पुरातत्वविदों को हाल ही में उत्तर-पूर्व पोलैंड में ऐतिहासिक चांदी के सिक्कों का खजाना मिला है. इन चांदी के सिक्कों पर 1200 साल पुराने कैरोलिनियन साम्राज्य की मुहर है. ऐसा माना जा रहा है वाइकिंग योद्धाओं के हमले से बचने के लिए फ्रांस के राजा ने ये सिक्के फिरौती के तौर पर दिए थे. ऐसा पहली बार हुआ है जब पोलैंड में इतने ढेर सारे कैरोलिनियन चांदी के सिक्के मिले हैं. इससे पहले ऐसे सिर्फ तीन सिक्के ही मिले थे, जिन पर लैटिन भाषा में लिखा है उसके बीच में एक क्रूसिफिक्स है. लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में चांदी के सिक्के कभी नहीं मिले. (फोटोः म्यूजियम ऑफ ऑस्ट्रोडा)
कैरोलिनियन साम्राज्य (Carolingian Empire) की स्थापना फ्रांसीसी राजा चार्लमैग्ने यानी चार्ल्स द ग्रेट ने की थी. इनका साम्राज्य आधुनिक जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड और उत्तरी इटली तक था. साम्राज्य का समय 8वीं से 9वीं सदी तक थी. पुरातत्वविदों के अनुसार ये सिक्के उत्तर-पूर्व पोलैंड के ट्रूसो (Truso) कस्बे में मिले हैं. जो वाइकिंग योद्धाओं का व्यावसायिक कस्बा हुआ करता था. ट्रूसो बाल्टिक सागर के तट से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है. यह सिक्के एक खेत में दबे पाए गए हैं. (फोटोः म्यूजियम ऑफ ऑस्ट्रोडा)
ट्रूसो में ये सिक्के मिलने की वजह से पुरातत्वविद यह अनुमान लगा रहे हैं कि कैरोलिनियन राजा चार्ल्स द ग्रेट ने वाइकिंग योद्धाओं के हमले से पेरिस को बचाने के लिए सोने और चांदी के सिक्के बतौर फिरौती दिए थे. अगर नहीं देते तो वाइकिंग योद्धा पेरिस पर कब्जा कर लेते. वॉरसॉ यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद और सिक्कों के एक्सपर्ट माटेस बोगुकी ने बताया कि ये बात सही है कि चार्ल्स द ग्रेट ने वाइकिंग हमलों से बचने के लिए काफी खजाना लुटाया था. (फोटोः म्यूजियम ऑफ ऑस्ट्रोडा)
माटेस बोगुकी कहते हैं कि इनमें कुछ सिक्कों की बनावट अलग है. जो इनकी उत्पत्ति पर सवाल उठाते हैं. जिस समय चांदी के सिक्कों का यह खजाना छिपाया गया या ये लापता हुआ, उस समय मध्यकालीन पोलिश साम्राज्य की शुरुआत भी नहीं हुई थी. उस समय इस इलाके के स्लेविक ट्राइब्स (Slavic Tribes) अरब में बने चांदी के दिरहम का उपयोग करते थे. ये सिक्के गुलामों की खरीद-फरोख्त के लिए होते थे. गुलामों की खरीद-फरोख्त में बगदाद से भी लोग आते थे. (फोटोः म्यूजियम ऑफ ऑस्ट्रोडा)
पिछले साल नवंबर में बिस्कूपेक (Biskupiec) भी कुछ सिक्के मिले थे. इन्हें खोजने वाले लोगों को प्रांतीय सरकार से अनुमति मिली थी. इन लोगों वहां पर काम रोक दिया था. यह जानकारी गोपनीय रखते हुए म्यूजियम ऑफ ऑस्ट्रोडा (Museum of Ostroda) के अधिकारियों को जानकारी दी गई. मार्च 2021 में पुरातत्वविद ल्यूक जेपांस्की और उनकी टीम ने उसी जगह से 118 चांदी के सिक्के खोजे. इसमें 117 सिक्के कैरोलिनियन स्राम्राज्य के थे. जिसपर लुई द पायस की मुहर बनी हुई थी. लुई द पायस 814 से 840 एडी तक शासन में थे. एक सिक्के पर उनके बेटे चार्ल्स द बाल्ड की मुहर थी, जिन्होंने 877 एडी तक शासन किया था. (फोटोः गेटी)
माटेस ने कहा कि ऐसे सिक्के पोलैंड में दुर्लभ है. क्योंकि कैरोलिनियन स्राम्राज्य के समय भी यह इलाका बहुत दूर था. इसके पहले ट्रूसो में जो तीन सिक्के मिले थे, वो नॉर्स ट्रेडर्स की तरफ इशारा करते हैं. क्योंकि ये सिक्के 8वीं सदी के थे. नॉर्स ट्रेडर्स अंबर, फर और गुलामों की खरीद-फरोख्त का काम करते थे. माटेस कहते हैं कि ऐसा लगता है कि इन सिक्कों का संबंध किसी ऐसे व्यक्ति से है जिसने ये सिक्के ट्रूसो में हासिल किए थे. ये भी हो सकता है कि सिक्के कहीं और से आए हों. इसके बाद इन्हें ट्रूसो में व्यवसाय के मकसद से लाया गया हो. (फोटोः गेटी)
माटेस बोगुकी ने कहा कि इन सिक्कों पर ऐसा कोई निशान नहीं जो ये बताए कि ये कब और कहां बनाए गए थे. लेकिन यह जरूर पता चलता है कि इनकी उत्पत्ति कहां से हुई थी. क्योंकि इन सिक्कों पर जो भाषा और चिन्ह बने हैं वो ऐतिहासिक दस्तावेजों में मिलते हैं. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि बिस्कूपेक में जो सिक्के मिले हैं, वो वहां पहुंचे कैसे. क्योंकि जिस समय की बात हो रही है, उस समय यहां कोई रहता नहीं था. यह इलाका घनघोर जंगल था. (फोटोः गेटी)
ल्यूक जेपांस्की कहते हैं कि ये सिक्के ट्रूसो से होते हुए बिस्कूपेक आए हेंगे. ये पुख्ता तौर पर कैरोलिनियन स्राम्राज्य चार्ल्स द बाल्ड द्वारा वाइकिंग हमलों को रोकने के लिए दिए गए होंगे. ताकि वह अपनी राजधानी पेरिस को हमलों से बचा सकें. नॉर्स व्यवसायियों के हमलावरों ने कैरोलिनियन स्राम्राज्य के समय उत्तरी फ्रांस और पश्चिमी जर्मनी पर काफी हमले किए थे. ये हमले 8वीं सदी के बाद हुए थे. धार्मिक भिक्षुओं द्वारा जमा किए ऐतिहासिक दस्तावेजों में इस बात का जिक्र मिलता है कि 845 एडी में वाइकिंग योद्धाओं के जहाजों ने सायन नदी से पेरिस पर हमला करके बड़े इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था. (फोटोः गेटी)
ऐसा माना जाता है कि उस समय चार्ल्स द बाल्ड ने 8वीं सदी में वाइकिंग योद्धाओं को हमला रोकने और उस जगह से जाने के लिए 5 टन सोने और चांदी के सिक्के दिए थे. ताकि हमलावर बाकी पेरिस पर कब्जा न करें. इसलिए ही ऐसा माना जा रहा है कि इस खजाने में से कुछ सिक्के बिस्कूपेक के आसपास रहने वाले वाइकिंग योद्धाओं में से किसी के हो सकते हैं. चार्लमैग्ने ने 8वीं सदी में कैरोलिनियन स्राम्राज्य संभाला. उसकी सेना ने पश्चिमी यूरोप के ज्यादातर हिस्सों पर शासन किया. उसे रोम का राजा भी बनाया गया. इसके बाद इस स्राम्राज्य को यूरोप का पवित्र रोमन स्राम्राज्य बुलाया जाने लगा. (फोटोः गेटी)
चार्लमैग्ने को चार्ल्स द बाल्ड भी बुलाते हैं. वह इसलिए नहीं कि उनके सिर पर बाल नहीं थे. बल्कि, उनके पास जमीन कम थी. जबकि, उनके भाइयों के पास ज्यादा जमीन थी. इसलिए चार्लमैग्ने ने एक बड़ा स्राम्राज्य स्थापित किया. जिसने कई सालों तक यूरोप के अधिकतर हिस्सों में शासन किया. लेकिन पेरस को बचाने के लिए वाइकिंग योद्धाओं से बचते रहे, उन्हें फिरौती की रकम पहुंचाते रहे. (फोटोः गेटी)