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साइंस न्यूज़

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पास मिले 300 पक्षियों के शव, मौत की वजह कर देगी हैरान

aajtak.in
  • न्यूयॉर्क सिटी,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST
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9/11 हमले के बाद गिरे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारतों के स्थान के पास बने स्मारक पर सैकड़ों सॉन्गबर्ड्स (Songbirds) की लाशें मिली हैं. पूरा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर इन प्यारे पक्षियों की लाशों से पटा पड़ा था. इसके आसपास की इमारतों से टकराकर करीब 300 सॉन्गबर्ड्स की मौत हुई है. ये सारे पक्षी जिन इमारतों से टकराए, उनमें से ज्यादातर की खिड़कियां कांच से बनी हुई थीं. न्यूयॉर्क सिटी में सैकड़ों पक्षियों की इस सामूहिक मौत से लोग और पक्षी विज्ञानी परेशान और चिंतित हैं. (फोटोःगेटी)

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न्यूयॉर्क ऑडूबॉन (New York Audubon) की एक वॉलंटियर मेलिया ब्रेयर ने इन पक्षियों के शवों की तस्वीर लेकर उसे ट्वीट किया तो प्रशासन और लोगों के होश उड़ गए. न्यूयॉर्क के सब-अर्बन इलाके मैनहटन में ऊंची इमारतों से टकराकर पक्षियों के मरने की खबरें अक्सर आती रहती हैं लेकिन इस हफ्ते ये घटना दिल दहला देने वाली थी. न्यूयॉर्क ऑडूबॉन के एसोसिएट डायरेक्टर ऑफ कंजरवेशन एंड साइंस कैटीलिन पार्किंस ने कहा कि सोमवार यानी 13 को आए तूफान की वजह से पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ गया. (फोटोःट्विटर/मेलिसा ब्रेयर)

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कैटीलिन पार्किंस ने कहा कि ऐसी आशंका है कि रात में ऊंची इमारतों से दिखने वाले आसमानी प्रतिबिंब और रोशनी के धोखे की वजह से सॉन्गबर्ड्स इनसे टकरा गई होंगी. लेकिन पक्षी विज्ञानी इस हादसे की जांच कर रहे हैं. क्योंकि ये हादसा जिस समय का था, उस समय मौसम खराब था. खराब मौसम से बचने के लिए भाग रहे इन पक्षियों को कांच की इमारतों ने कन्फ्यूज किया और ये सामूहिक मौत का नजारा देखने को मिला. (फोटोःट्विटर/मेलिसा ब्रेयर)

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न्यूयॉर्क ऑडूबॉन के वॉलंटियर्स पक्षियों की मौत के आंकड़ों को जमा करते हैं. खासतौर से तब जब इनके विस्थापन का समय आता है. मेलिसा ब्रेयर ने कहा कि जब मैं इमारतों के आसपास और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्मारक पर गई तो मैं हैरान रह गई. मैंने देखा चारों तरफ खूबसूरत सॉन्गबर्ड्स की लाशें पड़ी हुई हैं. पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण जिस भी दिशा में नजरें घुमाओं चारों तरफ यही नजारा था. (फोटोःगेटी)

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न्यूयॉर्क ऑडूबॉन के वॉलंटियर्स ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और मैनहटन इलाके की सभी ऊंची इमारतों के प्रबंधन से विनती की है कि रात के समय इनकी रोशनी को मद्धम कर दिया जाए ताकि पक्षियों को देखने में दिक्कत न हो. ये कांच की दीवारों को अपना रास्ता समझकर उनसे टकराएं न. लेकिन ऊंची इमारतों के प्रबंधन वाले लोग इनकी बातों को दरकिनार करते आए हैं. (फोटोःगेटी)

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वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के को-डेवलपर जॉर्डन बारोविट्ज ने कहा कि वन WTC के ऊपरी 200 फीट के कांच नॉन-रिफ्लेक्टिव हैं यानी इनसे रोशनी परावर्तित नहीं होती. यह इसलिए ही किया गया था ताकि पक्षी इनसे टकराकर मरे नहीं. ज्यादातर पक्षियों के टकराने की घटनाएं 200 फीट नीचे ही होती हैं. सिल्वस्टीन प्रॉपर्टीज के प्रवक्ता डारा मैक्क्विलान ने कहा कि हमें पक्षियों की फिक्र है. हम उनके रखरखाव और बचाव के लिए कार्य करते हैं. हमें पता है कि रात के समय पक्षियों को कांच की दीवारों और रोशनी से दिक्कत होती है. इसलिए हमने अपनी इमारत की रोशनी को रात में मद्धम करने का फैसला काफी पहले लिया था. हम पक्षियों के विस्थापन के समय रोशनी धीमी कर देते हैं. (फोटोःगेटी)

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77 पक्षियों को वाइल्ड बर्ड फंड्स के रीहैब फैसिलिटी में ले जाया गया क्योंकि ये बुरी तरह से जख्मी थीं. इनका वहां पर इलाज चल रहा है. ट्रेड सेंटर एरिया की डायरेक्टर रीतामैरी मैक्मोहन ने कहा कि पक्षियों के विस्थापन के समय इमारतों से इनके टकराने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. हम ऐसे समय में अपने स्टाफ की संख्या बढ़ा देते हैं. ताकि किसी भी जख्मी पक्षी की मौत न हो. हम उनके ट्रीटमेंट की सारी व्यवस्था रीहैब फैसिलिटी में करते हैं. वाइल्ड बर्ड फंड के स्टाफ पक्षियों को खाना, तरल पदार्थ, दर्द की दवा आदि सब देते हैं. (फोटोःगेटी)

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रीतामैरी ने कहा कि बुधवार यानी 15 सितंबर को हमने 30 जख्मी पक्षियों को ठीक करके प्रॉसपेक्ट पार्क में छोड़ दिया था. वो खुशी से उड़ते हुए ऊंचे आसमान की ओर चली गईं. प्रॉसपेक्ट पार्क में छोड़ने का फायदा यह होता है कि उसके आसपास कोई ऊंची इमारत नहीं है, जिससे पक्षियों को उड़ने में दोबारा दिक्कत न हो. (फोटोःगेटी)

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