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Mysterious Cosmic Object: धरती पर हर घंटे 3 बार फेंक रहा ऊर्जा, 20 मिनट में होता है गायब

aajtak.in
  • सिडनी,
  • 27 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST
Mysterious Powerful cosmic object
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खगोल विज्ञानियों यानी अंतरिक्ष पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसी अनजान वस्तु दिखी है, जो हर 20 मिनट में गायब होता है और दिखने लगता है. न तो यह कोई सुपरनोवा है. न ही कोई पल्सर है. सिर्फ इतना ही नहीं यह हमारी धरती की तरफ हर एक घंटे में तीन बार भारी मात्रा में ऊर्जा फेंक रहा है. इस अनजान और ताकतवर वस्तु की हरकतों को देखकर दुनियाभर के एस्ट्रोनॉमर्स हैरान-परेशान हैं. ज्यादा जानकारी जुटाने में लगे हैं. (फोटोः ICRAR)

Mysterious Powerful cosmic object
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यह शैतानी रहस्यमयी अंतरिक्षीय वस्तु हमारे सूरज से 4 हजार प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. यह अब तक अंतरिक्ष में खोजे गए हर तरह के वस्तुओं से अलग है. न तो यो सुपरनोवा, न ही पल्सर, न ही मैग्नेटार और न ही कुछ और. वैज्ञानिक यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि इसे किस स्पेस ऑबजेक्ट की श्रेणी में रखें. इसके बारे में Nature जर्नल में रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. (फोटोः नताशा हर्ले-वॉल्कर/ICRAR)

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हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसे नाम दिया है GLEAM-XJ162759.5-523504.3. छोटे में हम इसे ग्लीम (GLEAM) बुला सकते हैं. ये हाल ही में तब खोजा गया जब हमारी आकाशगंगा यानी गैलेक्सी मिल्की वे में एक रेडियो वेव सर्वे किया जा रहा था. ग्लीम (GLEAM) बहुत तेजी से दिखता है, फिर गायब हो जाता है. ऐसा वह हर 20 मिनट के अंतर पर कर रहा है. (फोटोः गेटी)

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ग्लीम (GLEAM) जब दिखता है तो उससे तेज रोशनी निकलती है. तेज ऊर्जा निकलती है, जो धरती की तरफ आती है. उसके बाद वह अंधेरे में गायब हो जाता है. 20-20 मिनट के अंतराल पर यह धरती की तरफ तेज ऊर्जा की लहर फेंक रहा है. आमतौर पर ऐसे वस्तु जो हमारे टेलिस्कोप में दिखें और फिर गायब हो जाएं. उन्हें ट्रांजिएंट्स (Transients) कहते हैं. ट्रांजिएंट्स यानी एक ऐसा मरता हुआ तारा (Supernova) या फिर किसी मरे हुए तारे का खत्म होता हुआ शव. जिसे न्यूट्रॉन स्टार (Neutron Star) कहते हैं. (फोटोः जेरेमी थॉमस/अनस्प्लैश)

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दिक्कत ये है कि वैज्ञानिक इसे इन दोनों ही कैटेगरी में नहीं रख पा रहे हैं. क्योंकि ये दोनों ही श्रेणियों के तय मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है. इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है कि ये कोई नए प्रकार का स्पेस ऑबजेक्ट हो. जिसके बारे में अभी तक इंसान ने कुछ भी नहीं खोजा या जाना था. या फिर ऐसी कोई वस्तु जिसकी उम्मीद किसी वैज्ञानिक ने सपने में भी न की हो. (फोटोः ब्रेट रिची/अनस्प्लैश)

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ऑस्ट्रेलिया के बेंटले स्थित कर्टिन यूनिवर्सिटी की रेडियो एस्ट्रोनॉमर और इसे खोजने वाली टीम की प्रमुख नताशा हर्ले-वॉल्कर ने कहा कि यह वस्तु लगातार गायब हो रहा है. दिख रहा है. यह हमारे लिए चौंकाने वाली घटना थी. हमने जब इस पर लगातार नजर रखी तो पता चला कि यह अलग ही प्रकार की अंतरिक्षीय वस्तु है. क्योंकि अंतरिक्ष की जितना ज्ञान आज के समय में वैज्ञानिकों को है, यह उनमें से एक नहीं है. यह एकदम अलग है. (फोटोः गेटी)

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ट्रांजिएंट्स (Transients) आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं. धीमे ट्रांजिएंट्स यानी जो कुछ दिनों के अंतर पर दिखते हैं और गायब होते हैं. ऐसा वो कई महीनों तक कर सकते हैं. आमतौर पर इनमें सुपरनोवा होते हैं. जो मर रहे तारे की तेज रोशनी होती है. उनके आसपास के वातावरण में भयानक विस्फोट होते रहते हैं. धीरे-धीरे ये मद्धम पड़ते जाते हैं. फिर खत्म हो जाते हैं. (फोटोः गेटी)

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दूसरा प्रकार होता है तेज ट्राजिएंट्स यानी कुछ मिलिसेकेंड्स में भी गायब होकर वापस आ सकते हैं. आमतौर पर इन्हें पल्सर (Pulsar) कहते हैं. यानी वो न्यूट्रॉन स्टार जो तेजी घूमते हुए रोशनी और रेडियो तरंगे फेंकता रहता है. गायब होता है फिर आ जाता है. ये रोशनी और रेडियो तरंगे मृत तारे के चुंबकीय क्षेत्र में आने वाले बदलाव की वजह से निकलती हैं. इसकी स्टडी के लिए मर्चिसन वाइडफील्ड ऐरे (MWA) रेडियो टेलिस्कोप को तैनात किया गया है. (फोटोः गेटी)

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वैज्ञानिकों का कहना है कि यह सुपरनोवा से बहुत तेज और पल्सर से बहुत धीमा चमक रहा है. क्योंकि अगर ग्लीम (GLEAM) को एक मिनट के लिए लगातार देखा जाए तो आपको पता चलेगा कि यह कितना ज्यादा ताकतवर है. जांच से पता चला है कि यह काफी चमकदार है लेकिन हमारे सूरज से आकार में बहुत छोटा है. इससे निकलने वाली रेडियो तरंगें बहुत ज्यादा पोलराइज्ड हैं. यानी वो ताकतवर मैग्नेटिक फील्ड से निकल रही हैं. (फोटोः गेटी)

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नताशा हर्ले-वॉल्कर कहती हैं कि आजतक ऐसी कोई चीज देखी ही नहीं गई है. क्योंकि हमने इसे इतना ज्यादा चमकदार होने की उम्मीद नहीं की थी. लेकिन यह किसी तरह से चुंबकीय ऊर्जा को रेडियो तरंगों में परिवर्तित कर रहा है. अगर इतना ताकतवर मृत तारा इतनी तेजी से घूमता है तो वह इस तरह की रोशनी किसी पल्स की तरह पैदा कर सकती है. (फोटोः गेटी)

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