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साइंस न्यूज़

पहली बार हुआ आकाशगंगा की हड्डी का X-Ray, लंबाई है 195 प्रकाश वर्ष

aajtak.in
  • मैसाचुसेट्स,
  • 07 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 8:16 PM IST
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पहली बार वैज्ञानिकों ने अपनी आकाशगंगा यानी मिल्की वे गैलेक्सी की हड्डी का नक्शा बनाया है. यानी उसका एक्सरे किया है. आप सोच रहे होंगे कि हड्डियां तो सिर्फ जीवों में होती है. हड्डियां शरीर का वह फ्रेम होती हैं, जिस पर अलग-अलग तरह के अंश एकसाथ जुड़े होते हैं. उनमें एक संतुलन बना होता है. शरीर भी नियंत्रित और सही ढांचे में दिखता है. ठीक इसी तरह आकाशगंगा की भी हड्डी होती है. (फोटोः ESA)

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मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) की हड्डी की लंबाई करीब 195 प्रकाश वर्ष है. इसकी स्कैनिंग स्ट्रैटोस्फेयरिक ऑब्जरवेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) प्लेन से की गई है. पहली बार इस हड्डी के पूरे चुंबकीय क्षेत्र का नक्शा तैयार किया गया है. मिल्की वे गैलेक्सी के घुमावदार हिस्से के बीच मौजूद यह हड्डी ठंडे गैसों का घना और लंबा फिलामेंट है. (फोटोः गेटी)

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मैसाचुसेट्स स्थित वॉर्सेस्टर स्टेट यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट इयान स्टीफेंस ने एक बयान में कहा कि SOFIA से पहले यह काम करना आसान नहीं था. अब हम स्वतंत्र तरीके से इन हड्डियों के चारों तरफ मौजूद चुंबकीय क्षेत्र की लंबाई-चौड़ाई नाप सकते हैं. हम किसी भी बड़े फिलामेंट से बने बादलों की जांच कर सकते हैं. इस हड्डी की जांच के परिणाम उम्मीद से ज्यादा बेहतर निकले. (फोटोः गेटी)

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इयान ने कहा कि पहले तो हमें लगा कि यह हड्डी सीधी होगी. लेकिन जब उसकी जांच शुरू की गई तो पता चला कि यह बेहद जटिल आकृति है. गैलेक्सी का चुंबकीय क्षेत्र न तो इस हड्डी के समानांतर चल रहा है, न ही परपेंडिकुलर. क्योंकि यह गैलेक्सी स्पाइरल है यानी घुमावदार है. SOFIA की मदद से हमें कई दिशाओं से जुड़े नाप-तौल मिलने लगे हैं. चुंबकीय क्षेत्र इन हड्डियों के चारों तरफ फैले हैं. (फोटोः गेटी)

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मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) की हड्डी की खोज साल 2013 में हुई थी. तब से लेकर अब तक 18 हड्डियों की खोज की जा चुकी है. इयान ने बताया कि हमारी गैलेक्सी में तारों के निर्माण की दर कम है. यानी तीन सोलर मास प्रति वर्ष. क्योंकि तारों का निर्माण इन घने फिलामेंट जैसे ठंडे बादलों के अंदर ही होता है. आपकी हड्डियों की तरह ही मिल्की वे की हड्डियां बेहद घनी होती हैं. (फोटोः गेटी)

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मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) की हड्डी की खासियत ये होती है कि वो अपनी चौड़ाई से कम से कम 50 गुना ज्यादा लंबी होती है. यह आकाशगंगा के मैदानी इलाके यानी प्लेन के समानांतर और नजदीक ही मिलती है. SOFIA की मदद से अंतरिक्ष विज्ञानियों ने इन हड्डियों का आकार, वजन, तापमान, ऊंचाई और घनत्व का पता लगा लिया है. यह स्टडी हाल ही में द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुई है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इयान ने बताया कि इन हड्डियों के आसपास का चुंबकीय क्षेत्र काफी कमजोर तरीके से टिका होता है. इयान और उनकी टीम ने SOFIA प्लेन को धरती के स्ट्रैटोस्फेयर से ठीक ऊपर उड़ाया. ताकि इंफ्रारेड तरंगों से बाधा न पहुंचे. इसी की बदौलत मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) की 10 हड्डियों की खोज की गई है. पहली हड्डी का नाम है G47. (फोटोः रॉयटर्स)
 

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अगर चुंबकीय शक्ति सही है तो किसी भी तारे के निर्माण का दर भी सही हो सकता है. क्योंकि इसकी वजह से गैसों का बहाव और दिशा सही रहती है. हड्डियों का आकार सही बनता है. साथ ही इससे गैसों के सबसे बड़े और घने पॉकेट्स के आकार और क्षमता का निर्धारण होता है. ये जब टूटते हैं तब एक जुट होकर तारों को बनाने में जुट जाते हैं. अगर इनकी स्टडी लगातार की जाए तो हम यह पता कर सकते हैं कि कहां नया तारा बनने वाला है. इसके लिए कितनी चुंबकीय शक्ति की जरूरत है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इयान और उनकी टीम ने सोफिया की मदद से आकाशगंगा की सबसे पहले खोजी गई हड्डी G47 की स्कैनिंग की. इसके चुंबकीय क्षेत्र में नॉन-स्फेरिकल धूल के कण देखे गए. ये चुंबकीय फील्ड की दिशा में ही सेट थे. ये अलग-अलग ताकत की इंफ्रारेड रोशनी फेंक रहे थे. इस स्टडी से यह बात स्पष्ट हो गई है कि चुंबकीय शक्तियां कभी-कभी हड्डियों के आसपास न होकर उनके बीच में होती हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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