ये दुनिया के इकलौते ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने 25 बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी यानी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल की है. ये एक शेरपा गाइड हैं. इनका नाम कामी रीता (Kami Rita) है. 51 वर्षीय कामी रीता ने शुक्रवार की शाम 6 बजे माउंट एवरेस्ट की चोटी पर 25वीं बार चढ़ाई पूरी की. इसके बाद नेपाल के पर्यटन मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक घोषणा की. कामी रीता के साथ 11 और शेरपा गाइड्स एवरेस्ट की चोटी पर गए हैं. (फोटोःएपी)
कामी रीता और 11 अन्य शेरपा गाइड माउंट एवरेस्ट सबसे पहले इसलिए जाते हैं ताकि रास्ते में रस्सियां लगा सकें. इन रस्सियों के सहारे इस सीजन में सारे पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करेंगे. माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों के आने की तैयारी हो चुकी है. इस महीने के अंत में माउंट एवरेस्ट पर लोगों के आने-जाने का सिलसिला शुरू होगा. (फोटोःगेटी)
51 वर्षीय कामी रीता ने माउंट एवरेस्ट पर पहली बार चढ़ाई 1994 में की थी. यानी 27 साल में 25 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़े हैं शेरपा कामी रीता. शेरपा कामी रीता को माउंट एवरेस्ट के चप्पे-चप्पे की जानकारी है. इस जानलेवा चढ़ाई में कैसे बचना है, कैसे सुरक्षित रहना है, ये सारी जानकारियों की वजह से कामी रीता की पर्वतारोहियों के बीच काफी मांग रहती है. इनके साथ जो पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर जाते हैं, वो ये मानकर चलते हैं कि सही-सलामत वापस जमीन पर लौटेंगे. (फोटोःगेटी)
कामी रीता के पिता भी नेपाल के पहले शेरपा गाइड्स में से एक थे. उसके बाद कामी ने भी यही काम शुरू कर दिया. कामी रीता माउंट एवरेस्ट के अलावा K-2, Cho-Oyu, Manaslu and Lhotse नाम की ऊंची चोटियों पर चढ़ाई कर चुके हैं. साल 2015 में जब माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर हिमस्खलन हुआ था, जब उनके ऊपर परिवार का दबाव था कि ये काम छोड़ दो. आपको बता दें इस हिमस्खलन में 19 लोगों की मौत हो गई थी. हिमस्खलन के समय कामी रीता बेस कैंप पर ही थे. लेकिन इन्होंने अपने साथ कई लोगों की जान भी बचाई थी. (फोटोःगेटी)
नेपाल की तरफ से इस बार पर्वतारोहियों की 43 टीमों को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का परमिट दिया गया है. इनको गाइड करने के लिए नेपाल के 400 शेरपा गाइड साथ में होंगे. मई के महीने में कुछ समय ऐसा होता है जब माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए मौसम थोड़ा साफ मिलता है. इसी मौके की तलाश में पर्वतारोही रहते हैं. ताकि वे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फतह हासिल कर सकें. (फोटोःगेटी)
कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले साल माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहण रोक दिया गया था. ये रोक नेपाल की तरफ दिखने वाले दक्षिणी और चीन की तरफ से दिखने वाले उत्तरी तरफ से लगाई गई थी. इस साल नेपाल ने 408 विदेशी पर्वतारोहियों को माउंट एवरेस्ट पर जाने का परमिट दिया है. दुनिया भर में कोरोना वायरस के चलते नेपाल द्वारा परमिट देने की काफी खिलाफत हो रही है. (फोटोःगेटी)
जबकि, चीन ने अपनी तरफ से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए सिर्फ कुछ दर्जन लोगों को ही अनुमति दी है. इन पर्वतारोहियों की पहले कोरोना वायरस जांच होगी. फिट पाए जाने पर ही ऊपर जाने दिया जाएगा. साथ ही एवरेस्ट के ऊपर और रास्ते में भी पर्वतारोहियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. (फोटोःगेटी)