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Libya Floods: एक नदी, दो बांध और रात के ढाई बजे शहर भर में बर्बादी... डर्ना ऐसे बन गई घोस्ट सिटी!

आजतक साइंस डेस्क
  • डर्ना,
  • 19 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST
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ये हैं अयद सलेम (Ayyad Salem). 57 साल के हैं. हफ्ता भर पहले जब बांध टूटने से डर्ना शहर में फ्लैश फ्लड आई. ये भागकर छत पर चढ़ गए. अयद कहते हैं कि ये भयावह सपना था, जिसे हम कभी दोबारा नहीं देखना चाहते. रात के 2:20 बजे थे. अभी सोने की तैयारी में था. मेरी बेटी उठी उसने देखा कि ग्राउंड फ्लोर पर पानी भर रहा है. (सभी फोटोः रॉयटर्स)

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बेटी के उठाने पर हम सभी भागकर छत पर चढ़ गए. इसके थोड़ी देर बाद मैं भागकर नीचे के कमरे में गया ताकि दरवाजा बंद कर सकूं. पानी बहुत तेजी से निचली मंजिल पर भर रहा था. वह भी चारों तरफ से. मैंने अपने बच्चों को ऊपर ही रहने को कहा. दरवाजा बंद करने के कई प्रयास किए लेकिन पानी के फोर्स की वजह से कर नहीं पाए. 

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मुझे पानी की धार ने कमरे में धकेल दिया. मैं पानी में थोड़ी देर गोते लगाता रहा. ऊपर वाले का करम था कि मैं बच गया. मेरे गले तक पानी भर आया था. मैं बहुत मुश्किल से सांस ले पा रहा था. आधे घंटे बाद पानी कम होना शुरू हुआ. सिर्फ यही इकलौती कहानी नहीं है लीबिया की. ऐसी सैकड़ों कहानियां हैं.

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एक शहर जो समुद्र के किनारे बसा हो. दूसरी तरफ पहाड़ हो. उस पर दो-दो बांध बने हों. दोनों टूट जाएं, तो उसमें भरा पानी कितनी तेजी से शहर की ओर बहेगा. 11,300 लोगों के मारे जाने की खबर है. 40 हजार से ज्यादा लोग लापता हैं. अब डर्ना शहर में चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ दुख, दर्द, डर और बीमारियों से मरने की आशंका है. 

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इस समय डर्ना शहर का केंद्र कचरे का ढेर बना हुआ है. जहां पर आवार कुत्ते कीचड़ और मलबे में खाने की चीजें खोज रहे हैं. इमारतें ऐसी हो गई हैं, जैसे उन्हें बैसाखियों के सहारे खड़ा किया गया हो. ऊपर की इमारत सही दिख रही है, नीचे से दीवारें खोखली हो चुकी हैं. वजह उन बांधों का तूफान डैनियल की वजह से टूटना था. 

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डर्ना शहर के मेयर ने कहा कि कम से कम हमने 20 हजार से ज्यादा लोगों को खो दिया है. जबकि WHO का मानना है कि यहां पर 3922 लोगों की मौत हुई है. अब तक भूमध्यसागर से 283 शव निकाले जा चुके हैं. अब भी खोजबीन जारी है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को खोजा जा सके. कई लोगों के सिर्फ कुछ अंग ही मिल रहे हैं, पूरा शरीर नहीं. 

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सैकड़ों लोगों ने डर्ना में प्रदर्शन भी किया. प्रशासन से इस आपदा के बदले सही कार्यवाही करने को कहा. आरोप लगाया कि जब पहले से पता था कि ये दोनों बांध कभी भी टूट सकते हैं, तो फिर उनके लिए कुछ काम क्यों नहीं किया गया.  39 वर्षीय प्रदर्शनकारी ताहा मिफ्ताह ने कहा कि इस घटना की जांच अंतरराष्ट्रीय टीम से करानी चाहिए. 

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वही टीम बचे हुए बांधों की स्थिति की जांच करें. 2011 में गद्दाफी के हटने के बाद से लीबिया की स्थिति ठीक नहीं है. नाटो ने गद्दाफी को तो खत्म कर दिया. लेकिन वहां सही सरकार बनाने में असफल रही. डर्ना पूर्व की तरफ मौजूद शहर है. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार के अधीन नहीं आता. यह सरकार पश्चिम में सरकार चलाती है. 

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पूर्व में 2019 के बाद इस्लामिक आतंकी समूहों जैसे अलकायदा और इस्लामिक स्टेट की शाखाएं शासन कर रही थीं. स्थानीय लोग कहते हैं कि डर्ना के कमजोर होते बांध की खबर सभी को थी. बांधों की मरम्मत का काम एक दशक से रुका हुआ था. इस काम में प्रशासन और सरकारें दोनों ही फेल रही हैं. इसलिए ये हादसा हुआ. 

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पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री ओथमन अब्दुलजलील ने कहा कि हमें अब भी उम्मीद है कि हम कुछ लोगों को जिंदा खोज लेंगे. ये बात सही है कि अब लोगों को सही सलामत निकालने की उम्मीद कम होती जा रही है. लेकिन हमारा प्रयास कम नहीं होगा. हम कीचड़, मलबे और समुद्र से लोगों के शव निकालने का काम कर रहे हैं. 

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62 वर्षीय अहमद अशूर कहते हैं कि मेरी बेटी और उसका पति भी इस बाढ़ में मारे गए. मैं बच गया. अब मुझे उन दोनों की तीन साल की नातिन को पालना होगा. अशूर की पत्नी तो ये मान ही नहीं पा रही हैं कि ऐसी कोई घटना हुई है. वो इतने ज्यादा सदमे में हैं. अशूर की पत्नी को लगता है कि उसके बेटी-दामाद अब भी जिंदा हैं. 

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कुछ लोग तो अकेले ही बच गए हैं. उनका पूरा परिवार, अधिकतर रिश्तेदार, पड़ोसी, दोस्त सब इस बाढ़ में बह गए. अब इस समय चारों तरफ कीचड़ है. सड़ते हुए शव हैं. ऐसे में बीमारियों के फैलने का खतरा है. क्योंकि पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है. राहत एवं बचाव दल पहुंच रहे हैं. लेकिन वो पर्याप्त मात्रा में नहीं जा रहे हैं. 

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