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कोरोनाकाल में ऑस्ट्रेलिया में उग आए 'जॉम्बी फिंगर', दुर्लभ फंगस देख वैज्ञानिक हैरान

aajtak.in
  • फ्रेंच आइलैंड, विक्टोरिया,
  • 01 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST
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कोरोनाकाल में बहुत सी चीजें हुई कुछ अच्छी, कुछ बेहद बुरी. लेकिन कुछ चीजें बड़ी विचित्र हुई है. कोरोनाकाल में ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा फंगस पैदा हुआ जो विलुप्त होने की कगार पर है. इसे देखने से लगता है कि यह किसी जॉम्बी की उंगलियां हैं. यानी किसी मृत व्यक्ति की सड़ी हुई उंगलियों जैसी. ये ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट के पास एक द्वीप पर टूटे और गिरे हुए पेड़ों पर पैदा हुए हैं. (फोटोः RBGV)

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जॉम्बी फिंगर को वैज्ञानिक भाषा में हाइपोक्रिपोसिस एम्प्लेकटेंस (Hypocreopsis amplectens) कहते हैं. जबकि ऑस्ट्रेलिया में आम भाषा में टी-ट्री फिंगर्स (Tea-Tree Fingers) कहते हैं. इसे देखकर लगता है कि जंगल में गिरे पेड़ों पर उंगलियां उभर कर बाहर आ गई हैं, उन्होंने पेड़ों की तनों की जकड़ रखा है. इस फंगस को देखकर ये मृत इंसान की सड़ी हुई उंगलियों जैसा आभास कराता है. (फोटोःtwitter/Dahmerscookpot)

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ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में कुछ ही गिने-चुने स्थानों पर ही जॉम्बी फिंगर्स यानी टी-ट्री फिंगर्स दिखाई देते हैं. ये बेहद दुर्लभ होते हैं. ऑस्ट्रलेयिन रॉयल बॉटेनिक गार्डेन्स विक्टोरिया (RBGV) ने इस बात की जांच की और पुख्ता किया कि ऑस्ट्रेलिया में दो अन्य स्थानों पर भी जॉम्बी फिंगर्स गिरे हुए पेड़ों के तनों को जकड़ कर रखते दिखाई दिए हैं. (फोटोःtwitter/ Dahmerscookpot)

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RBGV के शोधकर्ता माइकल अमोर के मुताबिक इंसान इसे पहली बार देखे तो वह डर ही जाएगा. लेकिन इसका यह आकार और आकृति ही इसे पनपने में सर्वाइव करने में मदद करती है. यह मृत, टूटे और उखड़े हुए पेड़ों पर उगता है. इस पैरासाइट फंगस की उंगलियों के गड्ढे और उभार इन्हें टूटने, दरार और गिरने से बचाते हैं. (फोटोःtwitter/ Dahmerscookpot)

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जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) एक पैरासाइट है. यह मरे हुए पेड़ों की छालों और अन्य फंगस को अपना शिकार बनाता है. इसे लार्वा और अन्य कीड़े बड़े चाव से खाते हैं. यह उनके लिए नाश्ते की तरह होता है. माइकल कहते हैं कि यह जटिल खाद्य प्रक्रिया का हिस्सा है. साथ ही यह कीड़ों के पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. (फोटोःtwitter/ Dahmerscookpot)
 

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RBGV के बयान के मुताबिक विक्टोरिया फ्रेंच आइलैंड में स्थित संरक्षित नेशनल पार्क में टी-ट्री पर जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) पैरासाइट फंगस देखे गए हैं. इस पार्क में एक ही जगह पर करीब 100 से ज्यादा जॉम्बी फिंगर्स मिले हैं. यह ऑस्ट्रेलिया में सभी स्थानों पर मिलने वाले जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) से ज्यादा है. (फोटोःगेटी)

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माइकल अमोर कहते हैं कि इतनी ज्यादा मात्रा में मिलने वाले जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) को देखकर लगता है कि हमें भविष्य में पैरासाइट फंगस के बारे में ज्यादा अध्ययन करने को मिलेगा. क्योंकि आमतौर पर जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी की वजह से ऐसे विलुप्त प्रायः जीव खत्म हो रहे हैं. ये मुख्य इलाकों से गायब हो रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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टी-ट्री फिंगर्स यानी जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) पैरासाइट फंगस एक विशेष परिस्थिति में ही पनपते हैं. अगर इस परिस्थिति में जरा सा भी ऊपर-नीचे होता है तो ये नहीं उगते. इनके लिए खास पेड़ ही जन्मस्थली होता है. पर्याप्त मात्रा में अंधेरे और रोशनी का मिश्रण और उपयुक्त आद्रता की जरूरत होती है. अगर आसपास पेड़ों का घनत्व कम हो तब भी ये नहीं उगते. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि हम इन दुर्लभ फंगस को खोते जा रहे हैं. इसके पीछे क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग वजह है. (फोटोःगेटी)

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माइकल और उनकी टीम इन जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) का डीएनए एनालिसिस कर रहे हैं ताकि इनके जेनेटिक हेल्थ की जानकारी मिल सके. साथ ही यह पता किया जा सके कि क्या ये आर्टिफिशियल या मानव निर्मित माहौल में पनप सकते हैं या नहीं. वहीं दूसरे इकोलॉजिस्ट प्रकृति के साथ इसके संतुलन की जांच कर रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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फंगस यानी कवक के पारिस्थितिकि तंत्र में यह एक अलग और विचित्र पैरासाइट फंगस है. यह अन्य फंगस यानी मशरूम को भी खाता है. पेड़ों की छाल पर पनप कर उनसे ही अपना भोजन और ऊर्जा हासिल करता है. फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और फ्रेंच आइलैंड में ये जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) सिर्फ एक काम कर रहे हैं, वो है पेड़ों के मृत तनों से लटकर जीवित रहने का. (फोटोःगेटी)

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