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Shackleton's Endurance ship: 107 साल पहले लापता प्रसिद्ध खोजी जहाज अंटार्कटिका के बर्फीले सागर में मिला

aajtak.in
  • लंदन,
  • 10 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST
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साल 1915 में ध्रुवीय खोजकर्ता अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) अंटार्कटिका की ओर खोजबीन करने निकले. उनका भाप से चलने वाला जहाज एंड्यूरेंस (Endurance Ship) बर्फ की मोटी परत के बीच फंस गया. टूट गया और डूब गया. अब उसे एक रोबोटिक अंडरवॉटर व्हीकल (Robotic Underwater Vehicle) ने खोज निकाला है. फाल्कलैंड्स मैरिटाइम हेरिटेज ट्रस्ट (FMHT) के मुताबिक अर्नेस्ट शैक्लेटॉन का एंड्यूरेंस जहाज अंटार्कटिका के वेड्डेल सागर (Weddell Sea) में 9869 फीट की गहराई में मिला है. जबकि इसके डूबने की जो जगह बताई गई थी, वह उससे 7 किलोमीटर दूर मिला है. (फोटोः FMHT)

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1915 में जिस जगह अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) का एंड्यूरेंस जहाज (Endurance Ship) डूबा था. उस समय उसके कैप्टन फ्रैंक वोर्सले (Frank Worsley) ने जो पोजिशन रिकॉर्ड की थी, वह समय के साथ बदल गई है. क्योंकि वो कुछ महीनों बाद वापस उस स्थान पर गया था, तब यह जहाज बर्फ के नीचे टूट चुका था. इस बार अर्नेस्ट शैक्लेटॉन का एंड्यूरेंस जहाज को खोजने वाली टीम के प्रमुख मेनसन बाउंड ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह ध्रुवीय खोज में नया इतिहास है.  हम इस जहाज की सही लोकेशन पता करने के मामले में भाग्यशाली हैं. हमारे अंडरवाटर रोबोटिक व्हीकल ने इसकी कई तस्वीरें ली हैं. (फोटोः FMHT)

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कहा जाता है कि इसे वेड्डेल सागर में बर्फ के बड़े-बड़े खंडों ने तोड़ डाला था. लेकिन जो हिस्सा समुद्र के अंदर मिला है, वह काफी बेहतर हालत में है. मेनसन बाउंड ने कहा कि मैंने इतनी खूबसूरती से सुरक्षित मिला हुआ लकड़ी का जहाज आजतक नहीं देखा है. इस जहाज को खोजने के लिए कई सालों से प्रयास किया जा रहा था. क्योंकि इसके टूटने, डूबने और वापस मिलने की तस्वीरें लोगों को हैरान करने वाली हैं. (फोटोः गेटी)

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अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) का एंड्यूरेंस जहाज (Endurance Ship) को खोजना इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि यह अंटार्कटिका के तट से कुछ सौ किलोमीटर के अंदर बर्फीले समुद्र में डूबा था. समुद्र के ऊपर बर्फ की मोटी चादरों की वजह से इसे खोजना मुश्किल हो रहा था. लेकिन 5 मार्च को दक्षिण अफ्रीकी पोलर रिसर्च वेस्ल अगुलहास-2 (Agulhas-2) ने इसकी सही स्थिति का पता लगाया. किस्मत की बात ये है कि उसी दिन अर्नेस्ट शैक्लेटॉन की 100वीं पुण्यतिथि भी थी. (फोटोः गेटी)

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इसे खोजने वाली टीम के प्रमुख जॉन शीयर्स ने कहा कि अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) का एंड्यूरेंस जहाज (Endurance Ship) का जहाज वेड्डेल सागर में जिस जगह मौजूद है, वहां पर तापमान माइनस 18 डिग्री सेल्सियस है. जॉन शीयर्स ने कहा कि हमने वो काम किया है, जिसे हजारों लोगों ने असंभव बताया था. पर हमने इसे खोज लिया.

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अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) ने अंटार्कटिका की अपनी तीसरी और चौथी यात्रा के लिए एंड्यूरेंस जहाज (Endurance Ship) का उपयोग किया था. उन्होंने 1901 से 1903 के बीच दो बार अंटार्कटिका की यात्रा की थी. पहली दूसरी यात्रा के समय वो ध्रुवीय खोजकर्ता रॉबर्ट फॉल्कन स्कॉट के असिसटेंट थे. उसी समय वो पहली बार हॉट एयर बलून से अंटार्कटिका की यात्रा करने वाली टीम में शामिल थे. (फोटोः गेटी)

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1907 से 1909 तक वो दक्षिणी चुंबकीय ध्रुव की यात्रा पर थे. 1911 में 14 दिसंबर को पहली बार नॉर्वेनियन खोजकर्ता रोआल्ड अमुंडसेन की टीम पहली बार भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव पर पहुंची थी. अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) साल 1915 में चाहते थे कि कुत्ते के स्लेज के जरिए पूरे अंटार्कटिका महाद्वीप को पार करें. इसलिए उन्होंने महाद्वीप तक पहुंचने के लिए एंड्यूरेंस जहाज (Endurance Ship) का उपयोग किया था. (फोटोः गेटी)

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अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) को वेड्डेल सागर से होते हुए दक्षिणी ध्रुव के रॉस सागर को पार करते हुए रॉस आइलैंड तक जाना था. यह यात्रा 2900 किलोमीटर की थी. एंड्यूरेंस जहाज (Endurance Ship) को शैक्लेटॉन और उनकी टीम को वेड्डेल सागर के दक्षिणी छोर तक पहुंचाना था. लेकिन वह अक्टूबर 1915 में भारी बर्फीले सागर में फंस गई. शैक्लेटॉन और उनकी टीम जहाज से उतर गई. जितना सामान ले जा सकते थे, अपने साथ ले गए. (फोटोः NSW)

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अर्नेस्ट शैक्लेटॉन (Ernest Shackleton) और उनके 27 साथी कुत्तों के स्लेज और लाइफबोट के जरिए किसी तरह सुरक्षित बचे रहे. बाद में उन्हें एक जहाज द्वारा बचाया गया. अप्रैल 1916 में वो किसी तरह अंटार्कटिका के उत्तरी छोर पर स्थित एलिफैंट आइलैंड पहुंचे. बड़ी मुश्किल से वो और उनकी टीम बर्फीले तूफानों से बच पाई थी. 

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