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साइंस न्यूज़

भविष्य में इन देशों में लगेगी 'आग', भयानक गर्मी और हीटवेव से जूझेंगे दुनिया के ये इलाके

aajtak.in
  • लंदन,
  • 01 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST
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हीटवेव से सिर्फ सूखा ही नहीं आएगा. बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास, आबादी, ऊर्जा और सेहत संबंधी सुविधाओं पर सीधा असर पड़ता है. इसलिए इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि भविष्य में ऐसे कौन से देश हैं, जहां पर हीटवेव का असर सबसे ज्यादा होगा? ताकि पहले से सुरक्षा के उपाय किए जा सकें. (फोटोः एपी)

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हीटवेव का सीधा और सबसे ज्यादा असर अफगानिस्तान, पापुआ न्यू गिनी और मध्य अमेरिका पर सबसे ज्यादा पड़ेगा. बीजिंग और मध्य यूरोप भी प्रभावित होंगे. इन देशों की बड़ी आबादी को हीटवेव का नुकसान झेलना पड़ेगा. सेहत बिगड़ेगी. लोगों की मौत तक होगी. (फोटोः एएफपी)

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शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में लिखा है कि  आमतौर पर देश उन आपदाओं के लिए तैयार रहते हैं, जो वो बर्दाश्त कर चुके हैं. लेकिन हीटवेव की मात्रा अचानक से बढ़ेगी. इसके लिए कोई भी देश तैयार नहीं है. नीतियां बनाने वालों को इसकी तैयारी करनी चाहिए. क्योंकि इंसानों की वजह से बदल रहा जलवायु ही नुकसान कर रहा है. (फोटोः एएफपी)

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इस स्टडी में दुनिया के 136 इलाकों को कवर किया गया है. इसमें से 31 फीसदी इलाका ऐसा है, जहां पर एक्स्ट्रीम हीटवेव की घटना होगी. क्योंकि इन स्थानों पर पिछले 60 सालों से लगातार तापमान बढ़ता ही जा रहा है. चाहे वह गर्मी के मौसम का हो या फिर सर्दियों के मौसम का. औसत पारा चढ़ ही रहा है. (फोटोः रॉयटर्स)

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इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के क्लाइमेट साइंटिस्ट विक्की थॉमसन कहते हैं कि हीटवेव्स के आने की मात्रा और तीव्रता तेज होती जा रही है. हमें इसके लिए तैयार रहना होगा. हमने कुछ इलाके पहचाने हैं, जहां पर भविष्य में भयानक गर्मी पड़ेगी. क्योंकि वहां आबादी तेजी से बढ़ रही है. विकासशील देश हैं. वहां गरीबी है. (फोटोः एएफपी)

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ज्यादा तापमान से सिर्फ इंसान की मौत ही नहीं होगी. बल्कि इससे रोजमर्रा के जीवन पर भी असर पड़ेगा. खेती-बाड़ी को नुकसान होगा. जंगलों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ जाएंगी. लेकिन इन्हें कम किया जा सकता है. शहरों में शिफ्ट में काम करने वालों के वर्किंग आवर कम करके. शहरी इलाकों में ठंडे रहने वाली जगहें बनाकर. (फोटोः रॉयटर्स)

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विकासशील देशों को तो बेहद सख्त नियमों का पालन करना होगा. क्योंकि बढ़ते तापमान का असर उन देशों में ज्यादा होगा. तैयारी ही बचाव का रास्ता है. ज्यादा हीटवेव की वजह से गर्मी से संबंधित मौतों की संख्या बढ़ जाती है. हर साल लाखों की संख्या में लोग हीटवेव से मारे जाते हैं. (फोटोः एपी)

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वैज्ञानिकों की यह स्टडी नेचर कम्यूनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुई है. जिसमें बताया गया है कि हीटवेव से कोई भी देश नहीं बचेगा. लेकिन पहले से कुछ तैयारी की जाए तो सफलता मिल सकती है. लोगों को थोड़ी राहत मिल जाएगी. 

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