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साइंस न्यूज़

भारत में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के दो नए म्यूटेंट स्ट्रेन इंग्लैंड में मिले

aajtak.in
  • लंदन,
  • 30 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST
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भारत में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस अब दूसरे देशों को संक्रमित करना शुरु कर रहा है. वह भी नए खतरनाक रूप में. भारत में मिले कोरोना स्ट्रेन B.1.617 ने अपने दो नए म्यूटेंट रूप बना लिए हैं. ये म्यूटेंट स्ट्रेन इंग्लैंड में भी मिले हैं. दोनों स्ट्रेन की वजह से इंग्लैंड में करीब 250 लोग संक्रमित हुए हैं. अब इंग्लैंड के पब्लिक हेल्थ विभाग ने कहा है कि हम इन दोनों वैरिएंट्स की जांच कर रहे हैं. क्योंकि इन्हीं वैरिएंट्स की वजह से भारत में हर दिन तीन लाख से ज्यादा कोरोना मामले आ रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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ब्रिटिश सरकार ने कहा कि इन दोनों नए म्यूटेंट स्ट्रेंस को मिलाकर हम 13 नए स्ट्रेंस की जांच कर चुके हैं. भारत से आए दो नए म्यूटेंट कोरोना वायरस का नाम है - B.1.617.2 और B.1.617.3. पहले म्यूटेंट वायरस B.1.617.2 की वजह से ब्रिटेन में 202 लोग बीमार हैं. दूसरे म्यूटेंट वायरस B.1.617.3 की वजह से पांच लोग बीमार है. इंग्लैंड में B.1.617 स्ट्रेन के 172 कोरोना मरीज भी हैं. कुछ और लोगों के जांच परिणाम अभी सामने नहीं आए हैं. (फोटोःगेटी)

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ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के मुख्य स्ट्रेन B.1.617 ने ही इस समय तबाही मचा रखी है. हर दिन 3 लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं. पिछले हफ्ते ही भारत में कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की संख्या 2 लाख पार कर गई. भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ज्यादा भयावह है. (फोटोःगेटी)

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पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा कि वह भारतीय कोरोना वायरस के तीनों स्ट्रेन पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. इन वायरसों को रोकने का सबसे बेहतरीन तरीका हैं- हाथों का साफ रहना. चेहरा ढंका रहना. रेस्ट्रिक्शन का पालन करना और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना. इसके अलावा इस वायरस से बचने का फिलहाल कोई तरीका नहीं है. (फोटोःगेटी)

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पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा कि फिलहाल इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि भारत से यूके में आए तीनों स्ट्रेंस की वजह से गंभीर समस्याएं आ रही हैं. ऐसा भी नहीं है कि वर्तमान में जो वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही है, उसे ये स्ट्रेन प्रभावित करेंगे. ये वैरिएंट्स फिलहाल मौजूद सभी ज्यादातर टीकों से कमजोर हो सकते हैं. उन्हें एक हद तक निष्क्रिय किया जा सकता है. (फोटोःगेटी)

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पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा कि यूके में फिलहाल इन तीनों स्ट्रेन से संबंधित कोरोना केस कम हैं. साथ ही भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार फैले हुए हैं. इस समय हमारे वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में अपने अंतरराष्ट्रीय पार्टनर्स के साथ मिलकर इन स्ट्रेंस का अध्ययन कर रहे हैं. म्यूटेंट कोरोना वायरस के असर को जानने का प्रयास कर रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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वैज्ञानिक ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय कोरोना वायरस के दोनों म्यूटेंट का व्यवहार कैसा है. उसे कैसे रोका जा सकता है. दोनों म्यूटेंट और मुख्य वायरस की सीमाएं क्या हैं. पिछले हफ्ते ही ब्रिटिश सरकार को यह पता चला था कि भारतीय कोरोना वायरस वैरिएंट से लोग संक्रमित हो रहे हैं. इस वैरिएंट का नाम है B.1.617. PHE के वैज्ञानिक इस पर ज्यादा जानकारियां जमा कर रहे हैं. (फोटोःगेटी)

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इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत के कोरोना वायरस स्ट्रेन फिलहाल दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजीलियन स्ट्रेन से कम खतरनाक है. इससे लोग संक्रमित तो हो रहे हैं लेकिन मौत की दर अफ्रीका और ब्राजील के कोरोना वायरस से काफी कम है. भारतीय वैरिएंट के म्यूटेशन में E484Q, L452R और P681R शामिल हैं. ये तीनों कोडिंग्स एक तरह के म्यूटेशन ही है. (फोटोःगेटी)

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अगर E484Q, L452R और P681R में से कोई दो म्यूटेशन किसी कोरोना वायरस स्ट्रेन में मिलता है तो उसे डबल म्यूटेंट और तीनों मिलते हैं ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस कहते हैं. डबल म्यूटेंट स्ट्रेन पर फिलहाल मौजूद वैक्सीन का असर कम होगा. वहीं, ट्रिपल म्यूटेंट ज्यादा संक्रामक होगा. ये तेजी से लोगों को बीमार करेगा. भारत में फिलहाल डबल और ट्रिपल म्यूटेंट वायरस फैले हुए हैं. (फोटोःगेटी)

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ब्रिटेन के पर्यावरण सेक्रेटरी जॉर्ज यूस्टिस ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने ये बात बताई है कि B.1.617 मुख्य स्ट्रेन इतनी तेजी से यूके में नहीं फैल रहा था. जबकि इसके म्यूटेंट कोरोना वायरस इसकी तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहे हैं. हालांकि, सतर्कता तीनों वैरिएंट्स को लेकर बरती जा रही है. तीनों में किसी भी स्ट्रेन से लोग बीमार पड़ सकते हैं. लापरवाही करने पर मारे भी जा सकते हैं. (फोटोःगेटी)
 

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