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अगर ये काम नहीं हुआ तो 10 से 15 सालों में खत्म हो जाएंगे ये 'दुर्लभ महान वानर'

aajtak.in
  • जकार्ता,
  • 02 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:33 AM IST
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दुनिया से खत्म होने वाले हैं सुनहरे और भूरे बालों वाले ये वानर. इन्हें दुर्लभ वानरों की श्रेणी में रखा गया है. इन्हें तापानुली ओरंगुटान (Tapanuli Orangutans) कहते हैं. ये इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा के बटांग तोरू पहाड़ियों पर स्थित जंगलों में रहते हैं. पहले ऐसा माना जा रहा था कि अभी इनके विलुप्त होने में काफी समय है, लेकिन ये बहुत तेजी से खत्म हो रहे हैं. (फोटोः गेटी)

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तापानुली ओरंगुटान (Tapanuli Orangutans) को द ग्रेट एप्स (The Great Apes) भी कहा जाता है. साल 1800 से लेकर अब तक इनके रहने का इलाका छोटा होता जा रहा है. पहले ये काफी बड़े इलाके में रहते थे, लेकिन अब ये बटांग तोरू (Batang Toru) पहाड़ के जंगलों के सिर्फ 3 फीसदी हिस्सा में रहते हैं. बटांग तोरू में इस समय 800 से कम तापानुली ओरंगुटान बचे हैं. (फोटोः गेटी)

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कंजरवेशन साइंटिस्ट एरिक मीजार्ड कहते हैं कि अगर इस आबादी का एक फीसदी हिस्सा भी मारा जाता है या पकड़ा जाता है या कहीं और ले जाया जाता है तो ये तापानुली ओरंगुटान की प्रजाति खत्म हो जाएगी. यानी तापानुली ओरंगुटान (Tapanuli Orangutans) की प्रजाति को खत्म होने में मात्र एक से डेढ़ दशक लगेंगे. यानी अगले 10 से 15 सालों में धरती से ये खूबसूरत वानर खत्म हो जाएंगे. (फोटोः गेटी)

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तापानुली ओरंगुटान (Tapanuli Orangutans) बटांग तोरू के जंगलों में काफी बड़े इलाके में रहते थे. लेकिन शिकारियों की वजह से सिमटते हुए सिर्फ 3 फीसदी हिस्से में ही बचे हैं. ये इलाका इनके रहने का सबसे पुराना इलाका है. ये वानर जमीन पर भी रहने में सक्षम है लेकिन कई सालों से पहाड़ों पर जंगलों में रहते आए हैं इसलिए अब इन्हें ये सूट नहीं करता. (फोटोः गेटी)

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इनकी प्रजाति खत्म होने का खतरा अचानक से कैसे बढ़ गया? इसके पीछे की वजह से बटांग तोरू नदी के ऊपर बन रहा नया हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट है. 301 एकड़ में बन रहे पावर प्लांट की वजह से तापानुली ओरंगुटान (Tapanuli Orangutans) की टोलियों का आपस में मिलना बंद हो जाएगा. इससे उनके प्रजनन और जेनेटिक डाइवर्सिटी पर असर पड़ेगा. क्योंकि वानर उनके रास्ते में आने वाली चीजों को पार तब तक नहीं करते जब तक उन्हें सुरक्षित महसूस न हो. (फोटोः बटांग तोरू.ओआरजी)

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फिलहाल PT North Sumatra Hydro Energy कंपनी ने कोरोना महामारी के चलते अपना निर्माण कार्य रोक रखा है. इस प्रोजेक्ट को चीन से फंडिंग मिल रही थी, अभी वो भी बंद है. इसलिए फिलहाल कुछ सालों तक इसका निर्माण तो रुका रहेगा. एरिक मीजार्ड कहते हैं कि जब तक निर्माण नहीं हो रहा है तब तक इंडोनेशिया और सुमात्रा की सरकार को इन वानरों को बचाने, पावर प्लांट से होने वाले नुकसान की जांच करानी चाहिए. अगर पावर प्लांट का काम रद्द किया जाए या फिर इसे दूसरी जगह ले जाया जाए तो इन वानरों को नई जिंदगी मिल सकती है. (फोटोः गेटी)

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एरिक मीजार्ड और उनकी टीम ने इसे लेकर इंडोनेशिया और सुमात्रा की सरकार से रिक्वेस्ट भी की है. पावर प्लांट का दावा था कि उसकी वजह से इन वानरों के ऊपर कोई खतरा नहीं आएगा. लेकिन इंटरनेशनल यूनियर फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (IUCN) ने इसे खारिज कर दिया. उनकी रिपोर्ट में पावर प्लांट के दावे झूठे साबित हो रहे थे. (फोटोः गेटी)

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