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इस उम्र के बच्चों पर Pfizer की नई कोरोना वैक्सीन 100% प्रभावी, जल्द आएगी बाजार में...

aajtak.in
  • न्यूयॉर्क,
  • 01 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST
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जरूरतमंद, कोरोना वॉरियर्स और बुजुर्गों को वैक्सीन तो लग ही रही है. सवाल है बच्चों के लिए वैक्सीन कब आएगी तो जवाब है बेहद जल्द बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी. फाइजर और बायोएनटेक कंपनी ने 12 से 15 साल के बच्चों पर अपनी वैक्सीन का ट्रायल किया है. बच्चों पर वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का तीसरा चरण पूरा हो चुका है. इसमें वैक्सीन ने बच्चों पर कोरोना के खिलाफ 100 फीसदी एफिकेसी यानी क्षमता दिखाई है. कंपनी ने इसकी घोषणा 31 मार्च 2021 को की है. (फोटोःगेटी)

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फाइजर और बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) की योजना है कि वो बहुत जल्द अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) के सामने इस क्लीनिकल ट्रायल का डेटा रखेंगे. ताकि उनकी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिल सके. फाइजर के चेयरमैन और सीईओ अलबर्ट बोरुला ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले स्कूली सेशन से पहले हम 12 से 15 साल के बच्चों को ये वैक्सीन दे पाएंगे. (फोटोःगेटी)

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फाइजर की वैक्सीन का नाम है BNT162b2. हालांकि इस ट्रायल का अभी पीयर रिव्यू नहीं हुआ है लेकिन कंपनी का दावा है कि उनकी इस वैक्सीन से बच्चों का एक बड़ा समहू कोरोना से सुरक्षित हो जाएगा. अमेरिका में हुए फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल में 2260 बच्चों ने भाग लिया था. इनकी उम्र 12 से 15 के बीच थी. इनमें से आधे बच्चों को वैक्सीन दी गई और आधों को प्लेसीबो (Placebo) यानी प्रायोगिक औषधि. (फोटोःगेटी)

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जिन लोगों को प्लेसीबो दिया गया था उनमें से 18 बच्चों को कोरोनावायरस का संक्रमण हुआ लेकिन जिन लोगों को वैक्सीन दिया गया था, उनमें से किसी को भी कोरोना संक्रमण नहीं हुआ. फाइजर (Pfizer) का दावा है कि BNT162b2 वैक्सीन की दो डोज लगने के एक महीने बाद शरीर में इतने ज्यादा न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबॉडी बन जाते हैं कि उससे 12 से 15 साल के बच्चे कोरोना से बचे रहेंगे. (फोटोःगेटी)

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जबकि, इससे पहले की गई स्टडी में 16 से 25 साल तक युवाओं में ऐसा देखने को नहीं मिला था. इस आयु समूह के युवाओं में कुछ साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले थे. जबकि 12 से 15 साल के बच्चों में कोई साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आया है. फाइजर कंपनी का दावा है कि इन सभी बच्चों पर अगले दो सालों तक नजर रखी जाएगी ताकि लंबे समय तक वैक्सीन के प्रभाव का अध्ययन किया जा सके. (फोटोःगेटी)

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बायोएनटेक (BioNTech) के सीईओ उगुर सहिन ने कहा कि पूरे विश्व में लोग सामान्य जीवन का इंतजार कर रहे हैं. बच्चों के लिए तो इसकी ज्यादा जरूरत है. 16 से 25 साल के युवाओं की तुलना में 12 से 15 साल के बच्चों में BNT162b2 वैक्सीन का प्रभाव ज्यादा सटीक है. इस वैक्सीन से बच्चे पुराने और नए वैरिएंट्स से भी बचे रहेंगे. चाहे वह यूरोप का वैरिएंट हो या किसी अन्य देश का. (फोटोःगेटी)

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इस समय फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को 16 साल से ऊपर के लोगों के लिए आपातकालीन स्थिति में अनुमति दी गई है. जबकि, अमेरिका में मॉडर्ना और जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन को 18 साल के ऊपर के लोगों के उपयोग के लिए अनुमति दी गई है. (फोटोःगेटी)

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मॉडर्ना भी अपने नए वैक्सीन का ट्रायल कर रही है. ये ट्रायल 12 से 17 साल तक के किशोरों पर किया जा रहा है. इतना ही नहीं मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक ने छोटे बच्चों और नवजातों पर भी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. दोनों कंपनियों की योजना है कि ये छोटे बच्चों और नवजातों के लिए सिंगल डोज की कोरोना वैक्सीन विकसित करें. (फोटोःगेटी)

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