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साइंस न्यूज़

Strange Solar Waves: सूरज छोड़ रहा रहस्यमयी लहरें, तोड़ा फिजिक्स का नियम!

aajtak.in
  • अबु धाबी,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST
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सूरज से एक नए तरीके की विचित्र लहर निकल रही है. जिसके बारे में वैज्ञानिकों को पहले पुख्ता जानकारी नहीं थी. जब इस लहर की स्पीड की जांच करने के लिए वैज्ञानिकों ने गणना की तो हैरान हो गए. क्योंकि सूरज से निकलने वाली लहरें बाहर की ओर भागती हैं. लेकिन ये नई विचित्र लहर बाहर निकल कर वापस सतह पर तैरते हुए अंदर चली जाती है. यह फिजिक्स के नियमों के खिलाफ है. नई विचित्र लहर उम्मीद से तीन गुना ज्यादा गति से चलती हैं. यह नई विचित्र लहरें सूरज की प्लाज्मा (Sun Plasma) लहरों के बहाव से उलटा चल रही हैं. (फोटोः NASA SDO)

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यह खास तरह का एकॉस्टिक वेव्स (Acoustic Waves) हैं, जिनसे आवाजें भी आती हैं. इन्हें हाई-फ्रिक्वेंसी रेट्रोग्रेड (HFR) वॉर्टिसिटी वेव्स कहा जा रहा है. इन लहरों के बारे में स्टडी 24 मार्च 2022 को Nature Astronomy में रिपोर्ट छपी है. (फोटोः NASA SDO)

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वैज्ञानिक सूरज की ज्वलनशील गहराइयों में देख नहीं सकते. इसलिए वो एकॉस्टिक वेव्स के चाल-ढाल पर नजर रखते हैं. ये एकॉस्टिक लहरें सूरज की सतह पर तैरती रहती हैं. अपने कोर से निकलती हैं. वापस वहीं चली जाती हैं. कई बार वो बाउंस बैक भी होता है. जैसे कैनवस की बॉल. लेकिन इन HRF लहरों की गति की गणना करने में वैज्ञानिकों ने 25 साल के डेटा का उपयोग किया है. (फोटोः NASA SDO)

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वैज्ञानिकों ने इनकी जांच करने के लिए अंतरिक्ष (Space) और ग्राउंड-बेस्ड टेलिस्कोप (Ground Based Telescope) की मदद ली. इसी दौरान इन लोगों को यह पता चला कि ये कुछ बेहद बड़ी गलती कर रहे हैं. कुछ भूल रहे हैं. न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के अबु धाबी सेंटर फॉर स्पेस साइंस में एस्ट्रोफिजिसिस्ट श्रवण हनासोगे ने एक बयान में कहा कि HFR की मौजूदगी, उनकी उत्पत्ति वाकई में ऐसा रहस्य है, जो सच है. इसमें कोई कल्पना नहीं है. कोई ढकोसला नहीं है. (फोटोः NYU अबु धाबी)

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श्रवण हनासोगे ने कहा कि हम इन विचित्र लहरों की स्टडी करके सूरज की उस प्रकृति के बारे में जान सकते हैं, जिसके बारे में अभी तक न सोचा गया था. न ही स्टडी की गई थी. हमें सूरज की आंतरिक संरचना से संबंधित डिटेल्स मिल सकती हैं. पहले वैज्ञानिकों को लगता था कि एकॉस्टिक सौर लहरें कोरियोलिस इफेक्ट (Coriolis Effect) की वजह से सूरज की सतह पर बनती हैं. (फोटोः NASA SDO)

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साधारण भाषा में जब किसी ग्रह के भूमध्यरेखा (Equator) की गति उसके ध्रुवों की गति से ज्यादा होती है. तब इसे कोरियोलिस इफेक्ट कहते हैं. एक बार जब सौर लहर जब उठती होगी, तो उसके HFR बनने की तीन वजहें हो सकती हैं. पहला सूरज की चुंबकीय शक्ति या गुरुत्वाकर्षण शक्ति. दूसरा कोरियोलिस इफेक्ट और तीसरा अत्यधिक कनवेक्शन करेंट्स. (फोटोः NASA SDO)

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ये तीनों मिलकर भी एक नए प्रकार की विचित्र सौर लहर (New Types of Strange Solar Waves) बना सकती हैं. इनकी वजह से ही इन विचित्र सौर लहरों को तीन गुना ज्यादा गति मिल रही है. जो कि उम्मीद से बहुत ज्यादा है. लेकिन समस्या ये है कि इन तीनों वजहों को पुख्ता नहीं माना जा रहा है. (फोटोः NASA SDO)

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न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के अबु धाबी सेंटर फॉर स्पेस साइंस में एस्ट्रोफिजिसिस्ट क्रिस हैन्सन ने कहा कि इन तीनों वजहों से HFR लहरें बन सकती हैं. लेकिन हम इसके बारे में अभी पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते. क्योंकि किसी भी वैज्ञानिक ने इन तीनों वजहों से बनती हुई इन विचित्र लहरों की गणना नहीं की गई.  (फोटोः NASA SDO)
 

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क्रिस हैन्सन ने कहा कि धीरे-धीरे जब हम अपनी जानकारियों को बढ़ाते जाएंगे, वैसे-वैसे हम सूरज के अंदरूनी हिस्सों को समझते चले जाएंगे. साथ ही यह भी पता चलेगा कि सूरज कैसे धरती पर असर डालता है. या किसी अन्य ग्रहों को प्रभावित करता है. साथ ही इसी तरह की अन्य हाई-फ्रिक्वेंसी लहरें रॉसबाई वेव्स (Rossby Waves) का भी पता चलेगा. ये लहरें धरती पर मौजूद सभी समुद्रों को चार गुना ज्यादा गति से पार करती हैं. (फोटोः NASA SDO)

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