प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 06 फरवरी, 2023 को कर्नाटक के तुमकुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की एक हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का उद्घाटन करेंगे. यह फैक्ट्री 615 एकड़ में फैली हुई है. इसमें हर तरह के हेलिकॉप्टर बनाने की योजना है. शुरुआत में हर साल 30 हेलिकॉप्टर बनेंगे. बाद में इसे बढ़ाकर 60 और 90 करने का इरादा है. आइए जानते हैं कि यहां पर कौन-कौन से हेलिकॉप्टर बनने वाले हैं.
लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (Light Utility Helicopter- LUH): भारतीय वायुसेना और थल सेना ने 6-6 ऑर्डर किए हैं. फिलहाल तीन बनकर अलग-अलग जगहों पर सेवाएं दे रहे हैं. इसे दो लोग उड़ाते हैं. इसमें 6 लोग बैठ सकते हैं. 37.8 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 11.1 फीट है. इसकी अधिकतम गति 250 किमी प्रतिघंटा है. 500 किलोग्राम वजन के साथ एक बार में 350 किमी की उड़ान भर सकता है. खाली 500 किमी तक. अधिकतम 21,300 फीट तक जा सकता है.
लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (Light Combat Helicopter): इस हेलिकॉप्टर को LCH Prachand नाम दिया गया है. भारतीय वायुसेना और थल सेना ने नए लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) का उपयोग कर रही हैं. अब तक 8 हेलिकॉप्टर बने हैं. 15 का ऑर्डर है. इसमें दो लोग बैठ सकते हैं. यह 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है. पूरे साजो सामान के साथ इसका वजन 5800 किलोग्राम होता है.
प्रचंड पर 700 किलोग्राम के हथियार लगा सकते हैं. अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा है. 550 किलोमीटर रेंज हैं. लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है. अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 20 मिमी की एक तोप लगी है. चार हार्डप्वाइंट्स होते हैं यानी रॉकेट्स, मिसाइल और बम लगाए जा सकते हैं. या फिर इनका मिश्रण.
एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (Advanced Light Helicopter - ALH): इसे ही ध्रुव हेलिकॉप्टर कहते हैं. वायुसेना के पास 107, सेना के पास 191 और नेवी के पास 14 हेलिकॉप्टर्स हैं. नेवी ने 11 और आर्मी ने 73 हेलिकॉप्टर के ऑर्डर एचएएल को दे रखे हैं. इन ऑर्डर से ही पता चलता है कि ये कितने काम का हेलिकॉप्टर है. इसे दो पायलट उड़ाते हैं. इसमें 12 जवान बैठ सकते हैं. 52.1 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर की ऊंचाई 16.4 फीट है.
ध्रुव हेलिकॉप्टर की अधिकतम गति 291 किमी प्रतिघंटा है. यह एक बार में 630 किमी तक उड़ान भर सकता है. अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें किसी तरह का हथियार फिलहाल नहीं लगाया गया है. लेकिन इसके ही प्लेटफॉर्म पर लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर बनाया गया है, जो हमलावर हेलिकॉप्टर है.
इंडियन मल्टी रोल हेलिकॉप्टर (Indian Multi Role Helicopter - IMRH): इस हेलिकॉप्टर की पहली उड़ान की संभावना 2024 से 2025 के बीच है. उसके एक साल के अंदर इसे भारतीय मिलिट्री के लिए दिया जाएगा. इसे बनाने का मकसद है सोवियत संघ के Mi-17 हेलिकॉप्टर के पुराने फ्लीट को बदलना. यह 13 टन वजनी पांच पंखों वाला हेलिकॉप्टर होगा.
IMRH को दो लोग मिलकर उड़ाएंगे. इसमें 24 से 36 जवान बैठ सकेंगे. लंबाई करीब 82.7 फीट और ऊंचाई 20.5 फीट होगी. यह अधिकतम 300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकेगा. वैसे 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति में उड़ेगा. इसकी रेंज 800 किलोमीटर है. अधिकतम 22 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकेगा.
एचएएल रुद्र (HAL Rudra): यह यूटिलिटी हेलिकॉप्टर ही है, जिसे अटैक हेलिकॉप्टर में बदला गया है. इंडियन एयरफोर्स के पास 16 और थल सेना के पास 75 हैं. इसे दो पायलट उड़ाते हैं. इसमें 12 जवान बैठ सकते हैं. यह 52.1 फीट लंबा, 10.4 फीट चौड़ा, 16.4 फीट ऊंचा होता है. इसकी अधिकतम गति 280 किमी प्रतिघंटा, अधिकतम रेंज 590 किमी और अधिकतम ऊंचाई पर उड़ान 20 हजार फीट है.
रुद्र हेलिकॉप्टर में इसमें 20 मिमी की एक एम621 कैनन, 2 मिस्ट्रल रॉकेट्स, 4 FZ275 LGR मिसाइल, 4 ध्रुवास्त्र मिसाइल तैनात किए जा सकते हैं. ध्रुवास्त्र मिसाइल की टेस्टिंग इस हेलिकॉप्टर के साथ पूरी हो चुकी है. जल्द ही इस मिसाइल को तैनात किया जाएगा.