अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने बाद धरती पर लौट आए हैं. सुनीता विलियम्स जब 2007 में भारत आईं, तो उनका भव्य स्वागत किया गया था. उनका भारतीय संस्कृति और विरासत से गहरा जुड़ाव दिखता है. उनके स्वागत में खास समारोह आयोजित किया गया था.
साल 2007 में सुनीता भारत आईं थीं. अपनी भारत यात्रा के दौरान सुनीता ने अपने रिश्तेदारों के साथ समय बिताया. इस दौरान की कई तस्वीरें सामने आईं हैं. इन तस्वीरों में वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करती नजर आ रही हैं.
सुनीता विलियम्स के रिश्तेदारों ने जो तस्वीरें साझा की हैं, उनमें सुनीता के साथ उनकी भाभी फाल्गुनी पांड्या भी साथ हैं. उनके रिश्तेदारों ने सुनीता के साथ बिताए पलों को ताजा करते हुए यादें ताजा की हैं.
सुनीता जब भारत आईं थीं, तो इस यात्रा के दौरान पारिवारिक समारोह में शामिल हुईं. भारतीय संस्कृति से गहरा लगाव रखने वाली सुनीता तस्वीर में अपनों के साथ काफी खुश नजर आ रही हैं.
सुनीता जिस मिशन पर अंतरिक्ष गईं थीं, वह 8 दिनों का था, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते इसमें 9 महीने का वक्त लग गया. सुनीता और बुच को 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया था. हालांकि, कुछ तकनीकी खामियों के चलते उनकी वापसी बार-बार टलती रही, और अंततः वे 286 दिनों (करीब 9 महीने) बाद धरती पर लौटे. इस देरी के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए और रखरखाव कार्यों में मदद की.
सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने की खबर सुनते ही गुजरात में उनके पैतृक गांव जुलासन में जश्न का माहौल बन गया. उनके रिश्तेदार और गांववाले खुशी से झूम उठे. मंदिरों में प्रार्थनाएं की गईं और मिठाइयां बांटी गईं. गांव के लोगों को इस बात का गर्व है कि उनकी बेटी ने फिर से इतिहास रच दिया.
नासा के अनुसार, इस मिशन के दौरान सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने कुल 900 घंटे का वैज्ञानिक शोध पूरा किया. उन्होंने अंतरिक्ष में 150 से अधिक प्रयोग किए और कई नए रिकॉर्ड बनाए. खास बात यह रही कि उन्होंने अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. इसके अलावा, उन्होंने 62 घंटे 9 मिनट स्पेस स्टेशन के बाहर बिताए, यानी कुल 9 बार स्पेसवॉक किया.
सुनीता विलियम्स साल 2007 में भारत आई थीं. इस दौरान उन्होंने अपने परिवार और रिश्तेदारों से मुलाकात की. उनकी भाभी फाल्गुनी पांड्या ने इस यात्रा की कुछ तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें सुनीता अपने परिवार के साथ यादगार पलों का आनंद ले रही हैं.
बच्चों को हमेशा प्रेरित करने वाली सुनीता कुछ तस्वीरों में बच्चों के साथ बातचीत करती नजर आ रही हैं. वह विज्ञान और अंतरिक्ष के प्रति उनका उत्साह बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं.
इस यात्रा के दौरान सुनीता अपनी चचेरी भाभी फाल्गुनी पांड्या से मिलींय फाल्गुनी ने उनके साथ कई तस्वीरें साझा कीं. एक अन्य तस्वीर में सुनीता अपनी बड़ी बहन दीना और फाल्गुनी के साथ नजर आ रही हैं.
सुनीता विलियम्स हमेशा से ही बच्चों के प्रति बेहद संवेदनशील रही हैं. वे उन्हें प्रेरित करने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं. चाहे वे अमेरिका में हों या भारत में, वे हमेशा युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान और नासा के अभियानों के बारे में जागरूक करने की कोशिश करती हैं.
सुनीता विलियम्स का जीवन उन लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, जो अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत रखती हैं. उनकी उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि अगर इंसान के अंदर जुनून हो, तो वह किसी भी ऊंचाई को छू सकता है.
भारत यात्रा के दौरान उन्हें कई मंचों पर सम्मानित किया गया था. इस दौरान रिश्तेदारों के अलावा उन्होंने कई शख्सियतों से मुलाकात की थी. एक तस्वीर में वे एक विशेष सम्मान समारोह में भाग लेती नजर आ रही हैं.
फाल्गुनी पांड्या ने एक वाकया शेयर किया. जब सुनीता पहली बार अंतरिक्ष जाने वाली थीं, तब उनका भतीजा अपने स्कूल में यह बात दोस्तों को बताता था. हालांकि, कई बच्चे इस बात पर यकीन नहीं करते थे और मजाक उड़ाते थे. जब यह बात सुनीता को पता चली, तो उन्होंने खासतौर पर न्यू जर्सी जाकर अपने भतीजे के स्कूल का दौरा किया और वहां बच्चों से बातचीत की. उन्होंने खुद बच्चों को बताया कि वे नासा की अंतरिक्ष यात्री हैं और जल्द ही अंतरिक्ष की यात्रा करेंगी. उनकी इस पहल से बच्चे बेहद प्रेरित हुए.
सुनीता ने अपनी भारत यात्रा के दौरान परिजनों से मिलीं. इसी के साथ वैज्ञानिकों और छात्रों के साथ बातचीत भी की थी. उन्होंने अपने अंतरिक्ष अभियानों से जुड़ी कहानियां साझा की थीं. भारत में अपने परिवार से मिलते हुए सुनीता भावुक नजर आ रहीं थीं.
भारत में सुनीता ने कई महत्वपूर्ण लोगों से अंतरिक्ष विज्ञान और अपने अनुभवों पर खुलकर चर्चा की थी. सुनीता जब अपने पैतृक गांव पहुंचीं, तो वहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था. उन्होंने अपने गांव में बिताए बचपन के दिनों को याद किया था.
एक तस्वीर में सुनीता विलियम्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करती नजर आ रही हैं. ये मुलाकात किसी समारोह में हुई थी. सुनीता ने अपने अंतरिक्ष के अनुभवों के साथ ही विज्ञान से जुड़ी बातें साझा की थीं.
इस दौरान समारोह में सुनीता विलियम्स का भव्य तरीके से स्वागत किया गया था. सुनीता ने अपने मिशन के अनुभव साझा करते हुए बताया था कि अंतरिक्ष में बिताए पलों ने उन्हें जीवन के प्रति नया दृष्टिकोण दिया.
भारत यात्रा के दौरान उन्होंने विज्ञान और अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले युवाओं से मुलाकात की और उन्हें प्रेरित किया. सुनीता ने भारत के ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा किया. वे भारतीय संस्कृति और इतिहास में गहरी रुचि रखती हैं.
बता दें कि सुनीता अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला हैं. उन्होंने कुल 286 दिन अंतरिक्ष में गुजारे हैं. इस बार मिशन में उन्होंने कुल 62 घंटे 9 मिनट स्पेस स्टेशन के बाहर बिताए. उन्होंने ISS पर 150 से अधिक महत्वपूर्ण शोध कार्य किए.
9 महीने बाद धरती पर लौटकर सुनीता विलियम्स ने यह साबित कर दिया कि हिम्मत और जज़्बे के आगे कोई भी बाधा मायने नहीं रखती. उनका यह मिशन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए मार्गदर्शक साबित होगा.
गुजरात के लोगों को सुनीता विलियम्स पर गर्व है. उनके पैतृक गांव जुलासन में हर बार उनकी सफलता पर जश्न मनाया जाता हैय गांव के लोग उन्हें अपनी बेटी मानते हैं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं.
तस्वीर में सुनीता अपने रिश्तेदारों के साथ खुशियों के पल बिता रही हैं. उनके चेहरे पर खुशी झलक रही है. सुनीता ने अपने चाहने वालों के लिए ऑटोग्राफ भी दिए. वे हमेशा बच्चों को प्रेरित करने के लिए तत्पर रहती हैं. सुनीता ने भारत में अपने दौरे के दौरान बच्चों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई थी. अपने परिवार के सदस्यों के साथ हंसी-मजाक करती दिखीं. उनके साथ बिताए पल यादगार बन गए.