रूस के फेल हुए रॉकेट का एक हिस्सा 6 जनवरी 2022 की देर रात करीब ढाई बजे धरती से टकराया. किस्मत अच्छी ये थी कि रॉकेट के ऊपरी हिस्सा पर्सेई (Persei) फ्रेंच पॉलीनेशिया के खाली समुद्री इलाके में गिरा. नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. इस रॉकेट का नाम है अंगारा ए5 हैवी लिफ्ट रॉकेट (Angara A5 Heavy Lift Rocket). यह असंतुलित होकर 5 जनवरी से धरती की कक्षा में घूमते हुए नीचे की तरफ आ रहा था. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)
हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के सैटेलाइट ट्रैकर और एस्ट्रोनॉमर जोनाथन मैक्डॉवल ने ट्वीट किया कि हमने इसकी गिरने की दिशा और समय की गणना 5 जनवरी को ही कर ली थी. ध्यान से दिशा की गणना करने पर पता चला कि यह फ्रेंच पॉलीनेशिया के पूर्वी तरफ स्थित सागर के खाली हिस्से में गिरेगा. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)
रूस ने अंगारा ए5 रॉकेट को 27 दिसंबर 2021 को लॉन्च किया था. इसके बाद से पर्सेई नाम का ऊपरी हिस्सा डमी पेलोड के साथ 9 दिन से अंतरिक्ष में भटक रहा था. पर्सेई ने खुद ही अपनी खुदकुशी का रास्ता चुना. क्योंकि इसका दूसरा इंजन स्टार्ट ही नहीं हो पाया था. अगर हो जाता तो यह धरती की निचली कक्षा से लेकर ऊंचे जियोस्टेशनरी कक्षा तक जा सकता था. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)
रसियन स्पेस वेब डॉट कॉम के अनुसार अंगारा रॉकेट का पर्सेई (Persei) हिस्सा एक बड़ा अंतरिक्ष का कचरा बनने वाला था. लॉन्च के समय इस हिस्से का वजन 21,500 किलोग्राम था. लेकिन इसमें ज्यादातर हिस्सा प्रोपेलेंट यानी ईंधन था. जब यह हिस्सा 9 दिनों तक अंतरिक्ष में तैरता रहा, इस दौरान इसमें से ईंधन निकल गया. जब यह धरती पर वापस गिरा तब उसका वजन करीब 3200 किलोग्राम था. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)
जोनाथन मैक्डॉवल ने कहा कि आमतौर पर ज्यादातर रॉकेट का हिस्सा धरती में आते समय वायुमंडल में ही जलकर खाक हो जाता है. इसलिए लोगों को समुद्र में जाकर इसे खोजने का प्रयास नहीं करना चाहिए. इससे फिलहाल किसी का नुकसान नहीं हुआ है. अगर जमीन पर गिरता तो भी बहुत ज्यादा नुकसान नहीं कर पाता. क्योंकि यह धरती तक आते-आते लगभग पूरा जलकर खत्म हो चुका होता. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)
पिछले साल मई में भी चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट (Long March 5B Rocket) का बूस्टर धरती पर गिरा था. यह करीब 23,000 किलोग्राम का था. यह भी धरती की कक्षा में 10 दिन तक चक्कर लगाता रहा. लॉन्ग मार्च रॉकेट ने 28 अप्रैल को चीन के नए स्पेस स्टेशन के लिए कोर मॉड्यूल को लॉन्च किया था. पूरे दिन चक्कर लगाने के बाद यह निष्क्रिय हो गया. अंतरिक्ष के कचरे में तब्दील हो गया. (फोटोः गेटी)
रूस के अंगारा ए5 हैवी लिफ्ट रॉकेट (Angara A5 Heavy Lift Rocket) के लॉन्च के समय भी काफी ज्यादा विवाद हुआ था. क्योंकि इसके निर्माण में बहुत ज्यादा देरी हुई थी. इससे पहले इस रॉकेट के दो सफल प्रक्षेपण हो चुके हैं. पहला दिसंबर 2014 में और दूसरा दिसंबर 2020 में. इन दोनों ने सही सलामत तरीके से डमी सैटेलाइट को तय कक्षा में पहुंचाया था. (फोटोः गेटी)
अंतरिक्ष में नासा ने जो 27 हजार कचरे गिने हैं, उनमें से 23 हजार छोटे सॉफ्टबॉल के आकार के हैं. इनकी गति 2.81 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा है. इसके अलावा 5 लाख से ज्यादा कचरा मार्बल गेंद के आकार के हैं. यानी 0.4 इंच से ज्यादा बड़े हैं. जबकि 10 करोड़ कचरे .04 इंच या एक मिलीमीटर या उससे थोड़े बड़े हैं. इसके अलावा माइक्रोमीटर में भी कचरा मौजूद है, जो 0.000039 इंच आकार के हैं. (फोटोःगेटी)