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साइंस न्यूज़

भारत के इस पड़ोसी देश में चला दुनिया का सबसे तेज कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम

aajtak.in
  • थिंफू,
  • 08 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST
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दुनियाभर के देश कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से जूझ रहे हैं. कहीं भी अब तक आबादी के ज्यादातर लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है. लेकिन इस मामले में छोटा सा देश जो भारत का पड़ोसी है उसने बाजी मार ली है. फिलहाल कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर यह देश दुनिया के सामने उदाहरण बना हुआ है. इस देश का नाम है भूटान (Bhutan). आइए जानते हैं कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम में इसकी सफलता का रहस्य क्या है? (फोटोःगेटी) 

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निंदा डेमा (Ninda Dema) अपना हाथ बांधे हुए कोविड-19 वैक्सीन लगने का इंतजार कर रही थीं. ये बात है 27 मार्च की. पूरा देश उन्हें मीडिया और टीवी चैनलों के जरिए लाइव देख रहा था, क्योंकि वो कोविड-19 वैक्सीन लगवाने वाली भूटान की पहली महिला थीं. इसके बाद तो ऐसे लगा कि भूटान में वैक्सीनेशन की सुनामी आ गई. डेमा ने कहा कि मेरे से शुरू हुई ये यात्रा दुनिया में भूटान का नाम रोशन करेगी. (फोटोःगेटी) 

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भूटान का वैक्सीनेशन प्रोग्राम दुनिया का सबसे तेज इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (World's Fastest Immunization Programme) बन गया. 27 मार्च से लेकर अगले एक हफ्ते में भूटान की पूरी आबादी में एलिजिबल 62 फीसदी हिस्सा कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुका था. वैक्सीनेशन प्रोग्राम की गति इतनी तेज थी कि इसने अमेरिका और यूरोप जैसे देश को पीछे छोड़ दिया. (फोटोःगेटी) 

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भूटान (Bhutan) दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में गिना जाता है. लेकिन यह देश दुनियाभर में अपने ग्रॉस डोमेस्टिक हैप्पीनेस इंडेक्स (Gross Domestic Happiness Index) की वजह से जाना जाता है. यानी इस देश के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा खुश रहते हैं. भूटान की कुल एलिजिबल आबादी यानी 735,553 में से 469,664 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. यानी अब तक 85 फीसदी आबादी को कोरोना का टीका लग चुका है. (फोटोःगेटी) 

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ये बात सच है कि भूटान की कम आबादी उसके लिए फायदे का मामला है. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वैक्सीनेशन प्रोग्राम की सफलता के पीछे देश की जागरूक आबादी और वॉलंटियर्स की फौज है. भूटान में इन वॉलंटियर्स को डेसप्स (Desuups) कहते हैं. इसके अलावा इस देश के पब्लिक हेल्थकेयर प्लानिंग ने मदद की. (फोटोःगेटी) 

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डेसप्स (Desuups) ने भूटान की आबादी को जागरूक किया. इसके बाद ये ध्यान रखा कि हर शख्स वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचे. साथ ही कोविड-19 के प्रोटोकॉल के बारे में बताया. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी. इन लोगों की महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस देश में महामारी से पहले सिर्फ 37 डॉक्टर और 3000 फुल टाइम हेल्थकेयर वर्कर्स थे. (फोटोःगेटी)

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भूटान के उत्तर-पश्चिम में स्थित गासा जिला में करीब 3000 भूटानी लोग रहते हैं. यहां वैक्सीनेशन के लिए चार मेडिकल स्टाफ और छह डेसप्स (Desuups) गए. इन लोगों ने छह दिनों में छह गावों के लोगों का वैक्सीनेशन किया. बर्फीले रास्तों पर चलना मुश्किल होता है लेकिन इन लोगों ने ये काम पूरा किया. भूटान की सरकार ने इनतक वैक्सीन पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली. (फोटोःगेटी) 

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भूटान के स्वास्थ्य मंत्री डाशो डेटेन वांग्मो ने कहा कि हमें कोल्ड चेन वैक्सीनेशन पद्धति पर निर्भर रहना पड़ रहा है. ये प्रक्रिया काफी महंगी है, इसके बावजूद हम वैक्सीनेशन प्रोग्राम में सफलता हासिल कर लेंगे. हम 1990 में ही यूनिवर्सल वैक्सीनेशन में सफलता हासिल कर चुके हैं. हम हर प्रकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम में अव्वल रहते हैं. (फोटोःगेटी) 

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भूटान के इस प्रोग्राम को जल्दी निपटाने में भारत ने भी काफी मदद की है. भारत ने भूटान को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 6 लाख डोज मुफ्त में दी थी. ताकि चीन भूटान में वैक्सीन भेजकर अपना प्रभुत्व ना कायम कर सके. इसके साथ ही भारत के भूटान के साथ संबंध भी अच्छे बने रहते. (फोटोःगेटी) 

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वूड्रो विल्सन सेंटर में सीनियर एसोसिएट फॉर साउथ एशिया माइकल कुगेलमैन ने कहा कि भारत की वैक्सीन डिप्लोमैसी से भूटान को फायदा हुआ है. भूटान को भारत से कोरोना टेस्टिंग किट्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, N95 मास्क और जरूरी दवाइयां भी मिली थीं. भारत ने ये सारे काम इंसानियत और अच्छा पड़ोसी होने के नाते किया. लेकिन इसका रणनीतिक फायदा भी है. इस इलाके में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए भारत ने अच्छा काम किया है. (फोटोःगेटी)

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भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोते शेरिंग एक बेहतरीन डॉक्टर हैं. वो खुद कोरोना महामारी के मामले को देख रहे हैं. जैसे ही भूटान में पहले कोरोना केस सामने आया उन्होंने देश की सीमाएं सील करवा दी थीं. ये मामला है मार्च 2020 का, जब एक अमेरिकी पर्यटक को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. डॉ. शेरिंग ने बताया कि हमने अपने राजा के नेतृत्व में देश को पहले दिन से ही कोरोना से बचाए रखने के सारे सख्त कदम उठाए थे. (फोटोःगेटी) 

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