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साइंस न्यूज़

Covid-19 का कहर, 'बिल्लियों के द्वीप' पर एक-दूसरे को मारकर खा रहीं हैं बिल्लियां

aajtak.in
  • रियो-डे-जेनेरो,
  • 13 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST
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ब्राजील की राजधानी रियो-डे-जेनेरो के पास एक बिल्लियों का द्वीप (Island of Cats) है. यहां पर ये बिल्लियां खुद से नहीं आई हैं. इन्हें वो लोग छोड़कर जाते हैं जो उन्हें पालना नहीं चाहते या फिर ऊब चुके होते हैं. ये द्वीप रियो-डे-जेनेरो के मंगाराटिबा शहर से 20 मिनट की दूरी पर है. यहां मोटर बोट से जाना होता है. बिल्लियों का यह द्वीप पहाड़ी जंगलों की खूबसूरती के लिए जाना जाता है लेकिन दिक्कत ये है कि अब प्रशासन को यह समझ में नहीं आ रहा है कि इन बिल्लियों को बचाया कैसे जाए. कोरोना काल में इन्हें कैसे सुरक्षित रखा जाए? (फोटोःगेटी)

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इस द्वीप पर बहुत सी बिल्लियों की हालत खराब है. उन्हें न तो सही से खाना मिल रहा है, न ही किसी इंसान के पहुंचने की आदत से आराम. कोरोना के चलते बिल्लियों की द्वीप पर कोई जा नहीं रहा है. कुछ मछुआरों ने देखा है कि अब इस द्वीप पर बिल्लियां एक दूसरे को मारकर खा रही हैं. ताकतवर बिल्लियां कमजोर बिल्लियों को शिकार बना रही हैं. बिल्लियों के द्वीप को ब्राजीलियन भाषा में इल्हा फुरटाडा (Ilha Furtada) कहते हैं. (फोटोःगेटी)

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फुरटाडा द्वीप पर बिल्लियां कई सालों से रह रही हैं. इसकी वजह से इस द्वीप पर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता था. इसकी वजह से इन्हें खाना-पीना मिलता रहता था. लेकिन कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन लग गया और पर्यटकों का आना-जाना बंद हो गया. इस वजह से बिल्लियों का इंसानों का प्यार और खाना मिलना बंद हो गया. कई बिल्लियां कमजोर होती जा रही हैं. बीमार है. जो बची-कुची ताकतवर बिल्लियां हैं वो अब कमजोर बिल्लियों का शिकार कर रही हैं. स्थितियां बद से बद्तर होती जा रही हैं. (फोटोःगेटी)

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जब कोरोना वायरस रियो-डे-जेनेरो और अन्य शहरों में फैलने लगा तो लोगों ने बिल्लियों की द्वीप पर और बिल्लियां छोड़ दीं. इसकी वजह से बिल्लियों की उस द्वीप पर आबादी तो बढ़ गई लेकिन खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हो पाई. इस समय यह नहीं पता है कि इस द्वीप पर कितनी बिल्लियां हैं लेकिन स्थानीय मीडिया के अनुसार 750 से ज्यादा बिल्लियां इस द्वीप पर रह रही हैं. (फोटोःगेटी)

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ब्राजील के वो लोग जो अपनी बिल्लियों का खर्चा नहीं उठा पा रहे हैं, वो या तो खुद इन्हें इस द्वीप पर लाकर छोड़ देते हैं. या फिर किसी नाविक को कुछ पैसे देकर छोड़ने के लिए कह देते हैं. बिल्लियों के द्वीप के पास स्थित एक शेल्टर होम के डायरेक्टर आंद्रिया रिजी कफासो ने कहा कि अब लोगों से कह रहे हैं कि वो अपनी बिल्ल्यों को वापस ले जाएं. क्योंकि अब बिल्लियों के लिए इस द्वीप पर कोई जगह नहीं बची है. हम सबको खाना नहीं दे पा रहे हैं.  (फोटोःगेटी)

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अमेरिका जैसे रईस देशों में लोग इन जीवों के खाने-पीने की व्यवस्था कर देते हैं. शेल्टर होम में सामाजिक सेवा के तहत खाना पहुंचा देते हैं लेकिन ब्राजील के लोगों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वो इन बिल्लियों के लिए ऐसे सामाजिक काम कर सकें. लेकिन जिन देशों में ऐसी व्यवस्था नहीं होती वो अपने पालतू जानवरों को भी आवारा होने के लिए छोड़ देते हैं. कुछ सामाजिक संगठन बिल्लियों की सुरक्षा के लिए सामने आए हैं. (फोटोःगेटी)

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वेटरिनेरियंस ऑन द रोड नाम की गैर-सरकारी संस्था बिल्लियों के द्वीप पर खाना पहुंचाने का काम शुरु कर चुकी है. जो बिल्लियां ज्यादा सामाजिक व्यवहार करती हैं, उन्हें वापस ले जाकर मुख्य शहरों में लोगों से गोद लेने की अपील करते हैं. बदले में बिल्लियों के द्वीप के लिए खाना या थोड़ा पैसा दान करने की बात कहते हैं. ऐसे संस्थान बिल्लियों के द्वीप पर अब खाना और पानी देने वाले डिस्पेंसर लगा रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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एक गैर-सरकारी संस्था के कॉर्डिनेटर जॉयस पुचाल्स्की ने कहा कि खाना दान करना कोई स्थाई समाधान नहीं है. ब्राजील में पालतू जानवरों को बिल्लियों के द्वीप पर छोड़ने के लिए एंटी-डंपिंग नियम हैं. लेकिन लोग उसका पालन नहीं कर रहे हैं. बिल्लियों या किसी भी पालतू जानवर को इस द्वीप पर छोड़ने की पहली शर्त हैं उसका हिंसक हो जाना. या भयानक रूप से बीमार हो जाना. या उसका खतरनाक हो जाना. लेकिन लोग यूं ही सिर्फ खर्च न उठा पाने की शर्त पर ही बिल्लियों और अन्य पालतू जानवरों को इस द्वीप पर छोड़ रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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जॉयस ने बताया कि जो लोग बिल्लियों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं, उन्हें यह काम लगातार जारी रखना होगा. क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बिल्लियां एकदूसरे को मारकर खाने लगेंगी. जिसकी 2-3 घटनाएं हाल में देखने को मिली हैं. कोरोना वायरस की वजह से आ रही दिक्कतों के लिए ये बिल्लियां तो जिम्मेदार नहीं हैं. क्योंकि की बिल्लियां इस द्वीप को छोड़कर जाना ही नहीं चाहतीं. प्रयास करने पर हिंसक हो जाती हैं. लेकिन खाना देने पर प्यार से पेश आती हैं.  (फोटोःगेटी)

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मंगाराटिबा शहर का प्रशासन समझ नहीं पा रहा है कि वो इन बिल्लियों को बचाने और सुरक्षित रखने के लिए क्या करे. क्योंकि लोगों से मदद नहीं मिल रही है. जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाएं लगातार सोशल मीडिया पर बिल्लियों के मरने, बीमार होने और एकदूसरे का शिकार करने को लेकर प्रशासन और ब्राजील की सरकार को आड़े हाथों ले रही हैं. (फोटोःगेटी)

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