Advertisement

साइंस न्यूज़

स्पेस में ज्यादा रहने से पुरुषों के दिमाग पर गलत असर, नई स्टडी से वैज्ञानिक चिंतित

aajtak.in
  • सैक्रामेंटो,
  • 26 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST
Space Radiation Dangerous for Male Brain
  • 1/8

अंतरिक्ष में जाना हर किसी का सपना हो सकता है लेकिन उसके नुकसान के बारे में कम ही लोग जानते हैं. अंतरिक्ष में ज्यादा समय बिताने पर पुरुष एस्ट्रोनॉट्स के दिमाग पर गलत असर पड़ सकता है. एक नए रिसर्च में यह खुलासा होने के बाद से वैज्ञानिक परेशान हैं. क्योंकि यह स्टडी नर और मादा चूहे पर की गई. जिसमें देखा गया कि नर चूहे के दिमाग पर अंतरिक्ष में ज्यादा समय बिताने की वजह से रेडिएशन का असर ज्यादा हुआ. (फोटोः गेटी)

Space Radiation Dangerous for Male Brain
  • 2/8

बात 2019 की है, जब अंतरिक्ष में चूहों को भेजकर यह स्टडी शुरु की गई कि रेडिएशन का उनके दिमाग पर क्या असर होगा. पता चला कि नर चूहे के दिमाग पर अंतरिक्ष के रेडिएशन की वजह से सिग्नलिंग की समस्या आने लगी. जो कोशिकाएं दिमाग में सिग्नल भेजने का काम करती हैं, वो क्षतिग्रस्त हो गईं. इसके अलावा सीखने की क्षमता प्रभावित हुई और याद्दाश्त संबंधी दिक्कतें भी आने लगीं. (फोटोः गेटी)

  • 3/8

वैज्ञानिकों ने देखा कि चूहे के दिमाग का हिप्पोकैंपस (Hippocampus) और प्री-फ्रंटल कॉरटेक्स (Pre-Frontal Cortex) प्रभावित हो रहा है. हिप्पोकैंपस दिमाग में सिग्नलिंग का मुख्य केंद्र होता है, जबकि प्री-फ्रंटल कॉरटेक्स याद्दाश्त संबंधी कार्यों को पूरा करता है. वैज्ञानिकों ने यह भी देखा कि चूहों में तनाव का स्तर भी बढ़ गया है. वो बेचैन होने लगे हैं. यानी उनके दिमाग का एमिगडाला (Amygdala) हिस्सा भी प्रभावित हो रहा है. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 4/8

यह स्टडी हाल ही में साइंस एडवांसेस में प्रकाशित हुई है. चूहों पर किए गए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला की अगर अंतरिक्ष में पुरुष एस्ट्रोनॉट ज्यादा समय बिताता है तो उसे भी स्पेशियल लर्निंग यानी स्थाई तौर पर कोई चीज सीखने में दिक्कत आएगी. इस बात को पुख्ता करने के लिए वैज्ञानिकों ने चूहों पर कई तरह के प्रयोग भी किए. हर बार ये बात सामने आई कि ज्यादा देर तक अंतरिक्ष के रेडिएशन में रहने की वजह से सीखने की स्थाई प्रक्रिया पर असर पड़ता है. (फोटोः गेटी)

  • 5/8

अंतरिक्ष में रेडिएशन की वजह से जो दिक्कतें नर चूहे में आई वो चुहिया में नहीं देखी गई. हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसका इलाज भी निकाल लिया. उन्होंने चूहों के भोजन में उन चीजों की मात्रा घटा दी जिससे दिमाग का इम्यून सेल यानी माइक्रोग्लिया (Microglia) धीमे काम करने लगा. इससे सीखने की स्थाई प्रक्रिया को मजबूती मिलती है. अगर यह तेजी से काम करता है कि आपको सीखने में दिक्कत होती है. ध्यान बंटता रहता है. (फोटोः गेटी)

  • 6/8

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की रिसर्चर सुसाना रोसी ने बताया कि अगर हमें पुरुष एस्ट्रोनॉट्स को लंबे समय के लिए अंतरिक्ष मिशन पर भेजना है तो हमें वहां होने वाले रेडिएशन से बचने के नए तरीके निकालने होंगे. ताकि नुकसान कम से कम हो. माइक्रोग्लिया (Microglia) की कार्यप्रणाली को धीमा करने का तरीका एस्ट्रोनॉट्स के लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन अभी तक इसका परीक्षण इंसानों पर नहीं किया गया है. (फोटोः गेटी)

Advertisement
  • 7/8

आखिरकार वैज्ञानिकों ने पुरुष एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष के रेडिएशन से बचाने के लिए शरीर में ऐसे बायोमार्कर को खोजा है, जो रेडिएशन से बचा सकता है. इससे चूहों को भी फायदा हुआ है. अगला परीक्षण इंसानों पर करने पर पता चलेगा कि ये इंसानों में कितना कारगर है. अगर यह सफल होता है तो इसका उपयोग पुरुष एस्ट्रोनॉट्स के लिए भी किया जा सकेगा. (फोटोः गेटी)

  • 8/8

एस्ट्रोनॉट्स जो स्पेस स्टेशन पर ज्यादा समय बिताते हैं, उन्हें अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लगातार व्यायाम करना होता है. दिमाग को ज्यादा शांत रखना होता है. क्योंकि स्पेस स्टेशन की गति, रेडिएशन, अलग-अलग प्रकार की रोशनी और चमक उनके दिमाग पर बुरा प्रभाव डालती हैं. (फोटोः गेटी)

Advertisement
Advertisement