photo: Getty)
कैम शोली कहते हैं कि हालिया अध्ययनों के मुताबिक, जेनेटिक डाइवर्सिटी बनाए रखने के लिए जनसंख्या को 3,500 से कम नहीं किया जाना चाहिए. उनका अनुमान है कि इस साल इनकी जनसंख्या लगभग 5,000 होनी चाहिए. यह पार्क अमेरिका के सबसे जंगली बाइसन आबादी का घर है, यहां ये बाड़े में नहीं रहते. एक वयस्क बैल बाइसन का वजन करीब 907 किलो तक और गाय का वजन करीब 453 किलो तक हो सकता है. मादा और उसके बछड़े झुंड में इकट्ठा रहते हैं, जबकि बैल आमतौर पर अकेले रहते हैं. (Photo: Reuters)
शिकार की आलोचना करने वालों का कहना है कि मोंटाना के करीब 20 लाख मवेशियों के बीच, ब्रुसेलोसिस संक्रमण कभी नहीं फैला. लेकिन माना जाता है कि अगर जानवर इस बेहद संक्रामक ब्रुसेला एबोर्टस जीवाणु (Brucella abortus bacterium) से संक्रमित हो जाते हैं, तो इसका नतीजा होगा जानवरों का लॉकडाउन. यह बीमारी प्रजनन अंगों में होती है और जन्म के बाद बच्चे को भी पास होती है. (Photo: Reuters)
ब्रुसेलोसिस बैक्टीरिया कच्चे डेयरी प्रोडक्ट्स के ज़रिए, जानवरों से लोगों में भी फैल सकता है. यही नहीं, संक्रमण हवा के ज़रिए भी हो सकता है. मनुष्यों में, ब्रुसेलोसिस संक्रमण से तेज बुखार और थकान हो सकती है. एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज हो सकता है, लेकिन यह दोबारा भी हो सकता है या पुरानी बीमारी बन सकता है. बाइसन में संक्रमण की दर बहुत ज़्यादा है. बाइसन और मवेशी भी एक ही जगह पर चरते हैं, इसलिए बाइसन से मवेशियों तक भी ब्रुसेलोसिस पहुंच सकता है. हिरण, मूस और अन्य प्रजातियां संक्रमित हो सकती हैं. (Photo: Reuters)
पिछले साल के अंत से ही, उत्तर पश्चिमी अमेरिका के सैकड़ों शिकारी येलोस्टोन की सीमाओं तक पहुंचे. कुछ शिकारी तो अपने परिवारों के साथ यात्रा पर गए हैं. लेकिन जहां पिछले कुछ महीनों में शिकारियों को अपनी विरासत से जुड़ने का मौका मिला, वहीं पिछले सालों की तुलना में इतने बड़े पैमाने पर किया जा रहा शिकार विवाद पैदा कर रहा है. एक तरफ लोग आलोचक शिकार के खिलाफ हैं, वहीं खुद शिकारी भी यहां के लिए काफी परेशानियां खड़ी कर रहे हैं. शिकारी बाइसन का मांस तो ले जाते हैं , लेकिन बाकी बचा कचरा वहीं छोड़ जाते हैं. जिसकी वजह से जगह-जगह जानवरों के आंतरिक अंग और कंकाल बिखरे हुए हैं. मांस के लिए भेड़िये, शेर, यहां आते हैं, यहां तक कि भालू भी हाइबरनेशन से बाहर आ गए हैं. (Photo: Reuters)