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साइंस न्यूज़

खेत में गिरा SpaceX के रॉकेट का मलबा, टल गया बड़ा हादसा

aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 06 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST
SpaceX Falcon Rocket Debris Falls
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एक महीने पहले अमेरिका से छोड़े गए स्पेसएक्स के रॉकेट का एक बड़ा हिस्सा धरती पर गिरा. लोगों ने आसमान में उल्कापिंड जैसा नजारा देखा. लेकिन इस बड़े हिस्से के मलबे सैकड़ों किलोमीटर तक फैले हुए मिले. एक सबसे बड़ा टुकड़ा मध्य वॉशिंगटन के खेत में गिरा. जिसे किसान ने देखा तो वह हैरान रह गया. उसने पहले स्थानीय पुलिस को सूचित किया. इसके बाद पुलिस ने स्पेसएक्स को बताया तब वहां से साइंटिस्ट जल्दी से खेत तक पहुंचे. (फोटोःग्रांट काउंटी शेरिफ ऑफिस/ट्विटर) 

SpaceX Falcon Rocket Debris Falls
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मध्य वॉशिंगटन के ग्रांट काउंटी में 2 अप्रैल को स्पेसएक्स (SpaceX) के फॉल्कन-9 (Falcon-9) रॉकेट का जो हिस्सा गिरा है, उसे कंपोजिट ओवररैप्ड प्रेशन वेसल (COPV) कहते हैं. यह फॉल्कन-9 रॉकेट के सेकेंड स्टेज का शुरुआती हिस्सा होता है. इस रॉकेट को 4 मार्च को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. (फोटोः SpaceX)

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ग्रांट काउंटी शेरिफ ऑफिस ने ट्विटर पर बताया कि हमनें पिछले हफ्ते एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी SpaceX के फॉल्कन रॉकेट के COPV को निजी संपत्ति से बरामद किया. हम उस किसान और उसकी संपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं देंगे, क्योंकि ये उसकी सुरक्षा का सवाल है. लेकिन रॉकेट का जो मलबा मिला था, उसे हमने स्पेसएक्स के वैज्ञानिकों को सौंप दिया है. (फोटोः एपी)

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शेरिफ ऑफिस ने कहा कि ट्विटर पर कहा कि मीडियाकर्मी और खजाना खोजने वाले ध्यान दें. हम उस व्यक्ति का नाम नहीं बताएंगे जिसके खेत में रॉकेट का ये हिस्सा गिरा था. क्योंकि वह शख्स अभी भीड़ से दूर रहना चाहता है. खेत के आसपास लोग रहते हैं. काफी घर हैं. अगर इस मलबे की दिशा बदलती तो यह काफी नुकसान पहुंचा सकता था. (फोटोः एपी)

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स्पेसएक्स ने बताया था कि स्टारलिंक 60 को सफलतापूर्वक स्थापित करने के बाद फॉल्कन-9 रॉकेट के दूसरे स्टेज ने सही से डीऑर्बिटिंग नहीं की थी. इसलिए वह कई दिनों तक अंतरिक्ष में तैरता रहा. धीरे-धीरे धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की तरफ आता रहा. सेकेंड स्टेज छोटा होता है. यह सै़टेलाइट बस और पहले हिस्से के बीच बूस्टर का काम करता है. (फोटोः SpaceX)

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फॉल्कन-9 रॉकेट का पहला स्टेज लॉन्च के बाद अपने आप धरती पर वापस लैंड कर जाता है. इसके बाद स्पेसएक्स कंपनी इस हिस्से को सही और दुरुस्त करके अगले मिशन में करती है. वहीं, सेकेंड स्टेज का मामला अलग है. काम खत्म होने के बाद या तो उसे अंतरिक्ष में ही नष्ट कर दिया जाता है. या फिर वहीं धरती की कक्षा में तैरने के लिए छोड़ दिया जाता है. (फोटोः SpaceX)

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आमतौर पर ये रॉकेट का सेकेंड हिस्सा इस तरह से भेजा जाता है कि ये कुछ दिन बाद सुरक्षित तरीके से प्रशांत महासागर में आकर गिर जाता है. लेकिन पिछली बार ऐसा नहीं हुआ. करीब 10 दिन पहले फॉल्कन-9 रॉकेट का सेकेंड स्टेज अमेरिका के आसमान में जलते हुए आता दिखाई दिया. उसे देख कर लोगों ने समझा कि ये उल्कापिंड है. या कोई टूटता हुआ तारा है. (फोटोः SpaceX)

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अर्श टेक्निका के मुताबिक इस सेकेंड स्टेज के मर्लिन इंजन में पर्याप्त ईंधन नहीं बचा था. इसलिए इसकी डीऑर्बिटिन नहीं कराई जा सकी. इसके बाद सेकेंड स्टेज पूरी तरह से अनियंत्रित हो गया. यह धरती की कक्षा में कई दिनों तक घूमने के बाद करीब 10 दिन पहले धरती के वायुमंडल में आया. उसके बाद इसका मलबा काफी बड़े इलाके में गिरा. (फोटोः SpaceX)

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यह प्रशांत महासागर के उत्तर-पश्चिम में जलता हुआ धरती की तरफ आया. इसके आने की तस्वीरें और वीडियो वॉशिंगटन ही नहीं बल्कि कनाडा तक से बनाई गईं. लेकिन लोगों को लगा कि ये कोई उल्कापिंड है. हालांकि, यह स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 रॉकेट का हिस्सा था. (फोटोः SpaceX)

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मध्य वॉशिगंटन के ग्रांट काउंटी में गिरे COPV की लंबाई करीब 5 फीट है. खेत में गिरने से चार से पांच इंच का गड्ढा हो गया है. COPV सिलेंडर जैसा होता है, इसमें हीलियम स्टोर किया जाता है, जो फॉल्कन-9 रॉकेट ऊपरी स्टेज के प्रोपेलेंट टैंक्स में प्रेशर बनाता है. (फोटोः SpaceX)

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